BMDP नारी : कल, आज और कल विषयक राष्ट्रीय वेबिनार संपन्न। नारी का है आने वाला कल : प्रो. शुक्ला

*नारी : कल, आज और कल विषयक राष्ट्रीय वेबिनार संपन्न*

नारी का है आने वाला कल : प्रो. शुक्ला

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भारतीय समाज में अलग-अलग कालखंडों में नारी की स्थिति अलग-अलग रही है। वैदिक काल में नारियों का स्थान काफी ऊंचा था। लेकिन मध्य काल में नारियों की स्थिति में काफी गिरावट आ गई। फिर आधुनिक काल में नारियों की स्थिति सुदृढ़ हुई। यह बात मुख्य अतिथि के रूप में कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा (झारखंड) के पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ.) शुक्ला सिंह मोहन्थी ने कही। वे शनिवार को नारी : कल, आज और कल विषयक राष्ट्रीय वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं। कार्यक्रम का आयोजन भारतीय महिला दार्शनिक परिषद् के तत्वावधान में किया गया है। इसमें ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा भी सह आयोजक की भूमिका निभाई। आयोजन आगामी अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस- 2023 को ध्यान में रखकर किया गया।

उन्होंने कहा कि नारी आज काफी आगे की दूरी तय कर चुकी है। लेकिन आगे अभी और भी चुनौतियां हैं। हम इन चुनौतियों से मुकाबला करेंगे, तो आने वाला कल नारी का होगा।

कार्यक्रम में स्वागत वक्तव्य भारतीय महिला दार्शनिक परिषद् की अध्यक्षा एवं दर्शनशास्त्र विभाग, रांची विश्वविद्यालय, रांची (झारखंड) की सेवानिवृत्त प्रोफेसर प्रो. (डॉ.) राजकुमारी सिन्हा ने कहा कि नारी एवं पुरुष दोनों को मिलकर एक बेहतर समाज का निर्माण करना है और आने वाली पीढ़ी को सही दिशा देनी है। भारतीय सभ्यता-संस्कृति के उद्दात मूल्यों को आगे बढ़ाना होगा।

विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए दर्शन परिषद्, बिहार की कोषाध्यक्ष एवं दर्शनशास्त्र विभाग, जे. डी. वीमेंस कॉलेज, पटना (बिहार) की विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वीणा कुमारी ने कहा कि भारत सहित पूरी दुनिया में महिलाओं के साथ भेदभाव हुआ है। हम स्त्रियों की यह जिम्मेदारी है कि हम स्वयं अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करें और हीनभावना से मुक्त हों। आने वाला कल हमारा होगा।

विषय प्रवेश कराते हुए परिषद् की उपाध्यक्ष एवं दर्शन एवं धर्म विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में प्रोफेसर प्रो. (डॉ.) ज्योत्सना श्रीवास्तव ने कहा कि नारी को न तो पुरुषों से पीछे रहना है और न ही आगे आना है। नारी को पुरुषों के बराबर होना है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष एवं दर्शनशास्त्र विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना (बिहार) के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) रमेशचन्द्र सिन्हा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन परिषद् की उपाध्यक्ष एवं दर्शनशास्त्र विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) पूनम सिंह ने किया।
प्रश्नोत्तर सत्र में क ई लोगो ने प्रश्न पुछा। बीएनएमयू के डॉ. सुधांशु शेखर और पटना विश्वविद्यालय की आकांक्षा ने युवाओं की ओर से अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दीं।

इस अवसर पर डॉ. आलोक टंडन, वंदना शर्मा, चंदन कुमारी, डॉ. संगीता कुमारी, डॉ. सुधा, इंदू कुमारी, ललित कुमार, माधवी कवि, मौसम कुमारी, माया मिश्रा, डॉ. रागिनी सिन्हा, सौरव कुमार, सरोजिनी, श्रुति परमार, सौरव कुमार चौहान, शुक्ला श्री, श्याम प्रिया, सुमन कुमारी, डॉ. कुमारी रागिनी सिन्हा, डॉ. हिमांशु शेखर सिंह आदि उपस्थित थे।