BNMU। ‘कोविड-19 में ऑनलाइन शिक्षा का प्रभाव’ और ‘साइकोलॉजी ऑफ फलड’ पुस्तक का विमोचन 18 दिसंबर, 2020

कोविड-19 महामारी न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक अभिशाप बनकर आई है। इससे बच्चे एवं युवा सहित पूरा समाज प्रभावित है। इस महामारी ने हमारी सामाजिक, आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक दशा को बुरी तरह प्रभावित किया है। शिक्षा जगत भी इस महामारी के चपेट में है। आज प्रायः सभी स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में सामान्य पठन-पाठन नहीं हो पा रहा है। इस बीच ऑनलाइन शिक्षा एक विकल्प बनकर उभरी है। लेकिन इसके दुष्परिणामों के संदर्भ में भारत एवं विश्व के मनोवैज्ञानिक लगातार चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

इन्हीं संदर्भों को ध्यान में रखकर स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग, भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के तत्वावधान में 18 दिसंबर, 2020 को एक संगोष्ठी का आयोजन सुनिश्चित है, जिसका विषय है कोविड-19 में ऑनलाइन शिक्षा का प्रभाव। साथ ही इस अवसर पर विभाग की पूर्ववर्ती छात्रा डॉ. स्वास्तिका एवं शिक्षक डॉ. एम. आई. रहमान द्वारा संयुक्त रुप से लिखी गई पुस्तक ‘साइकोलॉजी ऑफ फलड’ का विमोचन भी होगा। इस पुस्तक में प्राकृतिक आपदा बाढ़ से संबंधित मनोवैज्ञानिक पहलुओं को समझने का प्रयास किया गया है। इस तरह यह समारोह वैश्विक आपदा कोरोना और कोसी क्षेत्र की विशेष आपदा बाढ़ को जानने-समझने में मददगार होगी।

समारोह के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. आर. के. पी. रमण और विशिष्ट अतिथि जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, मधेपुरा के पूर्व प्राचार्य सह लॉर्ड बुद्धा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, सहरसा के प्रधानाचार्य प्रोफेसर डा. अशोक कुमार यादव होंगे। सम्मानित अतिथि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, बिहार के एग्जीक्यूटिव मेम्बर एवं लायंस क्लब, मधेपुरा के अध्यक्ष डा. सच्चिदानंद यादव एवं बीएनमुस्टा के महासचिव प्रोफेसर डॉ. नरेश कुमार होंगे। समारोह की अध्यक्षता स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. कैलाश प्रसाद यादव करेंगे।

संगोष्ठी के संयोजक सचिव विश्वविद्यालय के अकादमी निदेशक एवं मनोविज्ञान विभाग के वरीय प्रोफेसर डाॅ. एम. आई. रहमान ने बताया कि समारोह की तैयारियाँ चल रही हैं और इसको लेकर शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों में काफी उत्साह है।