Month: February 2024

BNMU डॉ. एल. एन. गोप के निधन पर शोक-सभा
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BNMU डॉ. एल. एन. गोप के निधन पर शोक-सभा

डॉ. एल. एन. गोप के निधन पर शोक-सभा -------- विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई बी. एस. एस. कॉलेज, सुपौल में भौतिकी विभाग के शिक्षक डॉ. एल. एन. गोप के सम्मान में शुक्रवार को कुलपति प्रो. बी. एस. झा की अध्यक्षता में शोक-सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर ने विश्वविद्यालय द्वारा जारी शोक-संदेश पढ़ा। उन्होंने बताया कि डॉ. गोप का 31 जनवरी, 2024 (बुधवार) को निधन हो गया। इससे विश्वविद्यालय परिवार को एक अपूर्णीय क्षति हुई है और पूरा विश्वविद्यालय परिवार मर्मित है।   उन्होंने बताया कि डॉ. गोप का जन्म 26 फरवरी, 1942 को साहेबगंज में हुआ था। उन्होंने विश्वविद्यालय के बी. एस. एस. कॉलेज, सुपौल में 03 नवंबर 1966 को योगदान दिया था। वे वहीं से 28 फरवरी, 2022 को सेवानिवृत्त हुए। वे प्रारंभिक दौर में ही भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के महाविद्यालय निर...
BNMU डॉ. मोहित गुप्ता ने दिया टी. पी. कॉलेज में योगदान।
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BNMU डॉ. मोहित गुप्ता ने दिया टी. पी. कॉलेज में योगदान।

डॉ. मोहित गुप्ता ने दिया टी. पी. कॉलेज में योगदान ---- रसायनशास्त्र विभाग, ललित नारायण मिश्र स्मारक महाविद्यालय, बीरपुर (सुपौल) में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मोहित गुप्ता ने शुक्रवार को टी. पी. कॉलेज, मधेपुरा में योगदान दिया। विश्वविद्यालय अधिसूचना ज्ञापांक-609/23-66/24, दिनांक -31.01.2024 के माध्यम से इनका ललित नारायण मिश्र स्मारक महाविद्यालय, बीरपुर (सुपौल) से टी. पी. कॉलेज, मधेपुरा प्रतिनियोजित किया गया है। इस अवसर पर टी. पी. कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव, दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर, मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र एवं गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्डु कुमार ने उनका स्वागत किया। डॉ. शेखर ने बताया कि डॉ. गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। वे बीपीएससी की अनुशंसोपरांत जनवरी, 2018 में भूपेंद्र नार...
BNMU डॉ. मोहित गुप्ता का प्रतिनियोजन टी.पी. कॉलेज, मधेपुरा
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BNMU डॉ. मोहित गुप्ता का प्रतिनियोजन टी.पी. कॉलेज, मधेपुरा

प्रशासनिक एवं शैक्षणिक कार्यों को गति देने के निमित्त डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह, असिसटेंट प्रोफेसर, रसायनशास्त्र विभाग, टी. पी. कॉलेज, मधेपुरा का प्रतिनियोजन विश्वविद्यायल स्नातकोत्तर रसायनशास्त्र विभाग और डॉ. मोहित गुप्ता, असिसटेंट प्रोफेसर, रसायनशास्त्र विभाग, एल.एन.एम.एस. कॉलेज, बीरपुर का प्रतिनियोजन टी.पी. कॉलेज, मधेपुरा किया जाता है। यह अधिसचूना तत्काल प्रभाव से लागू होगी और दोनों शिक्षक अपने मूल संस्थानों से स्वतः विरमित समझे जाएंगे।...
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Bihar बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना अंतर्गत व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु निम्नांकित आदेश का अनुपालन करवाना सुनिश्चित करें:- मैट्रिक एवं इंटर परीक्षा के कार्यक्रम अनुसार प्रचार-प्रसार हेतु दल का गठन करना।
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Bihar बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना अंतर्गत व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु निम्नांकित आदेश का अनुपालन करवाना सुनिश्चित करें:- मैट्रिक एवं इंटर परीक्षा के कार्यक्रम अनुसार प्रचार-प्रसार हेतु दल का गठन करना।

उपर्युक्त अंकित विषय के संबंध में आपको ज्ञात करवाते हुए कहना है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समीति द्वारा क्रमशः मैट्रिक दिनांक-15.02.2024 से 20.02.2024 एवं इंटरमीडिएट दिनांक-01.02.2024 से 12.02. 2024 तक परीक्षा, 2024 के कार्यक्रम का प्रकाशन किया जा चुका है। उक्त के संबंध में बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना अंतर्गत व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु निम्नांकित आदेश का अनुपालन करवाना सुनिश्चित करें:- मैट्रिक एवं इंटर परीक्षा के कार्यक्रम अनुसार प्रचार-प्रसार हेतु दल का गठन करना। परीक्षा प्रारंभ अथवा समाप्ति के उपरांत परीक्षा केन्द्रों के निकटवर्ती स्थल पर छात्र-छात्राओं को योजना के बारे में जानकारी देना। नियमानुसार परीक्षा भवन से 200 मीटर की दूरी बनाते हुए अभिभावक एवं छात्रों को सम्पर्क कर योजना की विस्तृत जानकारी देना। प्रचार-प्रसार दल से एक पदाधिकारी/कर्मी बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम से रख...
BNMU *प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संभाला संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति की कमान।
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BNMU *प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संभाला संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति की कमान।

प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संभाला संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति की कमान। ● कार्यालयीय दैनिक कार्यों में अब आपस में हम सभी संस्कृत में ही बातचीत करेंगे। इससे धीरे धीरे सभी में सहजता आ जायेगी और एक नई शुरुआत होगी, बोले कुलपति। ● अमूमन अशुद्ध बोलने के भय से ही हमलोग संस्कृत कम बोलना चाहते हैं। इससे शास्त्र व संस्कृति दोनों का क्षय होता है। इसलिए बेहतर होगा धीरे-धीरे ही सही, संस्कृत में बोल-चाल को बढ़ावा दें। तभी शास्त्र बचेगा और पांडित्य भी। ●नौ माह में तो नई सृष्टि हो जाती है। ऐसे में प्रयास करने से सभी को संस्कृत भाषा का ज्ञान क्यों नहीं हो सकता है?* ● काशी व मिथिला की वैदुष्य परम्परा में हैं काफी साम्यताएं, हम सौभाग्यशाली हैं कि काशी से आकर मिथिला की पवित्र धरती पर कार्य करने का मौका मिला है। ●कासिंदसंवि दरभंगा:- कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्...