दर्शन परिषद्, बिहार का 45वां अधिवेशन 21 दिसंबर से
दर्शन परिषद्, बिहार का 45वां अधिवेशन 21-23 दिसंबर, 2023 को रामेश्वर कॉलेज, मुजफ्फरपुर में आयोजित होगा। इसमें देशभर के जानेमाने दार्शनिक, शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी शामिल होंगे। यह जानकारी बीएनएमयू के उपकुलसचिव (स्थापना) सह परिषद् के संयुक्त सचिव डॉ. सुधांशु शेखर ने दी।
मधेपुरा में हुआ था 42वां अधिवेशन
उन्होंने बताया कि परिषद् की सन् 1949 में सुप्रसिद्ध दार्शनिक प्रो. डी. एम. दत्त ने समाज में दार्शनिक विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए दर्शन परिषद्, बिहार का गठन किया था। तब से लगातार विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में इस संगठन के अधिवेशन आयोजित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि परिषद् का 42 वां अधिवेशन 5-7 मार्च, 2021 को भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में संपन्न हुआ था। तदुपरांत 43वां अधिवेशन 12-13 मार्च, 2022 को वीर कुंअर सिंह विश्विद्यालय, आरा में और 44वां अधिवेशन 6-8 नवंबर, 2022 को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में आयोजित हो चुका है।
स्मारिका का होता है प्रकाशन
उन्होंने बताया कि परिषद् निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है और इसके अधिवेशनों में कई आयाम जुड़े हैं। इसके अधिवेशन में उद्घाटन एवं समापन सत्रों के अलावा दो संगोष्ठी एवं कई व्याख्यानों का आयोजन किया जाता है और पांच समानांतर विभागों में शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाते हैं। इनमें से चुने हुए शोध-पत्रों को शोध-पत्रिका दार्शनिक अनुगूंज में प्रकाशित किया जाता है।अधिवेशन के पूर्व शोध-सारांशों को समाहित करते हुए स्मारिका भी प्रकाशित की जाती है।
चल रही हैं तैयारियां
उन्होंने बताया कि परिषद् की अध्यक्षा सह दर्शनशास्त्र विभाग पटना विश्वविद्यालय, पटना की पूर्व अध्यक्ष प्रो. पूनम सिंह, महासचिव सह टी. पी. एस. कॉलेज, पटना में दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. श्यामल किशोर के मार्गदर्शन और आयोजन सचिव सह प्रधानाचार्य डॉ. अभय कुमार सिंह के नेतृत्व में अधिवेशन की तैयारियां चल रही हैं। इस बात का ख्याल रखा जा रहा है कि अतिथियों एवं प्रतिभागियों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो।