Day: February 20, 2024

Bihar अब पहली घंटी 10.00 बजे पूर्वा. से
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Bihar अब पहली घंटी 10.00 बजे पूर्वा. से

बिहार सरकार शिक्षा विभाग ।। अधिसूचना ।। संचिका संख्याः 01/ मा०शि०-स्था ख-88/2015 - 553, पटना, दिनांक 20/02/24 विभाग द्वारा निर्गत पूर्व अधिसूचना संख्या-2707, दिनांक-28.11.2023 के द्वारा पढ़ाई की पहली घंटी 09.30 बजे पूर्वा० से शुरू होकर आठवीं घंटी 03.30 बजे अप० समाप्त होती थी। अब स्पष्ट किया जाता है कि पहली घंटी 10.00 बजे पूर्वा० से प्रारम्भ होकर आठवीं घंटी 04.00 बजे अप० समाप्त होगी। 2. अतः अब पहली घंटी 10.00 बजे पूर्वा से 10.40 बजे पूर्वा तक, दूसरी घंटी 10.40 बजे पूर्वा० से 11.20 बजे पूर्वा० तक, तीसरी घंटी 11.20 बजे पूर्वा से 12.10 बजे अप० तक, चौथी घंटी 12.10 बजे अप0 से 12.50 बजे अप० तक, मध्यांतर 12.50 बजे अप० से 01.30 बजे अप० तक, पांचवी घंटी 01.30 बजे अप० से 02.10 बजे अप० तक, छठी घंटी 02.10 बजे अप० से 02.50 बजे अप० तक, सातवीं घंटी 02.50 बजे अप0 से 03.30 बजे अप० तक एवं आठवीं घं...
BNMU पूर्व कुलपति प्रोफेसर रामबदन यादव का निधन।
BNMU ADMIN. Others

BNMU पूर्व कुलपति प्रोफेसर रामबदन यादव का निधन।

भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रामबदन यादव का आज 20 फरवरी, 2024 को देहावसान हो गया। वे एक कुशल शिक्षक एवं ईमानदार प्रशासक के रूप में ख्यात थे। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिजनों एवं शुभचिंतक को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। मालूम हो कि डॉ. रामबदन यादव बीएनएमयू के तीसरे कुलपति थे। उनका कार्यकाल 17 अक्टूबर, 1992 से 15 दिसंबर, 1994 तक रहा। इनके पूर्व . रमेंद्र कुमार यादव 'रवि' को प्रथम (संस्थापक) कुलपति (15 जनवरी, 1992 से 15 जून, 1993 तक) और मलय कुमार चटर्जी दूसरे कुलपति (प्रभार) (16 जून, 1992 से 17 अक्टूबर, 1992 तक) रहे। -सुधांशु शेखर, प्रभारी विभागाध्यक्ष, विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग, बीएनएमयू, मधेपुरा...
BNMU श्रद्धांजलि सभा का आयोजन।
BNMU ADMIN. Examination

BNMU श्रद्धांजलि सभा का आयोजन।

श्रद्धांजलि सभा का आयोजन ---- भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, लालूनगर, मधेपुरा के ग्यारहवें कुलपति प्रो. (डॉ.) अमरनाथ सिन्हा की आत्मा की शांति हेतु मंगलवार को अपराह्न 3 बजे से कुलपति प्रो. बी. एस. झा की अध्यक्षता में कुलपति कार्यालय के सामने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है।   इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर ने विश्वविद्यालय की ओर से एक शोक-संदेश पढ़ा।‌ उन्होंने बताया कि प्रो. सिन्हा का 18 फरवरी, 2024 (रविवार) को मुबंई में निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे और पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे। एकमात्र पुत्र शिशिर रंजन सहित भरापूरा परिवार और हजारों प्रशंसक छोड़ गए हैं।   उन्होंने बताया कि प्रो. अमरनाथ 02 अगस्त, 2001 से 01 अगस्त, 2004 तक बीएनएमयू के कुलपति रहे। उन्होंने विश्वविद्यालय को यूजीसी के 2 (एफ) एवं 12 (बी) से मान्यता दिलाने में महती भूम...
BNMU विभाग के राजदूत बनकर कार्य करें पूर्ववर्ती छात्र : पूर्व कुलपति
UNIV DEPT. Humanities

BNMU विभाग के राजदूत बनकर कार्य करें पूर्ववर्ती छात्र : पूर्व कुलपति

पूर्ववर्ती छात्र परिषद् का गठन *विभाग के राजदूत बनकर कार्य करें पूर्ववर्ती छात्र : पूर्व कुलपति* किसी भी संस्था के लिए उसके पूर्व विद्यार्थी बहुत बडी निधि होते हैं। ये अपनी मातृ-संस्था को सेवा, से सूझाव-सलाह, नवाचारी विचार एवं वित्तीय सहायता दे सकते हैं और राजदूत बनकर अपनी मातृ-संस्था के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।‌ यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा के पूर्व कुलपति प्रो. ज्ञानंजय द्विवेदी ने कही। वे विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों एवं पीएचडी शोधार्थियों की बैठक का उद्घाटन कर रहे थे। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि इस तरह सभी संस्थाओं के लिए पूर्ववर्ती छात्र परिषद् (एलूमनी एसोसिएशन) का काफी महत्व है। पूर्व विद्यार्थी दुनिया के किसी भी कोने में निवास कर रहे हो, लेकिन उनका विभाग से जुड़ाव बना रहना चाहिए। विभाग अपने इन पूर्व-विद्यार्थियों से लाभ उठा सकत...
BNMU विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग में मानव अस्तित्व का दार्शनिक विश्लेषण विषयक व्याख्यान का आयोजन।
UNIV DEPT. Humanities

BNMU विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग में मानव अस्तित्व का दार्शनिक विश्लेषण विषयक व्याख्यान का आयोजन।

*व्याख्यान का आयोजन* —–-- भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के शैक्षणिक परिसर अवस्थित विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग में मंगलवार को मानव अस्तित्व का दार्शनिक विश्लेषण विषयक व्याख्यान का आयोजन किया गया। *दर्शन के केंद्र में है मानव* इसके मुख्य वक्ता दर्शनशास्त्र विभाग, बी. आर. अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के प्रोफेसर डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि संपूर्ण दर्शन मानव अस्तित्व के इर्द-गिर्द घूमता है। मानव ही दर्शन के केंद्र में है। लेकिन दुख की बात यह है कि हम विश्लेषण के क्षेत्र में तो आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन मानवता पीछे छूटती जा रही है। उन्होंने कहा कि तर्कशास्त्रियों ने मानव को एक बौद्धिक प्राणी कहा है। लेकिन वास्तव में मानव एक संवेदनशील प्राणी है। मानव की मुख्य विशेषता बौद्धिकता नहीं, बल्कि संवेदनशील है। मानव जीवन तर्क से नहीं, बल्कि संवेदना से चलता है। म...