BNMU। ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में कुलपति का सम्मान समारोह

कुलपति का सम्मान समारोह

हम सभी पूर्वजों को नमन करते हैं, जिनके कारण टी. पी. काॅलेज एवं बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय बना। यदि यह दोनों संस्थान नहीं होता, तो आज हम यहाँ नहीं होते। यह महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय हमारा मंदिर है। हम सबों को मिलकर इसे सजाना- संवारना है।

यह बात ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के शिक्षक एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. राम किशोर प्रसाद रमण ने कही। वे शनिवार को राष्ट्रीय सेवा योजना, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि वे इस महाविद्यालय के छात्र रहे हैं और यहीं के शिक्षक भी हैं। इस महाविद्यालय उनका परिवार है। यहाँ सम्मानित होना गौरब की बात है।

उन्होंने कहा कि शिक्षक का पद सबसे बड़ा होता है। पढ़ाने से बड़ा कोई काम नहीं है। वे आज भी अपने आपको शिक्षक मानते हैं। इमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा ही उनकी सबसे बड़ी पूंजी है।

उन्होंने कहा कि हम सबों के ऊपर इस मिट्टी का ॠण है। हमें मिलकर इस ॠण को चुकाने का प्रयास करना है। सबों को मिलकर काम करना है। हम सब अपने-अपने कर्तव्यों का समुचित निर्वहन करेंगे, तो अवश्य ही विकास होगा।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। हमें विद्यार्थियों की सभी समस्याओं का समाधान करना है। किसी भी काम के लिए विद्यार्थियों को अनावश्यक कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े।

उन्होंने कहा कि हमें सबसे पहले नैक कराना है। यह सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। हमें संस्थान के भौतिक विकास के साथ-साथ शैक्षणिक विकास भी करना होगा।

उन्होंने कहा कि पढ़ाई के मामले में ढिलाई कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऑनलाइन इंटरेक्टिव क्लास चलाएँ।

उन्होंने कहा कि परीक्षा का नियमित संचालन हो। रिजल्ट पेंडिंग नहीं हो।

इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद ने कहा कि कुलपति काफी नेक, स्थिर एवं गंभीर हैं। हमारा सौभाग्य है कि हमें अपने बीच के कुलपति मिले हैं। यह कार्यकाल विकास का नया अध्याय लिखेगा। यदि अभी विकास नहीं होगा, तो हमें समाज कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंनेै कहा कि महाविद्यालय का नैक मूल्याकंन कराएँ और ऑनलाइन क्लास चलाएँ। ऑफलाइन भी क्लास हो।

हिंदी विभाग की शिक्षिका डाॅ. वीणा कुमारी ने कहा कि सबों के सहयोग से ही महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय का विकास होगा।

पूर्व डीएसडब्लू डाॅ. योगेन्द्र प्रसाद यादव ने महाविद्यालय में विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने की मांग की। साथ ही विश्वविद्यालय स्तर पर वोकेशनल कोर्स में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने की जरूरत बताई।https://youtu.be/XSyP9OJllTA

कार्यक्रम के पूर्व कुलपति एवं अन्य पदाधिकारियों ने ठाकुर प्रसाद एवं कीर्ति नारायण मंडल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। अतिथियों का अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया।

कार्यक्रम के अंत में सृजन दर्पण के रंगकर्मी विकास कुमार एवं साथियों ने विद्यापति की रचना उगना रे का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर पूर्व प्रधानाचार्य द्वय डाॅ. सुरेश प्रसाद यादव एवं डाॅ. परमानंद यादव, कुलानुशासक डॉ. विश्वनाथ विवेका, सिंडिकेट सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान, परिसंपदा पदाधिकारी डॉ. गजेन्द्र प्रसाद एवं जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर, डाॅ. राजीव रंजन, डाॅ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन, डाॅ. वीरकिशोर सिंह, डाॅ. नरेश कुमार, आर पी राजेश आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने की। संचालन महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) डाॅ. उदयकृष्ण ने किया।