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Siyaram रामभक्तिनी नानी को नमन।
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Siyaram रामभक्तिनी नानी को नमन।

रामभक्तिनी नानी को नमन 🔴🔴🔴🎋🎋🚩🚩🚩 आज सप्तपुरियों में प्रथम श्रीअयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के बाल रूप विग्रह का प्राण प्रतिष्ठा के शुभ दिन अपनी रामभक्तिनी नानी मां (श्रीमती सिया देवी) का शुभ-स्मरण करते हुए उनके चित्र की आरती की। नानीजी रामभक्तिनी थीं। उनकी रामभक्ति में देशभक्ति समाहित थीं। इसकी एक बानगी है कि नानी के दाएं हाथ में 'सिताराम' (सीताराम) और बाएं हाथ में 'जय हिन्द' गोदना गुदबाया था। नानीजी एक धार्मिक महिला थीं। वे हिन्दू धर्म के सभी कर्मकांडों का पालन करती थी, तबियत खराब होने के बावजूद गंगास्नान करती थीं, शिवालय जाती थीं और जीतिया आदि सभी व्रत करती थीं। प्रत्येक मंगलवार को गाँव में होने वाले साप्ताहिक 'सत्संग' में भाग लेती थीं। हम दोनों की नियमित बातचीत का एक प्रमुख प्रसंग 'सत्संग' रहता था। वे अक्सर हमारे दरवाजे पर भी साप्ताहिक 'सत्संग' का प्रेमपूर्वक आयोजन करती थीं।...
Jai Hind। नानी के हाथ का गोदना
SRIJAN.AALEKH

Jai Hind। नानी के हाथ का गोदना

नानी के हाथ का गोदना ⛚⛚⛚⛚⛚⛚⛚⛚⛚⛚⛚⛚⛚⛚⛚⛚⛚⛚⛚ नानी के हाथ का गोदना बचपन से ही मेरे लिए आकर्षण एवं कौतुहल का विषय रहा है। आज एक बार फिर मेरी नजर गोदना पर पड़ी। नानी के दाएं हाथ में 'सिताराम' (सीताराम) और बाएं हाथ में 'जय हिन्द' लिखा है। नानी ने बताया कि गोदना वाला बाएं हाथ में नाना जी का नाम लिखवाने बोल रहा था। लेकिन नानी ने 'जय हिन्द' लिखना पसंद किया; क्योंकि नानी को पता था कि स्वतंत्रता सेनानी नाना जी 'अपने नाम' से अधिक 'जय हिन्द' देखकर प्रसन्न होंगे। इससे हम 'जय हिन्द' की महत्ता एवं लोकप्रियता का सहज ही अनुमान लगा सकते हैं। नोट : हमारी हरएक छोटी-छोटी बातें हमारी जीवन-दृष्टि को प्रतिबिम्बित करती हैं और उसका समाज एवं राष्ट्र पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। -बीएनएमयू संवाद के लिए आपकी रचनाएं एवं विचार सादर आमंत्रित हैं। आप हमें अपना आलेख, कहानी, कविताएं आदि भेज सकते हैं। संपर्क वाट...
Covid-19। कोरोना से जंग, नानी के संग
SRIJAN.AALEKH

Covid-19। कोरोना से जंग, नानी के संग

कोरोना से जंग-नानी के संग कोरोना के कहर से पूरी दुनिया त्रस्त है। बिहार सहित देश के कई राज्यों में लाॅकडाउन है और विश्वविद्यालय में भी कामकाज प्रभावित हुआ है। ऐसे में हम अपने-अपने तरह से इस लाॅकडाउन के समय का सदुपयोग कर रहे हैं और कोरोना से लड़ने की तरकिबें ढूंढने में लगे हैं।इस समय अपनी दिवंगत नानी सिया देवी, माधवपुर (खगड़िया) की बातें मेरे लिए काफी उपयोगी साबित हो रही हैं। इनमें से कुछ प्रमुख बातें निम्नवत हैं- 1. एक स्वतंत्रता सेनानी की सहधर्मिणी के रूप में नानी के लिए देश-प्रेम सर्वोपरि था। उन्होंने अपने हाथों पर 'जय हिंद' गुदबा रखा था और यही उनके दिलों पर भी अंकित था। आज कोरोना से जंग में देश-प्रेम की सबसे अधिक जरूरत है। 2. नानी हमेशा कहती थीं कि इलाज से परहेज अच्छा होता है। अतः हमें संयम, सूचिता एवं सादगी का जीवन जीना चाहिए, ताकि कोरोना या कोई अन्य महामारी हो ह...