चंद्रशेखर : जो प्रधानमंत्री होने के बावजूद खेतों में चले जाते थे
चंद्रशेखर : जो प्रधानमंत्री होने के बावजूद खेतों में चले जाते थे
रेहान फ़ज़ल बीबीसी संवाददाता
एक दिसंबर, 1989 का दिन. संसद के सेंट्रल हॉल के मंच पर बैठे मधु दंडवते जनता दल संसदीय दल के नेता का चुनाव करवा रहे थे.
वहाँ मौजूद लोगों को पहला झटका तब लगा जब ख़ुद प्रधानमंत्री पद के दावेदार विश्वनाथ प्रताप सिंह ने देवी लाल के नाम का प्रस्ताव किया.
अपनी ख़ुशी छुपा न पा रहे चंद्रशेखर ने तुरंत इसका समर्थन किया. दंडवते ने देवी लाल को जनता दल संसदीय दल का नेता घोषित कर दिया. पूरा सेंट्रल हॉल भौचक्का कर देने वाले सन्नाटे में डूब गया.
बाहर कोहराम मच गया. सारी समाचार एंजेंसियों ने दुनिया के हर कोने में समाचार फ़्लैश किया कि देवी लाल दुनिया के सबसे बड़े प्रजातंत्र के अगले प्रधानमंत्री होंगे.
कैसे गिराई गई वीपी सिंह की सरकार?
जन्मजात बाग़ी थे चंद्रशेखर
लेकिन ठीक चार मिनट बाद, समाचार एजेंसि...