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Premchand शतरंज के खिलाड़ी ” कहानी के प्रकाशन के 100 साल  ——————————–  शतरंज के खिलाड़ी और कफ़न : प्रेमचंद की दो कहानियां 
SRIJAN.AALEKH

Premchand शतरंज के खिलाड़ी ” कहानी के प्रकाशन के 100 साल ——————————– शतरंज के खिलाड़ी और कफ़न : प्रेमचंद की दो कहानियां 

"शतरंज के खिलाड़ी " कहानी के प्रकाशन के 100 साल -------------------------------- शतरंज के खिलाड़ी और कफ़न : प्रेमचंद की दो कहानियां  प्रेमकुमार मणि, पटना    प्रेमचंद ने दो सौ से अधिक कहानियां लिखी है, जिनमें से कोई बीस कहानियां अलग-अलग कारणों से रेखांकित करने योग्य हैं. कफ़न,पूस की रात, शतरंज के खिलाड़ी, सवा सेर गेहूं, सद्गति, ठाकुर का कुआँ, ईदगाह, बड़े भाई साहब, नमक का दरोगा और पंच-परमेश्वर जैसी कहानियां मुझे भी काफी पसंद हैं; लेकिन यहाँ मैं केवल दो कहानियों की विवेचना करना चाहूंगा. ये हैं- शतरंज के खिलाडी और कफ़न. यह चुनाव इसलिए कर सका हूँ कि मुझे लगता है,इनके माध्यम से हम न केवल प्रेमचंद को, बल्कि उनके दौर को भी समझ सकते हैं. इससे यह बात भी निकलती है कि प्रेमचंद अपने समय के अन्य लेखकों से किस तरह अलग थे.   ' शतरंज के खिलाड़ी ' 1924 में लिखी गई थी और पहली दफा ' मा...
Vivekanand विवेकानन्द के जन्मदिन पर ————————-  उठो ,जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाय…  प्रेमकुमार मणि
SRIJAN.AALEKH

Vivekanand विवेकानन्द के जन्मदिन पर ————————- उठो ,जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाय… प्रेमकुमार मणि

विवेकानन्द के जन्मदिन पर ------------------------- उठो ,जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाय... प्रेमकुमार मणि, पटना (बिहार) विवेकानंद ( 12 जनवरी 1863 - 4 जुलाई 1902 ) के प्रति मैंने हमेशा एक जिज्ञासु भाव रखा है. जब हाई स्कूल का विद्यार्थी था, तब मैं उनके प्रति आकर्षित हुआ और उनके बारे में जितना कुछ मिलता ध्यान से पढता. उनके जीवन के बारे में हम ने अपने पाठ्यक्रम में कुछ जान लिया था. उनका चित्र सम्मोहित करता था. एक शांत -चित्त, स्वस्थ और सुन्दर युवा चेहरा बरबस बुद्ध-मूर्तियों की याद दिलाता था. एक पददलित देश -समाज मानो उनके व्यक्तित्व में अपनी पहचान अथवा अस्मिता के साथ उभर रहा हो. वह आध्यात्मिक थे, सामाजिक -क्रांतिकारी भी. उन्हें अपने देश -समाज की चिंता थी. और कुल मिला कर वह खुले दिमाग से सोचने पर जोर देते थे, जैसे कि बुद्ध देते थे. इसलिए मैं अपनी किशोरावस्था में...
Bharat प्रधानमंत्री मोदी ने किया   युवाओं के लिए ‘विकसित भारत @2047 पहल की शुरुआत   ———     विकसित भारत-2047′ पर आयोजित कार्यशाला को राज्यपाल आर्लेकर ने किया संबोधित
BHARAT, BIHAR

Bharat प्रधानमंत्री मोदी ने किया  युवाओं के लिए ‘विकसित भारत @2047 पहल की शुरुआत  ——— विकसित भारत-2047′ पर आयोजित कार्यशाला को राज्यपाल आर्लेकर ने किया संबोधित

प्रधानमंत्री मोदी ने किया युवाओं के लिए ‘विकसित भारत @2047 पहल की शुरुआत विकसित भारत-2047' पर आयोजित कार्यशाला को राज्यपाल आर्लेकर ने किया संबोधित। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश के सभी राजभवनों में सोमवार को विकसित भारत एक द रेट ऑफ 2047 : वॉयस ऑफ यूथ विषयक कार्यशाला का उद्घाटन किया और ‘विकसित भारत 2047: वॉयस ऑफ यूथ’ लॉन्च किया। राजभवन, पटना में भी विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री के संबोधन का लाइव प्रसारण किया गया। कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री ने बिहार सहित देशभर के सभी राजभवनों में आयोजित कार्यशालाओं में संस्थानों के प्रमुख और संकाय सदस्यों को संबोधित किया। पीएम मोदी का दृष्टिकोण देश के युवाओं को देश की राष्ट्रीय योजनाओं, प्राथमिकताओं और लक्ष्यों के निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि श...
BNMU गाँधी को नमन…
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BNMU गाँधी को नमन…

*गाँधी को नमन...* ========= मेरे नाना जी श्री राम नारायण सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे और वे हमेशा हमें महात्मा गाँधी की कोई न कोई बात बताते रहते थे। उन्हीं के माध्यम से मेरी गाँधी के बारे में प्रारंभिक धारणाएँ बनीं। फिर स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस के अवसर पर 'पूज्य बापू अमर रहे' का नारा लगाते हुए हमने यह महसूस किया कि आजादी में गाँधी का सबसे अधिक योगदान है या उस समय की समझ से कहें, तो आजादी गाँधी की ही देन है। बाद में गाँधी के बारे में और भी बहुत-बहुत कुछ पढ़ा। यह भी जाना कि आजादी सिर्फ गाँधी की देन नहीं है, इसमें अनगिनत ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों ने योगदान दिया है और गाँधी भी उनमें से एक प्रमुख नाम हैं। गाँधी के बारे में प्रचलित कई दुष्प्रचार भी मेरे कानों तक आए और उनका सहज निराकरण भी संभव हो सका। गाँधी की पुस्तक 'सत्य के साथ मेरे प्रयोग अथवा आत्...
BNMU गांधी जयंती पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
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BNMU गांधी जयंती पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

गांधी जयंती पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन ---- गाँधी एक संस्था थे। उन्होंने मानव जीवन के जो प्रतिमान स्थापित किए हैं, वहां पर पहुंचना आसान नहीं है। लेकिन हमें उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास अवश्य करना चाहिए। यह बात बीएनएमयू के कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर ने कहा कही। वे मुख्य परिसर में गाँधी प्रतिमा स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के तत्वावधान में किया गया। कुलसचिव ने कहा कि गाँधी हम सबों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनके विचारों पर चलकर ही देश-दुनिया को बचाया जा सकता है। इस अवसर पर आईक्यूएसी के निदेशक प्रो. नरेश कुमार ने कहा कि गाँधी शत- प्रतिशत व्यावहारिक हैं। उनके विचारों को केंद्र में रखकर ही स्वच्छता कार्यक्रम चलाया जा रहा है और नई शिक्षा नीति में मातृभाषा में शिक्षण एवं रोजगारपरक शिक्षा...
BNMU *गाँधी एवं शास्त्री के विचारों को करें आत्मसात : कुलपति*
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BNMU *गाँधी एवं शास्त्री के विचारों को करें आत्मसात : कुलपति*

*गाँधी एवं शास्त्री के विचारों को करें आत्मसात : कुलपति* ----- राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं भारतरत्न लाल बहादुर शास्त्री दोनों ने अपने विचारों एवं कार्यों से विश्व मानस पटल पर अपना अमिट प्रभाव छोड़ा है। हम दोनों के विचारों को आत्मसात करें और उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने की कोशिश करें, यही उन दोनों के प्रति हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। यह बात बीएनएमयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव ने कही‌। वे सोमवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में आयोजित गाँधी-शास्त्री जयंती समारोह का उद्घाटन कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन 3/17 बिहार बटालियन एनसीसी, सहरसा एवं राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों मोड में किया गया। इसमें बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार, पटना द्वारा संचालित सेहत केंद्र का भी सहयोग प्राप्त हुआ। ...
BNMU गाँधी-जयंती समारोह का उद्घाटन करेंगे कुलपति
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BNMU गाँधी-जयंती समारोह का उद्घाटन करेंगे कुलपति

गाँधी-जयंती समारोह ----- ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) एवं राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को अपराह्न एक बजे से ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में गाँधी जयंती समारोह का आयोजन किया गया है। इसका उद्घाटन बीएनएमयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव करेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डीएसडब्ल्यू प्रो. (डॉ.) राजकुमार सिंह होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य प्रो. (डॉ.) कैलाश प्रसाद यादव करेंगे। संचालन उप कुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर और धन्यवाद ज्ञापन गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्डू कुमार करेंगे। *गाँधी जयंती समारोह* ----------------------------- दिनांक : 02 अक्टूबर, 2023 (सोमवार) समय : अपराह्न 01 : 00 बजे आप सभी सादर आमंत्रित हैं। *ऑनलाइन लिंक* : https://meet.google.com/zkt-fqqj-ctb...
BNMU कुलपति ने किया मूल्यांकन केंद्र का औचक निरीक्षण
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BNMU कुलपति ने किया मूल्यांकन केंद्र का औचक निरीक्षण

*कुलपति ने किया मूल्यांकन केंद्र का औचक निरीक्षण* ---- बीएनएमयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव ने शनिवार को पार्वती विज्ञान महाविद्यालय, मधेपुरा में चल रहे स्नातक द्वितीय खंड के मूल्यांकन कार्य का औचक निरीक्षण किया। कुलपति ने सभी परीक्षकों को निदेशित किया कि वे उत्तर पुस्तिकाओं का निष्पक्षतापूर्वक मूल्यांकन करें और सभी नियमों एवं मानकों का अनिवार्य रूप से पालन करें। *सत्र नियमितीकरण हेतु प्रतिबद्ध है विश्वविद्यालय* कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन सत्र नियमितीकरण हेतु प्रतिबद्ध है। इसके लिए समयबद्ध रूप से मूल्यांकन एवं परीक्षाफल का प्रकाशन आवश्यक है। कुलपति ने मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों से मूल्यांकन के संबंध में जानकारी भी ली और केंद्र के विभिन्न कमरों में चल रहे मूल्यांकन कार्य को स्वयं भी देखा। *सावधानीपूर्वक करें मूल्यांकन* कुलपति ने निदेश दिया कि सभी परीक...
BNMU सबके प्रयास से आगे बढ़ेगा विश्वविद्यालय : कुलपति
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BNMU सबके प्रयास से आगे बढ़ेगा विश्वविद्यालय : कुलपति

*कर्मचारियों की बैठक संपन्न* सबके प्रयास से आगे बढ़ेगा विश्वविद्यालय : कुलपति -- विश्वविद्यालय हम सबों का है और इसके विकास की जिम्मेदारी भी हम सबों की है। सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के प्रयास से ही विश्वविद्यालय का समग्र विकास होगा। यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव ने कही। वे शनिवार को केंद्रीय पुस्तकालय सभागार (ओल्ड कैम्पस) में आयोजित तृतीय वर्गीय कर्मचारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। कुलपति ने कहा कि पूरे विश्वविद्यालय में नियम-परिनियम के अनुरूप कार्य संचालन सुनिश्चित किया जाएगा और सभी समस्याओं का विधिसम्मत समाधान करने की कोशिश की जाएगी। वे स्वयं विश्वविद्यालय के सभी कार्यालयों, सभी स्नातकोत्तर विभागों एवं सभी महाविद्यालयों का भौतिक निरीक्षण करेंगे। हर जगह की समस्याओं की जानकारी प्राप्त कर उसका समुचित समाधान करने का प...