Tag: विवेकानंद

NSS पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया में स्वामी विवेकानंद की 161 वीं जयंती समारोह मनाई गई।
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NSS पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया में स्वामी विवेकानंद की 161 वीं जयंती समारोह मनाई गई।

पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया के राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद की 161 वीं जयंती समारोह सीनेट हॉल में मनाई गई।
NSS राष्ट्रीय सेवा योजना, केकेएम महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया।
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NSS राष्ट्रीय सेवा योजना, केकेएम महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया।

आज दिनांक 12 जनवरी 2024 को नेहरू युवा केंद्र, जमुई एवं राष्ट्रीय सेवा योजना, केकेएम महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य, डॉ चंद्रमा सिंह, मुख्य अतिथि रहे एवं डॉ दीपक कुमार, एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर के अलावा डॉ एएस पोले तथा रणविजय सिंह ने आयोजन का संचालन सफलता पूर्वक किया। महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ मनोज कुमार, डॉ डीके गोयल, डॉ जीएस पासवान, डॉ उएन घोष, डॉ सत्यार्थ प्रकाश, डॉ कुमारी गौरी, डॉ रूपम कुमारीं इत्यादि मौजूद रहे। कई प्रतिभागियों ने अपना-अपना योगदान दिया जैसे : प्रभाकर, रज़िया, ज्योति, बेबी शबनम इत्यादि (more…)...
BNMU स्वामी विवेकानंद के जीवन से युवा वर्ग को लेनी चाहिए सीख।
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BNMU स्वामी विवेकानंद के जीवन से युवा वर्ग को लेनी चाहिए सीख।

स्वामी विवेकानंद के जीवन से युवा वर्ग को लेनी चाहिए सीख  एमजेके कॉलेज में युवा दिवस के रूप में मनाई गई स्वामी विवेकानंद की जयंती एमजेके कॉलेज, बेतिया में स्वामी विवेकानंद की जयंती शुक्रवार को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई गई। स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया।इस दौरान विवेकानंद के व्यक्तित्व व कृतित्व पर वक्ताओं ने प्रकाश डाला। प्राचार्य डॉ सुरेंद्र प्रसाद केसरी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के जीवन से युवा वर्ग को सीख लेना चाहिए। कहा की 12 जनवरी को हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन युवाओं व नौजवानों के लिए समर्पित है जो देश के भविष्य को बेहतर और स्वस्थ बनाने का क्षमता रखते हैं। विवेकानंद धर्म, दर्शन, इतिहास, कला, सामाजिक विज्ञान, साहित्य के ज्ञाता थे। वह युवाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं। एनएसएस प्रभारी डॉ राजेश कुमार चंदेल ने कहा कि उस ...
BNMU स्वामी विवेकानंद जयंती सह राष्ट्रीय युवा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन।
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BNMU स्वामी विवेकानंद जयंती सह राष्ट्रीय युवा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन।

युवा दिवस समारोह आयोजित --- *युवा-शक्ति के प्रतीक हैं विवेकानंद : प्रधानाचार्य* स्वामी विवेकानंद न विश्व में युवा-शक्ति के प्रतिक हैं। उन्होंने महज 39 वर्ष की उम्र में जो यश, कीर्ति एवं ख्याति अर्जित की है, वह अद्भुत एवं अद्वितीय है। यह बात प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव यादव ने कही। वे ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में आयोजित स्वामी विवेकानंद जयंती सह राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एवं सेहत केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।   उन्होंने कहा की कि विवेकानंद न केवल भारत, बल्कि संपूर्ण विश्व के युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं। युवाओं को उनके विचारों एवं कार्यों को आगे बढ़ाने की जरूरत है।   उन्होंने कहा कि विवेकानंद ने युवाओं को अपनी क्षमताओं को पहचानने...
Vivekanand स्वामी विवेकानंद जयंती पर विशेष….। मेरे जीवन में विवेकानंद की प्रेरणा…। सुधांशु शेखर
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Vivekanand स्वामी विवेकानंद जयंती पर विशेष….। मेरे जीवन में विवेकानंद की प्रेरणा…। सुधांशु शेखर

स्वामी विवेकानंद जयंती पर विशेष....                      ----                                                                      स्वामी विवेकानंद युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं। मुझे भी बचपन से ही स्वामी विवेकानंद के प्रति एक अतिरिक्त आकर्षण रहा है। बचपन से ही विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में उनके बारे में कुछ-ना-कुछ पढ़ने को मिलता रहा। मैट्रिक परीक्षा के बाद जब मैं कुछ दिनों के लिए पटना में रहता था, तो पटना से वापस घर लौटने के क्रम में अक्सर कोई-ना-कोई किताबें खरीदता था। इन किताबों में विवेकानंद की किताबें भी होती थीं। मैंने टी. एन. बी. कॉलेज, भागलपुर में स्नातक (दर्शनशास्त्र) की पढ़ाई के दौरान 'कदम्बिनी क्लब', लालकोठी का गठन किया था। इस 'क्लब' में हम विवेकानंद सहित अन्य महापुरुषों की जयंतियाँ मानते थे। मैं विभिन्न छात्र संगठनों द्वारा युवा दिवस पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भी भाग लेता...
Vivekanand। विवेकानंद : नव वेदांत
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Vivekanand। विवेकानंद : नव वेदांत

विवेकानंद : नव वेदांत स्वामी विवेकानंद ने ‘वेदांत’ को काफी व्यापक संदर्भों में स्वीकार किया है और इसके अंतर्गत प्रायः समस्त भारतीय दार्शनिक संप्रदायों का समावेश मान लिया है। उनके शब्दों में, ‘वेदांत भारत के सभी संप्रदायों में प्रविष्ट है।... वेदांत ही हमारा जीवन है, वेदांत ही हमारी साँस है, मृत्यु तक हम वेदांत के ही उपासक हैं ...।’’1 वास्तव में विवेकानंद यह मानते थे कि वेदांत के आदर्शों को व्यावहारिक रूप में प्रस्तुत करके ही भारत विश्वगुरू की प्रतिष्ठा को वापस पा सकता है। साथ ही वे व्यावहारिक वेदांत के आधर पर एक ऐसा दर्शन विकसित करना चाहते थे, जो समस्त संघर्षों को दूर कर मानव जाति को बहुमुखी संपूर्णता के उस स्तर तक उठा सके, जो उसका प्राप्य है।2 उन्होंने वेदांत की विभिन्न व्याख्याओं की उपयोगिता को स्वीकार किया है और उसकी एक नई बुद्धिगम्य, वैज्ञानिक और व्यावहारिक व्याख्या की। इससे अद्वैत...
Vivekanand। विवेकानंद : सार्वभौम धर्म
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Vivekanand। विवेकानंद : सार्वभौम धर्म

विवेकानंद : सार्वभौम धर्म साधारणतः ‘धर्म’ शब्द से हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, इस्लाम धर्म, ईसाई धर्म, यहूदी धर्म आदि का बोध होता है अथवा इन प्रचलित धर्मों के उपासना-स्थलों में जाकर विशेष प्रकार से प्रार्थना या पूजा-पाठ करना धर्म माना जाता है। लेकिन, स्वामी विवेकानंद ‘धर्म’ को इस प्रचलित अर्थ में नहीं लेते हैं। धर्म से मतलब किसी औपचारिक या प्रचलित धर्म से नहीं है, वरन् इससे अभिप्राय उस धर्म से है, जो सभी धर्मों को रेखांकित करता है और जो हमें अपने सृष्टिकर्ता (रचयिता) के सम्मुख खड़ा करता है।“ उनके अनुसार धर्म तत्वमीमांसीय एवं नैतिक जगत के सत्यों से संबद्ध है। धर्म का अर्थ है, एक वैश्विक सत्ता के नैतिक सुशासन में विश्वास। जाहिर है कि उनके लिए धर्म और नैतिकता एक दूसरे के पूरक हैं। धर्म के संदर्भ के बिना नैतिक जीवन ऐसा ही है, जैसे बालू के आधार पर बना भवन। यदि धर्म को नैतिकता से अलग कर दिया जाए, त...