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आपदा मित्र का प्रशिक्षण हेतु नाम भेजने की अंतिम तिथि 14 नवंबर तक

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*आपदा मित्र का प्रशिक्षण हेतु नाम भेजने की अंतिम तिथि 14 नवंबर तक*

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, पटना द्वारा नवंबर-दिसंबर में बीएनएमयू के 450 विद्यार्थियों को आपदा मित्र का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विश्वविद्यालय द्वारा इसकी तैयारी की जा रही है।

इस संबंध में कुलपति प्रो. बी. एस. झा के निदेशानुसार राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने सभी महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को पत्र प्रेषित कर आवश्यक सूचना दी है। उन्होंने पत्र में अनुरोध किया है कि कार्यक्रम में भाग लेने हेतु प्रति इकाई बीस-बीस विद्यार्थियों का नाम वरीयता क्रमानुसार 14 नवंबर को अपराह्न तीन बजे तक तक आवश्यक रूप से उपलब्ध कराया जाए। इसके बाद प्राप्त नामों पर विचार नहीं किया जाएगा। तदनुसार यदि विद्यार्थी इस कार्यक्रम में भाग लेने से वंचित रहेंगे, तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाचार्यों की होगी।

उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण पूरी तरह नि:शुल्क होगा। इसके लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित की गई है। इसमें मधेपुरा, सहरसा एवं सुपौल के 150-150 विद्यार्थियों का प्रशिक्षण होना है। इसमें मधेपुरा एवं सहरसा जिले का प्रशिक्षण ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में होगा। सुपौल जिले के प्रशिक्षण की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है।

*प्रशिक्षित लोगों की बढ़ी है मांग*
उन्होंने बताया कि आपदा एक प्राकृतिक या मानव निर्मित जोखिम है। इससे मानव, समाज एवं पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभावित पड़ता है। बाढ़, सुखा, चक्रवाती तूफानों, भूकम्प, भूस्खलन, वनों में लगनेवाली आग, ओलावृष्टि, टिड्डी दल और ज्वालामुखी फटने जैसी विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है और इन्हें रोकना भी मुश्किल है। लेकिन इनके प्रभाव को एक सीमा तक जरूर कम किया जा सकता है, जिससे कि जान-माल का कम से कम नुकसान हो। इसमें आपदा- प्रबंधन की महती भूमिका होती है और इस क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की मांगें बढ़ी हैं।

*आपदाग्रस्त कोसी के लिए महत्वपूर्ण अवसर*
उन्होंने बताया कि पूरा बिहार और विशेषकर कोसी क्षेत्र विभिन्न आपदाओं से ग्रसित है। ऐसे में यहां आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाना अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। इससे युवाओं को रोजगार का अवसर भी मिलेगा और वे समय आने पर अपनी एवं अपने समाज की मदद भी कर सकेंगे। इस तरह यह प्रशिक्षण आपदाग्रस्त कोसी के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।

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