BNMU व्यक्ति के विकास में परिवार की भूमिका महत्वपूर्ण

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और व्यक्ति का समाज उसके परिवार से ही शुरू होता है। ऐसे में व्यक्ति के विकास में परिवार की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।

यह बात मनोविज्ञान विभाग टीएनबी कॉलेज भागलपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ श्वेता पाठक ने कही वह सोमवार को बीएनएमयू संभाग व्याख्यानमाला में रोल ऑफ कम्युनिकेशन इन पैरंट चाइल्ड रिलेशनशिप विषय पर व्याख्यान दे रही थीं।

उन्होंने कहा कि आज कल के परिप्रेक्ष्य में एकाकी परिवार होने के कारण माता-पिता की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। माता-पिता बच्चों की समस्याओं और विचारों को सही-सही समझे। यदि माता पिता और बच्चों के बीच उचित संवाद होता है, तो यह जिम्मेदारी भी सरलता से निभ जाती है।
संवाद से तात्पर्य, दुसरो तक अपनी बातें, अपने विचार को सही तरह से साझा करने से होता है। उचित संवाद के लिए माता पिता को बच्चों के कम्युनिकेशन स्किल को समझने से पहले अपने स्किल्स को भी जानना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कुशल संवाद के लिए माता पिता में कुछ विशेषताओं का होना आवश्यक है। जैसे बच्चों के प्रति सकारात्मक व्यवहार रखना जरूरी है। माता-पिता कुशल संवाद स्थापित करके बच्चों के स्वायत्ता (ऑटोनोमी) और आईडेंटिटी फॉरमेशन में भी सहयोग करते है।