Tag: संगोष्ठी

ICPR ‘स्वामी जी का हिंदुत्व दर्शन’ विषयक संगोष्ठी आयोजित
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ICPR ‘स्वामी जी का हिंदुत्व दर्शन’ विषयक संगोष्ठी आयोजित

भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) एवं पंचमधाम न्यास के संयुक्त तत्त्वावधान में स्वामी विवेकानंद जयन्ती (युवा दिवस) के अवसर पर "स्वामी जी का हिंदुत्व दर्शन" विषयक दो दिवसीय (11-12 जनवरी 2024) राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं युवा महोत्सव आज विज्ञान भवन में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य-अतिथि के रूप में माननीय संस्कृति राज्य मंत्री, सुश्री मीनाक्षी लेखी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रबुद्ध विचारक, चिंतक व पंचमधाम न्यास के माननीय अध्यक्ष, श्री इन्द्रेश कुमार, सदस्य-सचिव, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, प्रो. सच्चिदानंद मिश्र, सचिव, पंचमधाम न्यास, श्री शैलेश कुमार वत्स, निदेशक, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, डॉ. पूजा व्यास जी, कार्यक्रम अधिकारी, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, डॉ. संजय सिंह, विभिन्न विश्वविद्यालयों, संस्थाओं के अतिथिगण, विद्वान,...
राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर सेहत केन्द्र एवं एन एस एस इकाई के संयुक्त तत्वावधान में डी के कलेज डुमरांव में “वैश्विक सद्भाव में युवाओं के योगदान” विषय पर संगोष्ठी एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई।
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राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर सेहत केन्द्र एवं एन एस एस इकाई के संयुक्त तत्वावधान में डी के कलेज डुमरांव में “वैश्विक सद्भाव में युवाओं के योगदान” विषय पर संगोष्ठी एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई।

राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर सेहत केन्द्र एवं एन एस एस इकाई के संयुक्त तत्वावधान में डी के कलेज डुमरांव में "वैश्विक सद्भाव में युवाओं के योगदान" विषय पर संगोष्ठी एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई। आज का कार्यक्रम दो सत्रों में संचालित हुआ। प्रथम सत्र का शुभारंभ युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी के तैल चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। तत्पश्चात् संगोष्ठी की शुरुआत हुई। विषय प्रवेश सेहत केन्द्र के नोडल पदाधिकारी डा रमेन्द्र कुमार सिंह ने कराया तथा मुख्य वक्ता के रूप में हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्षा डा उषा रानी ने उनके जीवन एवं दर्शन पर विस्तार से चर्चा की द्वितीय सत्र के क्विज प्रतियोगिता का संचालन एन एस एस इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी डा रमेश कुमार यादव ने की। इसमें कौशिकी,जय कुमार , जावेद,अभिनव राज , निक्की , बबीता आदि ने अपने विचार रखे और सहभागिता की।...
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विश्व हिंदी दिवस पर संगोष्ठी एवं काव्यपाठ का आयोजन।

BNMU 10 जनवरी, 2024 (बुधवार) को विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के विश्वविद्यालय हिंदी विभाग में विभागाध्यक्ष प्रो. उषा सिन्हा की अध्यक्षता में संगोष्ठी एवं काव्यपाठ का आयोजन किया गया।
ICPR पं. मधुसूदन ओझा का दार्शनिक अवदान’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न।
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ICPR पं. मधुसूदन ओझा का दार्शनिक अवदान’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न।

‘पं. मधुसूदन ओझा का दार्शनिक अवदान’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न  भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा आयोजित ‘पं. मधुसूदन ओझा का दार्शनिक अवदान’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का सम्पूर्ति समारोह दिनांक 6 जनवरी 2024 को अपराह्ण 2:30-4:30 बजे तक भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद् के सभागार में सम्पन्न हुआ। सम्पूर्ति सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में वक्तव्य देते हुए प्रो. सरोज कौशल, अधिष्ठाता, कला संकाय, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर ने पं. मधुसूदन ओझा प्रणीत गीताविज्ञानभाष्य के वैशिष्ट्य को प्रतिपादित करते हुए कहा कि पं. ओझा के इस भाष्य में समन्वयवादी दृष्टिकोण मिलता है। उन्होंने पुरातन विषयों को नूतन व्याख्या पद्धति से निरूपित किया है। दर्शन की भिन्न-भिन्न शाखाओं में भी उन्होंने समन्वय स्थापित किया है। उनके द्वारा प्रयुक्त पारिभाषिक शब्दावली का को...
ICPR ‘पं. मधुसूदन ओझा का दार्शनिक अवदान’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ
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ICPR ‘पं. मधुसूदन ओझा का दार्शनिक अवदान’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ

भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा आयोजित ‘पं. मधुसूदन ओझा का दार्शनिक अवदान’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ दिनांक 4 जनवरी 2024 को प्रातः 11 बजे भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद् के दर्शन भवन सभागार में हुआ। यह संगोष्ठी 4-6 जनवरी 2024 तक चलेगी डॉ पूजा व्यास, निदेशक, भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद् ने अपने स्वागत वक्तव्य से अभ्यागत अतिथियों का वाचिक स्वागत करते हुए इस संगोष्ठी के विषय की भूमिका को रेखांकित किया। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में विषय प्रवर्तन करते हुए संगोष्ठी के अकादमिक समन्वयक/संयोजक संस्कृत एवं प्राच्य विद्या अध्ययन संस्थान, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के आचार्य प्रो. सन्तोष कुमार शुक्ल ने बतलाया कि पं. मधुसूदन ओझा १९ वीं शताब्दी के वेदविद्या के प्रकाण्ड आचार्य थे जिन्होंने वेदविज्ञान को उद्घाटित करने के लिए २२८ ग्रन्थो...