Dipawali काश कुछ यूँ हो जाए…

काश कुछ यूँ हो जाए,
दिए मैं यहाँ जलाऊँ,
और आपको भी देहरी,
रोशनी से भर जाए,
मैं सोच लूँ और बोलूँ,
अंधेरा खत्म हो तो,
सम्मान और प्यार की,
रोशनी यूँ जल जाए।
चमक सिर्फ सोने औऱ हीरे
की नहीं दिल में हो,
बैर औए घृणा के अंधेरे
अपने आप खत्म हो जायेगे,
हम सब बिना भेदभाव,
एक अनकहे प्यार और लगाव,
की रोशनी में नहाये,
नहीं कुछ ज्यादा नहीं,
बस दोस्तों के साथ का,
होने का एहसास ही,
दीवाली के दिये रोशनी से
प्रकृति भी रोशन हो जाये,
शिद्दत से शुभकामना हो,
और दिल सबके रोशन हो।
भूख और भय का अंधकार
न हो, सुकून का दिया जले।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
-इंदु पाण्डेय खंडूड़ी, श्रीनगर-गढ़वाल