कोशी की स्वतंत्रता आंदोलन में रही है महत्वपूर्ण भूमिका/ डॉ. रविशंकर कुमार चौधरी

कोशी क्षेत्र ने कई महान विभूतियों को जन्म दिया है. यहाँ के विभूतियों ने राष्ट्रीय आंदोलन का सफल संचालन और नेतृत्व किया. साथ ही केंद्रीय एवं प्रांतीय मंत्रिमंडल में शामिल होकर राष्ट्र की राजनीति का सफल संचालन किया।
स्वतंत्रता आंदोलन में कोशी की भूमिका अविस्मरणीय थी.

यह बात इतिहास विभाग, टी. एन. बी कॉलेज, भागलपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रविशंकर कुमार चौधरी ने कही।

वे बीएनएमयू संवाद यूट्यूब चैनल पर कोशी में स्वतंत्रता आंदोलन विषय पर व्याख्यान दे रहे थे.

उन्होंने कहा कि कोसी क्षेत्र राष्ट्रीय आंदोलन और राष्ट्रीय जन जागरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय आंदोलन के प्रत्येक चरण में कोशी की अहम भागीदारी रही। असहयोग आंदोलन आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन में कोसी प्रक्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

कोशी क्षेत्र में चौकीदारी टैक्स का बहिष्कार किया गया। नशाबंदी के लिए आंदोलन किया गया। विदेशी वस्त्रों की होली जलाई गई। 1930 में गांधी के दांडी मार्च के फलस्वरूप इस क्षेत्र में भी नमक निर्माण कार्यक्रम में काफी जोर पकड़ा।

उन्होंने कहा कि कोसी के कई नेताओं ने राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। इनमें शिवनंदन प्रसाद मंडल, कमलेश्वरी प्रसाद मंडल, रासबिहारी मंडल, बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल,भूपेंद्र नारायण मंडल, ललित नारायण मिश्र, लहटन चौधरी, रमेश झा, राजेंद्र मिश्र, कार्तिक प्रसाद सिंह, चित्रनारायण शर्मा, पंडित छेदी झा द्विजवर, राम बहादुर सिंह, विद्याकर कवि आदि प्रमुख हैं।