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Hindi खगेंद्र ठाकुर की आज पुण्यतिथि पर विशेष….
SRIJAN.VICHAR

Hindi खगेंद्र ठाकुर की आज पुण्यतिथि पर विशेष….

एक प्रखर मार्क्सवादी चिन्तक , हिन्दी साहित्य के प्रगतिशील आंदोलन के पुरोधा और चर्चित आलोचक डॉ खगेंद्र ठाकुर की आज पुण्यतिथि है। अपनी बेहद सजग आलोचनात्मक दृष्टि के कारण खगेन्द्र जी आजीवन बिहार के लेखकों के लिए एक प्रकाश-स्तंभ की तरह रहे। मेरा उनसे आत्मीय परिचय 1995 में तब हुआ जब मैं अपनी कुछ कच्ची-पकी कविताओं की एक पांडुलिपि लेकर उनके पास गया था। मन में एक डर और संकोच था कि पता नहीं मुझ पुलिसवाले के साथ उनका सलूक कैसा हो। यह देखकर एक सुखद आश्चर्य हुआ कि उन्होंने मेरी कविताओं को न केवल एकाग्र होकर पढ़ा और सुझाव दिए, बल्कि कविता संग्रह को 'जंगल जहां खत्म होता है' का नाम भी दिया और उसकी भूमिका भी लिखी। उनकी 'समय, समाज व मनुष्य' और 'कविता का वर्तमान' जैसी किताबों ने मुझे कविता की थोड़ी-बहुत समझ दी। कम लोगों को पता है कि खगेन्द्र जी एक संवेदनशील कवि भी थे। उन्हें मेरा स्मृति नमन,उनकी एक कविता के ...
Hindi विश्व हिंदी दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं।
VISHWA

Hindi विश्व हिंदी दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं।

विश्व हिंदी दिवस ------- प्रस्ताव-६ : सातवां विश्व हिन्दी सम्मेलन यह प्रस्ताव करता है कि किसी एक विषय की ओर संपूर्ण विश्व का ध्यान समान रूप से आकृष्ट करने के लिए जिस प्रकार 'विश्व बाल दिवस', 'विश्व महिला दिवस', 'विश्व साक्षरता दिवस', 'विश्व नाट्य दिवस' आदि मनाए जाते हैं, उसों प्रकार सम्पूर्ण विश्व का ध्यान हिन्दी की ओर आकृष्ट करने के लिए एक 'विश्व हिन्दी दिवस' का निर्धारण किया जाए। चूंकि विश्व भाषा की ओर अग्रसर हिन्दी के प्रसार विस्तार के लिए प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। अतः उस ऐतिहासिक तिथि, अर्थात 10 जनवरी को ही हम विश्व हिन्दी दिवस की तिथि के रूप में स्वीकार करें और प्रतिवर्ष 10 जनवरी को सम्पूर्ण विश्व हिन्दी दिवस आयोजित किया जाए। 'विश्व हिन्दी सम्मेलन' का आयोजन चूकि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सहयोग से ही होता है। अत: विश्व हिन्...
Bihar प्रो. के. पी. यादव को हिंदी रत्न सम्मान
BIHAR

Bihar प्रो. के. पी. यादव को हिंदी रत्न सम्मान

के. पी. यादव सम्मानित ------ विश्व हिंदी दिवस की अवसर पर बिहार के विशिष्ट साहित्यकारों को हिंदी रखो सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ एवं पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार के द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर बिहार के कोने-कोने से आए हिंदीसेवी एवं प्रख्यात साहित्यकारों ने अपने काव्य पाठ से विश्व हिंदी दिवस की प्रासंगिकता को सिद्ध किया। कोसी के लाल एवं पूर्व प्रधानाचार्य टी. पी. कॉलेज मधेपुरा प्रोफेसर डॉ. के. पी. यादव को प्रतिष्ठित हिंदी रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। इससे संपूर्ण कोसी-सीमांचल एवं मिथिलांचल में हर्ष व्याप्त है। मालूम हो कि डॉ. यादव अनवर साहित्य साधना में मन वचन एवं कम से संलग्न हैं। विभिन्न प्रशासनिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए भी उन्होंने कभी भी सरस्वती की आराधना नहीं छोड़ी। मालूम हो क...
Hindi तदुपरान्त बनाम तदोपरान्त / प्रोफेसर डॉ. बहादुर मिश्र, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर, बिहार
SRIJAN.AALEKH

Hindi तदुपरान्त बनाम तदोपरान्त / प्रोफेसर डॉ. बहादुर मिश्र, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर, बिहार

तदुपरान्त बनाम तदोपरान्त मेरे प्राध्यापकीय जीवन के प्रारम्भिक दिन थे। उनदिनों मैं भागलपुर के टी.एन.बी. काॅलेज में पदस्थापित था। बी. ए. के पाठ्यक्रम में हिन्दी की एक पुस्तक लगी थी, जिसका सम्पादन स्थानीय वरिष्ठ प्राध्यापक ने किया था। उस पुस्तक की भूमिका के अतिरिक्त हर पाठ के पूर्व लिखित कवि/लेखक-परिचय में कम-से-कम डेढ़ दर्जन स्थलों पर सम्पादक महोदय ने ‘तदुपरान्त’ की जगह ‘तदोपरान्त’ का प्रयोग कर रखा था। यह मेरे लिए हैरान करने वाली बात थी; क्योंकि अर्थ की दृष्टि से दोनों में स्प ष्ट अन्तर है। चलिए, दोनों के बीच का तात्त्विक अन्तर समझें। तत्+उपरान्त = तदुपरान्त (व्यंजन सन्धि) का शाब्दिक अर्थ होता है-- उसके बाद (आफ़्टर दैट)। आपने ‘तत्’ (वह ) शब्द रूप पढ़ा होगा। पुलिंग में सः (एकवचन)- तौ (द्विवचन)-ते (बहुवचन) स्त्रीलिंग में सा (एक वचन)-ते ( द्विवचन)-ताः(बहुवचन) तथा नपुंसक लिंग में तत्(एकवचन)-ते...