Bihar बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा प्रथम चरण (TRE-1) के तहत फर्जी विद्यालय अध्यापकों की पहचान।

शिक्षा विभाग।

प्रेषक,

के०के० पाठक, भा.प्र.से. अपर मुख्य सचिव।

सेवा में,

सभी जिला पदाधिकारी, बिहार।

पटना, दिनांक 28.12.201

विषय :- बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा प्रथम चरण (TRE-1) के तहत फर्जी विद्यालय अध्यापकों की पहचान ।

महाशय,

आप अवगत हैं कि गत 02 नवम्बर-2023 को लगभग 1.2 लाख विद्यालय अध्यापकों को तदर्थ नियुक्ति-पत्र वितरण किया गया है। तत्पश्चात् इनका विद्यालय में पदस्थापन किया गया और 01 लाख से अधिक विद्यालय अध्यापक वर्तमान में विद्यालय में योगदान करके अध्यापन का कार्य भी कर रहे हैं।

2. किन्तु इस दौरान ऐसी शिकायतें प्राप्त हुई है, जिससे यह पता चला है कि ऐसे कुछ लोगों ने फर्जी नियुक्ति-पत्र बनवाने अथवा फर्जी नाम से विद्यालय में योगदान दिया है या ऐसी कोशिश की है। हाल ही में हाजीपुर और सहरसा जिले में ऐसे प्रकरण सामने आए हैं। संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध प्राथमिकी दायर की जा चुकी है और इसमें कुछ की गिरफ्तारियां भी हुई।

3. यहां ध्यान देने की बात यह है कि इतनी सतर्कता बरतने के बावजूद ऐसा कैसे हो गया कि जिस व्यक्ति ने BPSC की परीक्षा दी थी, वह कोई और है और जिस व्यक्ति ने विद्यालय में योगदान दिया, वह कोई और है। यह इस कारण हुआ क्योंकि BPSC ने उस समय (नवम्बर-2023 में) विभाग को उन अभ्यर्थियों का Thumb Impression नहीं प्रदान किया था, जिसके कारण हम संतुष्टि नहीं कर पाए कि जिस व्यक्ति ने विद्यालय में योगदान किया है, यह वही व्यक्ति है, जिसने BPSC की परीक्षा दी थी। जिला स्तर पर ये लोग इसलिए पकड़ में नहीं आए, क्योंकि संभवतः काउंसिलिंग में भी वही व्यक्ति आया, जिसने BPSC की परीक्षा दी थी। चूंकि उस वक्त विभाग के पास BPSC से Thumb Impression प्राप्त नहीं हुआ था, अतः हमारे पास कोई माध्यम नहीं था, जिससे हम यह सुनिश्चित कर सकें कि यह सही व्यक्ति है।

4. किन्तु हाल ही में (18 दिसम्बर 23 के बाद से) प्रत्येक जिले से randomly लगभग 04 हजार अध्यापकों को Re-verification के लिए बुलाया गया। जब उनकी पहचान की गयी तो 01 अध्यापक हाजीपुर का तथा सहरसा के 02 अध्यापक पकड़े गए। अन्य 03 अध्यापक भाग खड़े हुए।

5. इसको देखते हुए विभाग ने पुनः BPSC को कहा कि हमें TRE-2 की वर्तमान में चल रही काउंसिलिंग हेतु Thumb Impression अनिवार्य रूप से दिया जाए और साथ ही TRE-1 के अभ्यर्थियों का भी Thumb Impression दिया जाए। BPSC ने अब दोनों परीक्षाओं (TRE-1 एवं TRE- 2) के लिए Thumb Impression उपलब्ध कराने की सहमति दी है और BPSC के वेंडर द्वारा सभी जिलों में इन मशीनों को लगाना शुरू कर दिया है, जहां ये Thumb Impression संधारित है।

अतः उपरोक्त को देखते हुए विभाग ने निर्णय लिया है कि TRE-1 में नियुक्त सभी अध्यापकों का पुनः Reverification दिनांक 15.01.2024 से प्रारंभ किया जाएगा:- उक्त के परिप्रेक्ष्य में आपको निम्नलिखित कार्रवाई सुनिश्चित करना है:-
क- BPSC के वेण्डर की मशीन से Thumb Impression का मिलान:- TRE-1 के तहत आपके

जिले में जितने विद्यालय अध्यापक इस समय अध्यापन का कार्य कर रहे हैं, उन्हें विद्यालय अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रधानाध्यापक के साथ जिला मुख्यालय में चरणबद्ध तरीके से बुलवायें और उनका Thumb Impression का मिलान BPSC के Vendor की मशीन में stored thumb impression से किया जाए। प्रधानाध्यापक को साथ आना इसलिए जरूरी है, ताकि वह बता सकें कि यह वही विद्यालय अध्यापक हैं, जो पिछले लगभग 1 माह से उनके विद्यालय में पढा रहे हैं। यदि BPSC की मशीन में स्टोर किये गये Thumb Impression से उस अध्यापक का Thumb Impression का मिलान नहीं होता है तो यह माना जाएगा कि वे फर्जी शिक्षक हैं और उनकी गहन छानबीन कर प्राथमिकी / गिरफ्तारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

ख- M Aadhaar App पर जाकर आधारकार्ड की History को देखा जाना:- जब ये अध्यापक आएं, तो उनका आधार लिंक मोबाईल के माध्यम से M Aadhaar App पर जाकर भी संतुष्ट हो लें

कि पिछले 6 महीनों में उन्होंने अपने आधारकार्ड में क्या-क्या बदलाव किए हैं। आप अवगत हैं कि कोई भी आधारकार्डधारी अपना नाम, पता, फोटो इत्यादि आधारकार्ड में बदल सकता है। सहरसा वाले प्रकरण में ठीक यही बात हुई थी। उक्त फर्जी अध्यापक ने 02 नवम्बर 2023 को गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र लेने से ठीक एक दिन पहले अपने आधारकार्ड में अपनी असली फोटो डाल दी थी। अतः संबंधित विद्यालय अध्यापक को जब Re-verification के लिए बुलाया जाए तो उसका आधार लिंक मोबाईल से OTP प्राप्त कर आधार की वेबसाईट “M Aadhar” पर जाकर उसका पूरा इतिहास देख लिया जाए कि उसने कब-कब अपने आधार में किस प्रकार के बदलाव किये हैं।

ग- आधार QR Scanner ऐप से भी मिलानः- उपरोक्त के अतिरिक्त आधार के QR Scanner ऐप पर भी जाकर अध्यापक के आधारकार्ड पर दिए QR Code को भी Scan किया जाए और देखा जाए कि कोई संदेहास्पद बात तो नहीं है।

घ- CCTV की निगरानी अध्यापक और प्रधानाध्यापक जब उपरोक्त प्रक्रिया से गुजर रहे हों तो उस कमरे में CCTV रहना चाहिए।

पुनः स्पष्ट किया जाता है कि TRE-1 में जितने अध्यापक अपने विद्यालय में योगदान देकर पढ़ा रहे हैं, उन सभी को चरणबद्ध तरीके से अपने प्रधानाध्यापक के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में बुलाया जाए और BPSC के वेंडर के द्वारा उपलब्ध कराये गये मशीन से उसके Thumb Impression का मिलान किया जाए। इस पूरे दौरान जिला स्तर से एक दण्डाधिकारी की तैनाती भी करना उचित प्रतीत होता है।

6. TRE-2:- आपके जिले में TRE-2 की काउंसिलिंग भी चल रही हैं, अतः TRE-2 में निम्नलिखित सावधनियां अवश्य बरती जाए:-

क BPSC के वेण्डर की मशीन से Thumb Impression का मिलान:- TRE-2 के तहत आपके जिले में जितने अभ्यर्थी इस समय counselling के लिए आ रहे हैं उनका Thumb Impression का मिलान BPSC के Vendor की मशीन में stored thumb impression से किया जाए। यदि BPSC की मशीन में स्टोर किये गये Thumb Impression से उस अध्यापक का Thumb Impression का मिलान नहीं होता है तो यह माना जाएगा कि वे फर्जी अभ्यर्थी हैं और उनकी गहन छानबीन कर प्राथमिकी / गिरफ्तारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

– M Aadhaar App पर जाकर आधारकार्ड की History को देखा जाना:- जब ये अभ्यर्थी

ख counselling हेतु आएं तो उनका आधार लिंक मोबाईल के माध्यम से M Aadhaar App पर जाकर भी संतुष्ट हो लें कि पिछले 6 महीनों में उन्होंने अपने आधारकार्ड में क्या-क्या बदलाव किए हैं। आप अवगत हैं कि कोई भी आधारकार्डधारी अपना नाम, पता, फोटो इत्यादि आधारकार्ड में बदल सकता है। अतः ऐसी स्थिति में आधार नं० एवं आधार लिंक मोबाईल को लाना अनिवार्य बनाया जाए। उस आधार लिंक मोबाईल पर OTP भेजकर M Aadhar एप से यह जांच किया जाए कि पिछले 6 महीने में उसने अपने आधारकार्ड में क्या परिवर्तन किया है। संदेह की स्थिति में उसकी काउंसिलिंग स्थगित किया जाए।

ग- आधार QR Scanner ऐप से भी मिलानः उपरोक्त के अतिरिक्त QR Scanner ऐप पर भी जाकर अभ्यर्थी के आधारकार्ड पर दिए QR Code को भी Scan किया जाए और देखा जाए कि कोई संदेहास्पद बात तो नहीं है।

घ- TRE-2 के तहत चयनित विद्यालय अध्यापक जब कुछ दिन विद्यालय में पढ़ा लेंगे तब (संभवतः जनवरी माह के अंत में) इन अध्यापकों को आप पुनः जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में बुलायेंगे। इस बार वे प्रधानाध्यापक के साथ आयेंगे और पुनः उनका Re-verification किया जाएगा। Re-verification की यह प्रक्रिया ठीक उसी प्रकार की जाएगी, जिस प्रकार उपरोक्त TRE- 1 के अभ्यर्थियों के लिए अपनायी गई थी।

7.

साथ ही, TRE-2 के काउंसिलिंग सेंटर पर दण्डाधिकारी की प्रतिनियुक्ति भी की जाए। यह

सुनिश्चित किया जाए कि Counselling Center में CCTV लगा हुआ हो।

8. यह स्पष्ट किया जाता है कि उपरोक्त दोनों चरणों के Re-verification होने तक BPSC के वेंडर की मशीनें जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध रहेंगी। अनुरोध है कि उपरोक्त के आधार पर सावधनियां बरतने हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेशित करें।

355/05

विश्वासभाजन,

(के०के० पाठक)

ज्ञापांक प्रतिलिपिः-सभी उप विकास आयुक्त/सभी पुलिस अधीक्षक, बिहार कार्रवाई हेतु प्रेषित। को सूचनार्थ एवं आवश्यक

अपर मुख्य सचिव।

पटना, दिनांक 28-12-2029

अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार, पटना।

2872.2023

ज्ञापांक 355/5

पटना, दिनांक प्रतिलिपिः-सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, शिक्षा विभाग, बिहार को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित।

अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार, पटना।

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