BNMU बीएनएमयू : गाँधी विचार की पाठ्यक्रम समिति की बैठक 15 सितंबर को

*बीएनएमयू : गाँधी विचार की पाठ्यक्रम समिति की बैठक 15 सितंबर को*

भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में गाँधी विचार की पढ़ाई की दिशा में प्रयास चल रहा है। इसी कड़ी में 15 सितंबर को स्नातकोत्तर एवं स्नातक स्तर पर गाँधी विचार की पढ़ाई हेतु गठित नियम- परिनियम एवं पाठ्यक्रम निर्माण समिति की बैठक सुनिश्चित है। बैठक की अध्यक्षता समिति की अध्यक्ष प्रति कुलपति प्रोफेसर डाॅ. आभा सिंह करेंगी।

समिति के सचिव अस्सिटेंट प्रोफेसर (दर्शनशास्त्र) एवं जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि बैठक के संबंध में समिति के सभी सदस्यों को सूचना प्रेषित कर दी गई है।

समिति में महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के डाॅ. मनोज कुमार और तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर में दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डाॅ. राजेश रंजन तिवारी एवं गाँधी विचार विभाग के अध्यक्ष डाॅ. विजय कुमार बाह्य विशेषज्ञ-सदस्य हैं। बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष शोभाकांत कुमार, निदेशक (अकादमिक) डाॅ. एम. आई. रहमान एवं परीक्षा नियंत्रक आर. पी. राजेश भी समिति में सदस्य के रूप में शामिल हैं।

डाॅ. शेखर ने बताया कि विश्वविद्यालय में बिगत चार वर्षों से गाँधी विचार की पढ़ाई शुरू करने का प्रयास चल रहा है। इस संबंध में एक दिसंबर 2018 को स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग की विभागीय परिषद् की बैठक हुई थी। इसमें महात्मा गाँधी के 150वीं जयंती वर्ष (2018-19) के उपलक्ष्य में में गाँधी विचार में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की शुरूआत करने हेतु प्रस्ताव भेजने पर सहमति बनी थी। तदनुसार दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा विश्वविद्यालय को प्रस्ताव भेजा गया था। इस प्रस्ताव के आलोक में विद्वत परिषद् की बैठक (23 दिसंबर, 2020) को स्नातकोत्तर एवं स्नातक स्तर पर गाँधी विचार की पढ़ाई हेतु एक समिति के गठन का निर्णय लिया गया। इस समिति के प्रतिवेदन को क्रमशः विद्वत परिषद् (एकेडमिक काउंसिल), अभिषद् (सिंडिकेट) एवं अधिषद् (सीनेट) में अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किया जाएगा।

डाॅ. शेखर ने बताया कि आज कोरोना-संक्रमण, पर्यावरण असंतुलन, आतंकवाद, सांप्रदायिकता, बेरोजगारी, विषमता आदि समस्याओं के समाधान हेतु महात्मा गाँधी के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने की जरूरत है। इस दृष्टि से गाँधी-विचार को पठन-पाठन का हिस्सा बनाने की महती उपादेयता है। पड़ोस के तिलकामाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर में गाँधी विचार काफी लोकप्रिय विषय है और यह बीएनएमयू में भी सफल होगा।

डाॅ. शेखर ने बताया कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रेरणा और पूर्व सांसद, पूर्व कुलपति एवं गाँधीवादी विचारक पद्मश्री प्रोफेसर डाॅ. रामजी सिंह के प्रयास से वर्ष 1980 में गाँधी विचार विभाग की स्थापना हुई थी। आज यह विभाग देशभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है।

डाॅ. शेखर ने बताया कि तिलकमाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के गाँधी विचार विभाग से अब तक लगभग दो हजार विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर और सौ से अधिक विद्यार्थियों को पीएच. डी. की उपाधि प्राप्त हो चुकी है। साथ ही विभाग के लगभग तीन दर्जन विद्यार्थी नेट एवं एक दर्जन जेआरएफ की पात्रता प्राप्त कर चुके हैं। वहाँ 1996 में तीन और 2017 में चार असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति हो चुकी है। पुनः वर्ष 2020 में बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग से दो पदों पर नियुक्ति हेतु आवेदन जमा कराया गया है। गाँधी-विचार विभाग के कई पूर्ववर्ती विद्यार्थी विभिन्न उच्च पदों पर आसीन हैं।