(आज ज़िद्दू कृष्णमूर्ती (1895- 1986) का जन्मदिन है, जैसा कि उनके जीवनीकारों ने बताया है. भोर में उन्हें याद करते हुए कुछ बातें दिमाग में आईं. ज़िद्दू ने बहुतों को प्रभावित किया. मुझे भी इतना तो किया ही है कि उनके बारे में कुछ देखता हूँ तो पढ़ जाता हूँ. )
आधुनिक, प्राचीन और सनातन
प्रेमकुमार मणि
प्रायः आधुनिकता, प्राचीनता और सनातनता को लेकर विमर्श या बहस होती रहती है. बुद्ध, सुकरात, कन्फ्यूशस आदि प्राचीन हैं. उनके विचार, उनकी बातें प्राचीन हैं, लेकिन उनमें कुछ है कि हम उन्हें उद्धृत करते हैं. उनके स्वरूप या उनकी जीवन शैली को जी नहीं सकते. जीना चाहेंगे तो वह प्रहसन की तरह होगा. मसलन बुद्ध की तरह कटोरा थाम कर भोजन की भिक्षा मांगना या फिर उनकी तरह काषाय वस्त्र धारण करना एक प्रहसन की तरह ही होगा. हालांकि लोग ऐसा करते हैं. आगे भी कर सकेंगे ऐसी उम्मीद की जानी च...