BNMU कुलपति से मिला बीएसटीएफ का प्रतिनिधिमंडल

*कुलपति से मिला बीएसटीएफ का प्रतिनिधिमंडल*

शिक्षण सबसे आनंददायी कार्य है। एक शिक्षक को ईमानदारीपूर्वक विद्यार्थियों को पढ़ाने के बाद जो आनंद आता है, वह अतुलनीय है। यह बात कुलपति प्रोफेसर डाॅ. आर. के. पी. रमण ने कही। वे बीपीएससी सेलेक्ट टीचर्स फोरम (बीएसटीएफ) के प्रतिनिधिमंडल से बात कर रहे थे।

कुलपति ने कहा कि शिक्षक को हमेशा अध्ययन-अध्यापन से जुड़ा रहना चाहिए। नियमित अभ्यास से ही हम अध्ययन-अध्यापन के क्षेत्र में महारत प्राप्त कर सकते हैं।

कुलपति ने सभी नवनियुक्त शिक्षकों से विशेष रूप से अपेक्षा की कि वे लाॅकडाउन पीरियड में नियमित रूप से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करें। साथ ही लाॅकडाउन की समाप्ति के बाद ऑफिसर कक्षाओं को भी गति दें। विद्यार्थियों को कक्षाओं में आने के लिए प्रेरित करें और यदि एक भी विद्यार्थी कक्षा में आएँ, तो भी पूरे मनोयोग से कक्षा का संचालन करें।

फोरम के पदाधिकारियों ने कुलपति को आश्वस्त किया कि वे उनके आदेशों एवं निदेशों के अनुरूप कार्य को आगे बढाएँगे। फोरम के सदस्य महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के सभी रचनात्मक कार्यों एवं योजनाओं में अपनी सकारात्मक भागीदारी निभा रहे हैं और अध्ययन-अध्यापन को गति देने हेतु प्रतिबद्ध हैं।

प्रतिनिधिमंडल ने विशेष रूप नवनियुक्त शिक्षकों की समस्याओं को दूर करने की माँग की और विशेष रूप से राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत स्थाई सेवानिवृत्ति खाता संख्या अविलंब खुलवाने हेतु आवेदन दिया।

फोरम के आवेदन में कहा गया है कि वर्ष 2005 के बाद राज्य सरकार ने सभी तरह के सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस के तहत आच्छादित करने का संकल्प लिया है।राजभवन सचिवालय, पटना के द्वारा भी विश्वविद्यालय के स्थाई शिक्षक और कर्मचारियों के लिए एनपीएस की अधिसूचना अगस्त 2020 में जारी कर दी गई है। इसके अनुसार मूल वेतन और महंगाई भत्ता के कुल योग का 10 फीसदी संबंधित कर्मी द्वारा और 14 फीसदी नियोक्ता के द्वारा देय है। लेकिन अभी तक नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों को पेंशन खाता संख्या नहीं मिली है।

फोरम ने कुलपति से आग्रह किया कि खाता खुलवाने की प्रक्रिया
में तेजी लाने और तदुपरांत कर्मी एवं नियोक्ता के अंशदान को ससमय खाते में जमा कराने का आदेश प्रदान करें।

फोरम ने वैसे सभी नवनियुक्त सहायक अध्यापक, जिनकी परीक्ष्यमान अवधि पूरी हो चुकी है कि सेवासंपुष्टि की प्रक्रिया को भी शीघ्रता से पूरी करने का आग्रह किया। साथ ही जिन असिस्टेंट प्रोफेसरों की सेवासंपुष्ट हो चुकी है, उनकी सेवा संपुष्टि की तिथि से ही मौलिक नियुक्ति की तिथि निर्धारित करते हुए अधिसूचना जारी करने की माँग की। साथ ही सभी योग्य असिस्टेंट प्रोफेसरों को यथासमय प्रोन्नति का लाभ देने की जरूरत बताई।

कुलपति ने फोरम के सभी माँगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने अविलंब एनपीएस के संबंध में आवश्यक कार्रवाई हेतु वित्तीय परामर्शी नरेंद्र प्रसाद सिन्हा को निदेशित किया। कुलपति ने बताया कि परीक्ष्यमान अवधि पूरी कर चुके असिस्टेंट प्रोफेसरों की सेवासंपुष्ट की पक्रिया जारी है। इसे जुलाई में पूरी होने की संभावना है। प्रोन्नति की प्रक्रिया भी जुलाई माह में तेज करने हेतु संबंधित पदाधिकारी को निदेश दिया गया है।

इस अवसर पर जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन नवनियुक्त शिक्षकों की समस्यायों के समाधान हेतु प्रतिबद्ध है। लेकिन कार्यों में थोड़ी गति लाने की जरूरत है। इस संदर्भ में नवनियुक्त शिक्षकों को कुलपति एवं प्रति कुलपति से विशेष आशा है।

उन्होंने बताया कि गत दिनों एक असिस्टेंट प्रोफेसर का अध्ययन- अवकाश से संबंधी आवेदन काफी दिनों से लंबित था। इसे कुलपति एवं प्रति ने गंभीरता से लिया और इस मामले में प्रति कुलपति की अनुशंसा के आलोक में कुलपति ने अविलंब यथोचित आदेश प्रदान किया।

प्रतिनिधिमंडल में उपाध्यक्ष द्वय डॉ. शंकर कुमार मिश्रा एवं डॉ. संजीव कुमार झा, महासचिव डॉ. सुधांशु शेखर, कोषाध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार, सह कोषाध्यक्ष लेफ्टिनेंट गुड्डू कुमार आदि उपस्थित थे।