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Kavita नारीवादी (नीलिमा सिन्हा)
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Kavita नारीवादी (नीलिमा सिन्हा)

#नारीवादी (नीलिमा सिन्हा) उसने बजबजाती संकरी गली के एक सपाट समतल रास्ते से चलना शुरू किया था। गली धीरे धीरे खुलती चली गई, रास्ता गो कि अब भी सीधा ही था पर धीरे धीरे कंकड पत्थर से भरता चला गया। कंकड पत्थर के ढेर ऊंचे होते चले गए जैसेकि वो सीढियां हों और सीढियों के उपर कंकड-पत्थरों का एक छोटा पहाड खडा हो गया, गो कि रास्ता अभीतक कुछ खास लंबा नहीं हुआ था। वह सीढियों के उपर टंगे उस पहाड पर पहुंच चुकी थी। उसने अपना चेहरा टटोला, चेहरे पर दाढी मूंछ उग आए थे। उसने जोर से चिल्लाकर कहा- "लोगों! मेरी दाढी और मूछों के भरम में मत फंसना। हूं तो मैं औरत ही बस, औरत के पक्ष में कहती सुनती मैं धीरे धीरे मर्द-सी दिखने लगी हूं। ... सुनो! मैं मर्द नहीं हूं ! ... और मैं इस दुनिया में किसी मर्द को देखना भी नहीं चाहती।" ...और उसने बिल्कुल नामालूम-सी आवाज में कहा- "अब इसका क्या ...
Book आवश्यक सूचना।‌ 50 प्रतिशत छूट पर पुस्तकें उपलब्ध।
BHARAT, BIHAR, MEDIA, SRIJAN.AALEKH, SRIJAN.KAVITA, Univ. Dept.

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अत्यावश्यक सूचना ------------ आप सबों की सेवा में कुछ पुस्तकों का विवरण प्रस्तुत है। आप चाहें, तो आमंत्रित मूल्य पर उसे प्राप्त कर सकते हैं।  अधिक जानकारी और आर्डर हेतु 9934629245 पर वाट्सएप करें। -------विवरण----- 1. दार्शनिक विमर्श, संपादक- प्रो. (डाॅ.) प्रभु नारायण मंडल, मूल्य - ₹1000, आमंत्रित मूल्य - ₹500 2. मानववाद : संदर्भ एम.एन. राय एवं डॉ. आंबेडकर, लेखक- डाॅ. हिमांशु शेखर सिंह, मूल्य - ₹150, आमंत्रित मूल्य - ₹100 3. सामाजिक न्याय : अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ, लेखक- डाॅ. सुधांशु शेखर, मूल्य- ₹250, आमंत्रित मूल्य- ₹175 4. गाँधी-विमर्श, लेखक- डाॅ. सुधांशु शेखर, मूल्य- ₹150, आमंत्रित मूल्य- ₹100 5. धर्मांतरण और गाँधी, लेखक- डाॅ. सुरेश भारद्वाज, मूल्य - ₹250, आमंत्रित मूल्य - ₹175 6. धार्मिक कथन : साथर्कता एवं सत्यता, लेखक- डाॅ. वीणा कुमारी, मूल्य - ₹200, आमंत्...
Book सामाजिक न्याय (अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ
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Book सामाजिक न्याय (अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ

इस हफ्ते पढ़ी किताब : सामाजिक न्याय (अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ ) - सुधांशु शेखर सुधांशु शेखर उन चुनिंदा युवा लेखकों मे हैं जिन्होंने अपने शोधकार्य को बहुत गंभीरता से लिया है और उसके आधार पर हमारे आधुनिक इतिहास के महानायकों के जीवन दर्शन पर गंभीर लेखों और कृतियों का सृजन किया है । इसके पहले मैंने इसी कड़ी मे हिंद स्वराज को केंद्र मे रखकर गांधी दर्शन पर लिखी उनकी कृति पर भी लिखा था । यह सुधांशु की दूसरी महत्वपूर्ण कृति है जो हमें पूरी गंभीरता से अंबेडकर के विचारों और जीवन दर्शन से रूबरू कराती है ।   हिंद स्वराज और गांधी पर मेरा भी काफी अध्ययन रहा है इसलिए सुधांशु की उस कृति पर मेरी आलोचना अधिक समीचीन थी लेकिन सुधांशु की इस कृति से गुजरते हुए मुझे लगातार यह अहसास होता रहा कि मैं भी अंबेडकर की विचारधारा को बेहतर और समग्र रूप मे समझ पा रहा हूं ।निश्चित रूप से अंबेडकर को...
Birthday मित्र तुम्हें अशेष बधाई ! जयप्रकाश मानस
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Birthday मित्र तुम्हें अशेष बधाई ! जयप्रकाश मानस

मित्र तुम्हें अशेष बधाई ! -------------------------- आज मेरे ध्यान में सुबह से ही बिहार था और बिहार के साथ-साथ बिहार, बोधनगर, बाँका के युवा लेखक-समीक्षक मित्र डॉ. सुधांशु शेखर भाई भी थे। आज उनका जन्मदिन जो है । इस दुनिया मेरे बहुत बाद यानी 1982 में आकर भी सुधांशु मुझसे और मेरे जैसे कई चिंतन-मनन करने वालों से आगे निकल गये हैं। कई गंभीर मुद्दों पर उनकी आलोचनात्मक कृतियाँ आ चुकी हैं - वर्ण व्यवस्था - अंबेडकर-विचार औऱ आधुनिक संदर्भ, विमर्श और प्रतिक्रिया, दर्शन और राजनीति, गांधी विमर्श। अंबेडकर और गांधी जी पर उनकी जो किताब है, वह आज के प्रायोजित संदर्भों को ध्वस्त करती है। नये युग की नयी दृष्टि से उन्होंने गाँधी और अंबेडकर की शास्त्रीयता और मानवीयता को तटस्थ रूप से देखकर सामाजिक विडंबनाओं की गहरी पड़ताल की है । यूँ तो इन दोनों के दर्शन और सिद्धांतों पर हिंदी-अंगरेज़ी कई किताबें हैं, किन...
Manvadhikar गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार पुस्तक प्रकाशित
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Manvadhikar गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार पुस्तक प्रकाशित

विश्व मानवाधिकार दिवस की बधाई                                                                                                                                                                                                                                                                  गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार पुस्तक प्रकाशित ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष एवं बीएनएमयू के उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर की पुस्तक 'गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार' प्रकाशित हुई है। कुल 202 पृष्ठों की इस पुस्तक को के. एल. पचौरी प्रकाशन, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) के तरूण विजय पचौरी ने हार्ड कवर में उच्च गुणवत्ता के साथ प्रकाशित किया है।लेखक डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि प्रस्तुत पुस्तक में प्रस्तावना एवं उपसंहार सहित कुल तेरह अध्याय हैं। प्रस्तावना में विषय की आवश्यकता को ...
Poem। जिंदगी बोल उठी है
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Poem। जिंदगी बोल उठी है

जिंदगी बोल उठी है। ________________ जिंदगी नाम है गति में रहने का। कभी विचारों से आत्मा में उतरते रहने का फिर शरीर, मन अौर आत्मा पर नियंत्रण पाने का तब मुस्कराते मन की तस्वीरें सजाने का अौर कुछ अच्छा लगा, वहाँ तक जाने का। जिंदगी नाम है बारिश हो जाने का। इसकी हर बूँद- बूँद में खो जाने का फिर इसकी ठंडक की अंतिम परत को छू जाने का और बंजर धरती को उपजाऊ बनाने का तब मिट्टी की खुशबू बन, हृदय में समाने का। जिंदगी नाम है पहेलियाँ सुलझाने का, कहाँ-कहाँ अटके हों समझ बढ़ाने का फिर मोह मुक्त गुलाब खिलाने का अौर झुमती आँचल में घर बनाने का तब चाँद की आँखों मे खुद को पाने का। जिंदगी नाम है अँधेरों में तप करने का, गगन मे मग्न मन को पास तक लाने का फिर प्रकाश की गति को ग्रहण करने का अौर हवा की मुहूर्त बनाने का तब नारी जो पुरुष के अंदर भी है, उसकी दर्शन करने का। संतरग सा हो, श...
Poem। रक्तदान
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Poem। रक्तदान

रक्तदान ______________ रक्तदान है महादान, करके देखो यह पुण्य काम। जीवन का एक फूल खिलेगा, आशीष समाज का तुम्हें मिलेगा। हृदय रोग से रहोगे दूर, चेहरा जैसे लगेगा नूर। आयरन का संतुलन बना रहेगा, मोटापा और कैंसर का खतरा टला रहेगा। 18 से 65 उम्र रक्तदान का है मौका विश्व कल्याण करो, मार दो साल में एक चौंका। खून में हेपेटाइटिस, एचआईवी, सिफलिस व मलेरिया जैसी हो अगर कोई बीमारी, रक्तदान टेस्ट प्रक्रिया में यह भी तुम्हें पता चलेगा। शरीर में 12.5 से ज्यादा हो हीमोग्लोबिन, रक्तदान कर बन जाओगे ईश्वरीय प्रतिबिंब। प्रत्येक 3 महीने पर जो करते हैं रक्तदान, रक्त बनने की प्रक्रिया रहती है उनकी दयावान। ब्रह्मांड में सकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं, रक्तदान कर हम मानव योगी कहलाते हैं। बढ़ खुद विपत्ति से लिपट जाओगे, बुड्ढे की लाठी बच्चे का खिलौना, हे रक्त वीर तुम कहलाओगे। - ...