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Poem। जिंदगी बोल उठी है
SRIJAN.KAVITA

Poem। जिंदगी बोल उठी है

जिंदगी बोल उठी है। ________________ जिंदगी नाम है गति में रहने का। कभी विचारों से आत्मा में उतरते रहने का फिर शरीर, मन अौर आत्मा पर नियंत्रण पाने का तब मुस्कराते मन की तस्वीरें सजाने का अौर कुछ अच्छा लगा, वहाँ तक जाने का। जिंदगी नाम है बारिश हो जाने का। इसकी हर बूँद- बूँद में खो जाने का फिर इसकी ठंडक की अंतिम परत को छू जाने का और बंजर धरती को उपजाऊ बनाने का तब मिट्टी की खुशबू बन, हृदय में समाने का। जिंदगी नाम है पहेलियाँ सुलझाने का, कहाँ-कहाँ अटके हों समझ बढ़ाने का फिर मोह मुक्त गुलाब खिलाने का अौर झुमती आँचल में घर बनाने का तब चाँद की आँखों मे खुद को पाने का। जिंदगी नाम है अँधेरों में तप करने का, गगन मे मग्न मन को पास तक लाने का फिर प्रकाश की गति को ग्रहण करने का अौर हवा की मुहूर्त बनाने का तब नारी जो पुरुष के अंदर भी है, उसकी दर्शन करने का। संतरग सा हो, श...