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Srijan-Samvad हिंदी काव्यलोचन क व्यावहारिक संदर्भ’ पुस्तक की भूमिका।

‘हिंदी काव्यलोचन क व्यावहारिक संदर्भ’ पुस्तक की भूमिका   प्रस्तुत पुस्तक के अधिकतर आलेख गत दस-बारह वर्षों की कालावधि में विभिन्न शोध-पत्रिकाओं तथा पुस्तकों में प्रकाशनार्थ लिखे गये हैं। कुल बाईस आलेखों में मात्र दो – 'मात्रिक छन्द तथा हिन्दी काव्य' एवं 'रहीम के काव्य-वाङ्मय में लोकतत्त्व' अद्यावधि अप्रकाशित हैं। प्रायः सारे आलेख अनुप्रयुक्त, अर्थात् व्यावहारिक आलोचना के उदाहरण बन पड़े हैं। अलग-अलग संदर्भ में लिखित इन आलेखों का व्याप्ति-क्षेत्र छन्द से लेकर आलोचना तक है तो प्राचीन कवि स्वयंभू से लेकर आधुनिक कवि हीरा प्रसाद हरेन्द्र तक। इनमें से कुछ आलेख सम्मानित व पुरस्कृत भी हुए हैं। संकलन के प्रथम आलेख में मात्रिक छन्द के क्रमिक विकास के साथ-साथ उसके स्वरूप, महत्त्व तथा हिन्दी कवियों में लोकप्रियता के विविध कारणों पर विचार किया गया है। दूसरी प्रस्तुति का नाम है 'पाठकवादी आलो...
Bihar डॉ. विनोद कुमार सिंह की स्मृति में प्रकाशित स्मरण ग्रंथ ‘ज्ञानं भार: क्रियां विना’ पुस्तक का लोकार्पण शुक्रवार 12 जनवरी, 2024 को
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Bihar डॉ. विनोद कुमार सिंह की स्मृति में प्रकाशित स्मरण ग्रंथ ‘ज्ञानं भार: क्रियां विना’ पुस्तक का लोकार्पण शुक्रवार 12 जनवरी, 2024 को

बहुआयामी व्यक्तित्व और विलक्षण प्रतिभा के धनी शिक्षाविद, साहित्यकार, समाजवादी चिंतक व पूर्व प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार सिंह की स्मृति में प्रकाशित स्मरण ग्रंथ 'ज्ञानं भार: क्रियां विना' पुस्तक का लोकार्पण शुक्रवार 12 जनवरी, 2024 को पूर्वाह्न 11बजे छपरा शहर के भिखारी ठाकुर प्रेक्षागृह सह कला दीर्घा में होना है। इस पुस्तक के प्रधान संपादक प्रो. पृथ्वी राज सिंह हैं। लोकार्पण राज्य सभा के उप-सभापति श्री हरिवंश और बिहार विधान परिषद् के उप-सभापति डा. रामचंद्र पूर्वे करेंगे।...
Book ‘हिंदी काव्यलोचन के व्यावहारिक संदर्भ’ पुस्तक प्रकाशित
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Book ‘हिंदी काव्यलोचन के व्यावहारिक संदर्भ’ पुस्तक प्रकाशित

'हिंदी काव्यालोचना का व्यावहारिक पक्ष 'हिंदी काव्यलोचन क व्यावहारिक संदर्भ' पुस्तक प्रकाशित ---------- नववर्ष (2024) के प्रथम सप्ताह में गुरुवर प्रोफेसर डॉ. बहादुर मिश्र की पुस्तक 'हिंदी काव्यलोचना का व्यावहारिक पक्ष 'हिंदी काव्यालोचन क व्यावहारिक संदर्भ' के प्रकाशन की सूचना मिली है। इसके लिए गुरुवर को बहुत-बहुत बधाई। मुझे आशा ही नहीं, वरन् पूर्ण विश्वास है कि यह पुस्तक हिन्दी भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में एक नया प्रतिमान स्थापित करेगी और इसे पाठकों एवं समीक्षकों का भरपूर स्नेह मिलेगा। आगे बीएनएययू संवाद में पुस्तक का एक विस्तृत परिचय (समीक्षा) भी प्रकाशित की जाएगी। -सुधांशु शेखर, संपादक...
BIHAR राजनीतिक सिद्धांत बोध पुस्तक का लोकार्पण।
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BIHAR राजनीतिक सिद्धांत बोध पुस्तक का लोकार्पण।

पुस्तक का लोकार्पण ------------------------- आज दिनांक 13 दिसंबर, 2023 को पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) के. सी. सिन्हा ने डॉ. अशोक कुमार द्वारा लिखित पुस्तक 'राजनीतिक सिद्धांत बोध' ('अंडरस्टैंडिंग पॉलिटिकल थ्योरी') For 4th year BA CBCS Course का लोकार्पण किया।
Book आवश्यक सूचना।‌ 50 प्रतिशत छूट पर पुस्तकें उपलब्ध।
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Book आवश्यक सूचना।‌ 50 प्रतिशत छूट पर पुस्तकें उपलब्ध।

अत्यावश्यक सूचना ------------ आप सबों की सेवा में कुछ पुस्तकों का विवरण प्रस्तुत है। आप चाहें, तो आमंत्रित मूल्य पर उसे प्राप्त कर सकते हैं।  अधिक जानकारी और आर्डर हेतु 9934629245 पर वाट्सएप करें। -------विवरण----- 1. दार्शनिक विमर्श, संपादक- प्रो. (डाॅ.) प्रभु नारायण मंडल, मूल्य - ₹1000, आमंत्रित मूल्य - ₹500 2. मानववाद : संदर्भ एम.एन. राय एवं डॉ. आंबेडकर, लेखक- डाॅ. हिमांशु शेखर सिंह, मूल्य - ₹150, आमंत्रित मूल्य - ₹100 3. सामाजिक न्याय : अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ, लेखक- डाॅ. सुधांशु शेखर, मूल्य- ₹250, आमंत्रित मूल्य- ₹175 4. गाँधी-विमर्श, लेखक- डाॅ. सुधांशु शेखर, मूल्य- ₹150, आमंत्रित मूल्य- ₹100 5. धर्मांतरण और गाँधी, लेखक- डाॅ. सुरेश भारद्वाज, मूल्य - ₹250, आमंत्रित मूल्य - ₹175 6. धार्मिक कथन : साथर्कता एवं सत्यता, लेखक- डाॅ. वीणा कुमारी, मूल्य - ₹200, आमंत्...
Book सामाजिक न्याय (अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ
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Book सामाजिक न्याय (अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ

इस हफ्ते पढ़ी किताब : सामाजिक न्याय (अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ ) - सुधांशु शेखर सुधांशु शेखर उन चुनिंदा युवा लेखकों मे हैं जिन्होंने अपने शोधकार्य को बहुत गंभीरता से लिया है और उसके आधार पर हमारे आधुनिक इतिहास के महानायकों के जीवन दर्शन पर गंभीर लेखों और कृतियों का सृजन किया है । इसके पहले मैंने इसी कड़ी मे हिंद स्वराज को केंद्र मे रखकर गांधी दर्शन पर लिखी उनकी कृति पर भी लिखा था । यह सुधांशु की दूसरी महत्वपूर्ण कृति है जो हमें पूरी गंभीरता से अंबेडकर के विचारों और जीवन दर्शन से रूबरू कराती है ।   हिंद स्वराज और गांधी पर मेरा भी काफी अध्ययन रहा है इसलिए सुधांशु की उस कृति पर मेरी आलोचना अधिक समीचीन थी लेकिन सुधांशु की इस कृति से गुजरते हुए मुझे लगातार यह अहसास होता रहा कि मैं भी अंबेडकर की विचारधारा को बेहतर और समग्र रूप मे समझ पा रहा हूं ।निश्चित रूप से अंबेडकर को...
Birthday मित्र तुम्हें अशेष बधाई ! जयप्रकाश मानस
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Birthday मित्र तुम्हें अशेष बधाई ! जयप्रकाश मानस

मित्र तुम्हें अशेष बधाई ! -------------------------- आज मेरे ध्यान में सुबह से ही बिहार था और बिहार के साथ-साथ बिहार, बोधनगर, बाँका के युवा लेखक-समीक्षक मित्र डॉ. सुधांशु शेखर भाई भी थे। आज उनका जन्मदिन जो है । इस दुनिया मेरे बहुत बाद यानी 1982 में आकर भी सुधांशु मुझसे और मेरे जैसे कई चिंतन-मनन करने वालों से आगे निकल गये हैं। कई गंभीर मुद्दों पर उनकी आलोचनात्मक कृतियाँ आ चुकी हैं - वर्ण व्यवस्था - अंबेडकर-विचार औऱ आधुनिक संदर्भ, विमर्श और प्रतिक्रिया, दर्शन और राजनीति, गांधी विमर्श। अंबेडकर और गांधी जी पर उनकी जो किताब है, वह आज के प्रायोजित संदर्भों को ध्वस्त करती है। नये युग की नयी दृष्टि से उन्होंने गाँधी और अंबेडकर की शास्त्रीयता और मानवीयता को तटस्थ रूप से देखकर सामाजिक विडंबनाओं की गहरी पड़ताल की है । यूँ तो इन दोनों के दर्शन और सिद्धांतों पर हिंदी-अंगरेज़ी कई किताबें हैं, किन...
Bhupendalikaran aur Manvadhikar भूमंडलीकरण और मानवाधिकार
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Bhupendalikaran aur Manvadhikar भूमंडलीकरण और मानवाधिकार

विश्व मानवाधिकार दिवस की बधाई --------   पुस्तक प्रकाशित --- ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष एवं बीएनएमयू के उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर की पुस्तक 'गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार' प्रकाशित हुई है। कुल 202 पृष्ठों की इस पुस्तक को के. एल. पचौरी प्रकाशन, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) के तरूण विजय पचौरी ने हार्ड कवर में उच्च गुणवत्ता के साथ प्रकाशित किया है।   लेखक डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि प्रस्तुत पुस्तक में प्रस्तावना एवं उपसंहार सहित कुल तेरह अध्याय हैं। प्रस्तावना में विषय की आवश्यकता को रेखांकित किया है। अध्याय दो से पाँच तक क्रमशः 'दलित', 'स्त्री', 'धर्म' एवं 'राष्ट्र' को गाँधी की दृष्टि से समझने की कोशिश की गई है। आगे अध्याय छः से नौ तक पुनः क्रमशः 'दलित', 'स्त्री', 'धर्म' एवं 'राष्ट्र' को डॉ. अंबेडकर की दृष्टि से व्याख...
Manvadhikar गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार पुस्तक प्रकाशित
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Manvadhikar गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार पुस्तक प्रकाशित

विश्व मानवाधिकार दिवस की बधाई                                                                                                                                                                                                                                                                  गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार पुस्तक प्रकाशित ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष एवं बीएनएमयू के उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर की पुस्तक 'गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार' प्रकाशित हुई है। कुल 202 पृष्ठों की इस पुस्तक को के. एल. पचौरी प्रकाशन, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) के तरूण विजय पचौरी ने हार्ड कवर में उच्च गुणवत्ता के साथ प्रकाशित किया है।लेखक डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि प्रस्तुत पुस्तक में प्रस्तावना एवं उपसंहार सहित कुल तेरह अध्याय हैं। प्रस्तावना में विषय की आवश्यकता को ...
BNMU ‘गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार’ पुस्तक प्रकाशित
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BNMU ‘गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार’ पुस्तक प्रकाशित

पुस्तक प्रकाशित --- ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष एवं बीएनएमयू के उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर की पुस्तक 'गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार' प्रकाशित हुई है। कुल 202 पृष्ठों की इस पुस्तक को के. एल. पचौरी प्रकाशन, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) के तरूण विजय पचौरी ने हार्ड कवर में उच्च गुणवत्ता के साथ प्रकाशित किया है। लेखक डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि प्रस्तुत पुस्तक में प्रस्तावना एवं उपसंहार सहित कुल तेरह अध्याय हैं। प्रस्तावना में विषय की आवश्यकता को रेखांकित किया है। अध्याय दो से पाँच तक क्रमशः 'दलित', 'स्त्री', 'धर्म' एवं 'राष्ट्र' को गाँधी की दृष्टि से समझने की कोशिश की गई है। आगे अध्याय छः से नौ तक पुनः क्रमशः 'दलित', 'स्त्री', 'धर्म' एवं 'राष्ट्र' को डॉ. अंबेडकर की दृष्टि से व्याख्यायित किया गया है। तदुपरांत अध्याय दस से बारह तक 'गाँधी', 'डॉ. अंबेड...