Gandhi-Vimarsh गांधी के बहाने समकालीन संकटों का समाधान…
'गाँधी-विमर्श' किताब मेरे उस मित्र ने लिखी है जिनके साथ बहस करके हमने पढ़ना-लिखना सीखा । सुधांशु शेखर से 2002 से मित्रता है, तबसे इन्हें भागलपुर में सभी प्रगतिशील गतिविधियों में सक्रिय देखता हूँ । कई मोर्चे पर हमारी साझा लड़ाई कामयाब रही है । सुधांशु की पूरी पढ़ाई भागलपुर में हुई ।इन्होनें भागलपुर विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र विभाग से ''वर्ण व्यवस्था और सामजिक न्याय:डॉ भीमराव अम्बेडकर के विशेष संदर्भ में" विषय पर पीएच.डी. की है। खासबात कि जितनी गंभीरता से अम्बेडकर की व्याख्या करते हैं,उतनी ही उदारता से गाँधी की और मार्क्स की भी । वैकल्पिक विचार का पूरा तानाबाना इनके लेखों में बुना गया है । ,अम्बेडकर, लोहिया,गांधी,मार्क्स,जेपी आदि सभी वैचारिक योद्धाओं पर इनकी जो पढ़ाई है और जिस खुलेपन से इनकी व्याख्या है मुझे देश में दूसरा कोई नौजवान अभी तक नहीं दिखा !
प्रस्तुत पुस्तक में 13 छो...