Day: February 4, 2024

Kavita कविता। फटा जीन्स, निकली नई संस्कृति!  डॉ. सामबे
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Kavita कविता। फटा जीन्स, निकली नई संस्कृति!  डॉ. सामबे

कविता। फटा जीन्स, निकली नई संस्कृति! डॉ. सामबे जब औरतों के जिस्म पर/होता था आंचल/तो बनते थे गीत-/छोड़ दो आंचल जमाना क्या कहेगा!/जब औरतें थी आंचल में/तो आंचल मैला होता था/और उपन्यास लिखा जाता था/मैला आँचल!                                         आंचल के साथ/बहुत समस्या थी! /आंचल लहराता थाऔर लिखने वाले लिखते थे/लहरा के आंचल/ तुझकुो लाए बार-बार/कोई नहीं है/फिर भी है मुझको/ना जाने किसका इंतज़ार! जब आंचल में होती थी नारी/तो निकलती थी पंक्ति-/हाय अबला तेरी यही कहानी/आंचल में है दूध/आंखों में पानी! औरतों ने बदल दी तमाम कहानी/और आंचल को छोड़कर/धारण कर ली है/जीन्स और टाप/सारे गीतकारकवि और उपन्यासकार/हो गए फ्लाप!            एक साथ/मन की बात की तरह लोकप्रिय/हो गए रंग बिरंगे टाप!                                                           चला गया है/छोड़ दो आंचल का जमाना/आ गया है बाजार में/फटा ...
Media प्रभात खबर, 4 फरवरी 2018। प्रभात खबर के वरिष्ठ संवाददाता भाई चंदन जी के प्रति बहुत- बहुत आभार। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में विशेष रूप से जनसंपर्क पदाधिकारी के रूप में मेरी भूमिका की चर्चा की।
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Media प्रभात खबर, 4 फरवरी 2018। प्रभात खबर के वरिष्ठ संवाददाता भाई चंदन जी के प्रति बहुत- बहुत आभार। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में विशेष रूप से जनसंपर्क पदाधिकारी के रूप में मेरी भूमिका की चर्चा की।

Media प्रभात खबर, 4 फरवरी 2018। प्रभात खबर के वरिष्ठ संवाददाता भाई चंदन जी के प्रति बहुत-बहुत आभार। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में विशेष रूप से जनसंपर्क पदाधिकारी के रूप में मेरी भूमिका की चर्चा की।