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Culture सुख, शांति, समृद्धि और आरोग्य प्राप्ति का पर्व अनंत चतुर्दशी श्रद्धापूर्वक सम्पन्न
SRIJAN.AALEKH

Culture सुख, शांति, समृद्धि और आरोग्य प्राप्ति का पर्व अनंत चतुर्दशी श्रद्धापूर्वक सम्पन्न

आज अनंत चतुर्दशी का पर्व श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया। इस दौरान मंदिरों और घरों में लोगों ने पूजा का आयोजन किया। सुबह से ही हाथों में पूजा की थाली लिए लोग पूजन स्थल पर पहुँचने लगे थे। ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर दिखा। लोग सुबह से ही सामूहिक रूप से पूजा में भाग लिया। कलश की स्थापना कर धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर 14 गाठों वाला अनंत सूत्र भगवान विष्णु को अर्पित किया गया। आस्थापूर्वक पूजा संपन्न होने के बाद लोग अनंत सूत्र अपने बांहों में बांधा। धन-धान्य, सुख समृद्धि, आरोग्य प्राप्ति की कामना के लिये की जाने वाली पूजा के बाद लोग डोरा बांधने के पश्चात चौदह दिनों तक निरामिष भोजन करते हैं।डोरा धारण करने व अनंत चतुर्दशी व्रत कथा सुनने का भी विशेष महत्व है। यह पर्व भादो शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखने और अनंत सूत्र को बांधने...
Culture चार पर विचार …/मारूति नंदन मिश्र
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Culture चार पर विचार …/मारूति नंदन मिश्र

भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वाधिक प्राचीन एवं समृद्ध संस्कृति है। यहाँ की संस्कृति और इतिहास पर गौर किया जाय तो "चार" (4) अंक महत्वपूर्ण दिखता है। कुछ रोचक तथ्य को सहेजकर प्रस्तुत कर रहा हूँ:- भारतीय संस्कृति में प्रमुख यज्ञ 4 होते है- अश्वमेध, पुरुषमेध, पितृमेध और सर्वमेध। धनुर्विज्ञान में 4 भाग होते हैं इसलिए इसे 'चतुष्पादम' भी कहा जाता है। ये है- ग्रहण, धारण, प्रयोग और प्रतिकार। भोज्य पदार्थ 4 है- लेह्य, पेय, खाद्य तथा चोस्य। हिन्दू विवाह प्रथा में 'चौथे' दिन चतुर्थी संस्कार का विशेष महत्त्व है।रूप,गुण, ज्ञान और क्षमा 'चारों' मिलकर नर को नरोत्तम बनाता है। ज्ञान प्राप्ति के मुख्य 4 साधन है- श्रद्धा, तत्परता, इंद्रिय संयम व योग संसिद्धि। शक्ति के 4 भेद होते हैं - योगशक्ति, कुलशक्ति, एश्वर्यशक्ति और विद्याशक्ति। आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद और आश्विन ये 4 मास चातुर्मास कहलाते हैं। यज...
Culture कारपोरेट कल्चर : मंथरा, कैकई एवं विभीषण की पॉपुलरिटी खतरनाक/ लेखक- डॉ. प्रणय प्रियंवद, जमालपुर, मुंगेर, बिहार
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Culture कारपोरेट कल्चर : मंथरा, कैकई एवं विभीषण की पॉपुलरिटी खतरनाक/ लेखक- डॉ. प्रणय प्रियंवद, जमालपुर, मुंगेर, बिहार

कारपोरेट कल्चर : मंथरा, कैकई एवं विभीषण कीपॉपुलरिटी खतरनाक लेखक- डॉ प्रणय प्रियंवद, जमालपुर, मुंगेर, बिहार रा = राष्ट्रीय म= मन राम कथा का सबसे पसंदीदा पात्र आपके लिए कौन है? किसी को कैकई पसंद नहीं होगी। मंथरा पसंद नहीं होगी। लेकिन समय ऐसा है कि हमारे आस-पास छल-प्रपंच इतना बढ़ गया है कि रामायण के केकई, मंथरा और महाभारत के शकुनी जैसे पात्रों का बोलबाला हो गया है। हर ऑफिस में आपको एक मंथरा मिल जाएगी। जैसे शकुनी भी मिल जाएगा। जैसे वह विभीषण मिल जाएगा जिसका मकसद राम को सही रास्ता दिखाने के बजाय सिर्फ इधर की बात उधर करने वाला है। मंथरा, शकुनी और नए विभीषण जैसे पात्र बॉस के सबसे करीब होते हैं। ये जाति के खेल से लेकर बॉस तक अवैध रम पहुंचाने का भी खेल खेलते हैं। बॉस जैसे भी खुश हो, वह सब करने को तैयार। कोई बॉस राम होने की योग्यता भी नहीं रखता तो उसे सबरी कहां से मिलेगी, लक्ष्मण कहा...