Tag:

Vivekanand विवेकानन्द के जन्मदिन पर ————————-  उठो ,जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाय…  प्रेमकुमार मणि
SRIJAN.AALEKH

Vivekanand विवेकानन्द के जन्मदिन पर ————————- उठो ,जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाय… प्रेमकुमार मणि

विवेकानन्द के जन्मदिन पर ------------------------- उठो ,जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाय... प्रेमकुमार मणि, पटना (बिहार) विवेकानंद ( 12 जनवरी 1863 - 4 जुलाई 1902 ) के प्रति मैंने हमेशा एक जिज्ञासु भाव रखा है. जब हाई स्कूल का विद्यार्थी था, तब मैं उनके प्रति आकर्षित हुआ और उनके बारे में जितना कुछ मिलता ध्यान से पढता. उनके जीवन के बारे में हम ने अपने पाठ्यक्रम में कुछ जान लिया था. उनका चित्र सम्मोहित करता था. एक शांत -चित्त, स्वस्थ और सुन्दर युवा चेहरा बरबस बुद्ध-मूर्तियों की याद दिलाता था. एक पददलित देश -समाज मानो उनके व्यक्तित्व में अपनी पहचान अथवा अस्मिता के साथ उभर रहा हो. वह आध्यात्मिक थे, सामाजिक -क्रांतिकारी भी. उन्हें अपने देश -समाज की चिंता थी. और कुल मिला कर वह खुले दिमाग से सोचने पर जोर देते थे, जैसे कि बुद्ध देते थे. इसलिए मैं अपनी किशोरावस्था में...
Sehat Samvad सेहत संवाद -4 का आयोजन* तेज सिरदर्द को न करें नजरंदाज : डा. विनित भार्गव
Uncategorized

Sehat Samvad सेहत संवाद -4 का आयोजन* तेज सिरदर्द को न करें नजरंदाज : डा. विनित भार्गव

*सेहत संवाद -4 का आयोजन* तेज सिरदर्द को न करें नजरंदाज : डा. विनित भार्गव - सिर के किसी भी हिस्से में होने वाले दर्द को सिरदर्द कहते हैं। उन्होंने बताया कि सिरदर्द बढ़ने पर सिर के पिछले हिस्से एवं गर्दन पर भी असर दिखाता है। लंबे समय तक तेज सिरदर्द रहने पर माइग्रेन जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। अतः सरदर्द को नजरंदाज नहीं करें। यह बात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली के पूर्व पीआई एवं पब्लिक हेल्थ इम्पावरमेंट एंड रिसर्च आर्गेनाइजेशन के सीईओ डाॅ. विनीत भार्गव ने कही। वे शनिवार को सरदर्द एवं माइग्रेन : कारण एवं निवारण विषयक सेहत संवाद कार्यक्रम में मुख्य वक्ता थे। यह आयोजन ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, पटना के सौजन्य से संचालित सेहत केंद्र के तत्वावधान में किया गया उन्होंने बताया कि सरदर्द सिर के किसी एक या दोनों ...
Poem। कविता / तय नहीं कर पाते/प्रो. इन्दु पाण्डेय खण्डूड़ी दर्शन विभाग, हे. न. ब. गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर-गढ़वाल, उत्तराखण्ड
SRIJAN.KAVITA

Poem। कविता / तय नहीं कर पाते/प्रो. इन्दु पाण्डेय खण्डूड़ी दर्शन विभाग, हे. न. ब. गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर-गढ़वाल, उत्तराखण्ड

तय नहीं कर पाते, दुनिया के इस मेले में आकर्षणों की भरमार है। कहीं हंसी की खिलखिलाहट, कहीं मुस्कुराहट के उजाले। पसरी है खामोशियों की सांसें, कहीं आँसुओ की बरसात है। पर, मेरे अनजान रास्तों पर, सन्नाटे गूँजते रहते हैं अपनी तो ख्वाहिश बची नहीं लेकिन आसपास जरूरते चीखती हैं। शांति के समंदर में डूब जाऊ, या कर्तव्य के राह अनथक चलूँ, असमंजस के बादल कहाँ बरसे, हवा के झोंके तय नहीं कर पाते। प्रो. इन्दु पाण्डेय खण्डूड़ी दर्शन विभाग हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर-गढ़वाल, उत्तराखण्ड  ...
SRIJAN.AALEKH

Film। इरफान खान : तुमको न भूल पाएँगे…

Irfan Khan : Tumko na bhul payenge ---- Kunal Baikunth Singh Director and Actor, The first Angika Film, Khagaria wali Bhaujee In 1994 Himesh reshamiya was making a TV serial directed by arun frank for zee TV. We were looking for a good looking smart negative actor. After trying lots of new actors I suggested Irfan Khan. But point was how to contact him. Because he dsn't had mobile no. that time. But he was working in TV serial named 'Banegi Apni Baat'. I called the office of Diya Toni (producer of Banegi Apni Baat.) Any how got in tuch with great irfan khan. He was shooting some where in seven bunglow.. I went to meet him for budget and all. But was not allowed to inter at the shooting location. Any how after a long irfan khan came out. He asked only one thing...