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BNMU मानव व्यापार एवं इससे संबंधित कानूनों पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

मानव व्यापार एवं इससे संबंधित कानूनों
पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के राष्ट्रीय कैडेट कोर एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में न्याय नेटवर्क के सौजन्य से मानव-व्यापार एवं इससे संबंधित कानूनों पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इसका उद्घाटन प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने किया। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी का अर्थ
इंसानों का वस्तु की तरह खरीद-बिक्री है। मानव तस्करी में महिलाओ से जबरन वेश्यावृति करने को मजबूर करना, दासप्रथा और इसी तरह के अन्य काम जिससे इंसानों का शोषण होता हो।

मुख्य अतिथि अर्थपाल डॉ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन ने कहा कि शक्ति-प्रयोग के द्वारा या फिर हालात का फायदा उठाते हुए जब किसी से इच्छा के विरुद्ध और उसके क्षमता के अधिक काम लिया जाता है और उसके अनुरूप पारिश्रमिक नहीं दिया जाता है, तो उसे शोषण कहते हैं। इसका संविधान के अनुच्छेद 23 के तहत निषेध किया गया है।

विशिष्ट अतिथि उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि मानव जीवन अनमोल है। इसे किसी भी परिस्थिति में साधन नहीं बनाया जाना चाहिए और सभी व्यक्तियों की गरिमा की रक्षा होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि मानव तस्करी के शिकार व्यक्ति पर शारीरिक, भावनात्मक एवं मनोवैज्ञानिक रूप से दुष्प्रभाव पड़ता है। अतः हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम खुद भी इससे बचें और दूसरों को भी बचाएं।

विषय प्रवेश न्याय नेटवर्क, बिहार के निदेशक मो. ज़ाहिद हुसैन ने किया। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी में शामिल लोगों में तनाव, अवसाद, स्मृतिलोप, चिंता, शर्म, भय, अपराधबोध आदि मानसिक समस्याएं घर कर जाती हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति किसी भी तरह अलग-थलग पड़ सकते हैं, वापस ले सकते हैं, और अधिकांश लोगों से संपर्क खो सकते हैं।

धन्यवाद ज्ञापन गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्डू कुमार ने की। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला आपराधिक उद्योग है। यह उद्योग नशीले पदार्थों की तस्करी के बाद दूसरे स्थान पर है। इसमें शामिल तस्कर प्रति वर्ष 2 बिलियन डॉलर कमाते हैं। इसमें से 150 बिलियन डॉलर अकेले सेक्स ट्रैफिकिंग से उत्पन्न होता है, जबकि अन्य 99 बिलियन डॉलर श्रम तस्करी के माध्यम से जमा होता है।

कार्यक्रम की शुरुआत में सभी उपस्थित लोगों ने महाविद्यालय के संस्थापक कीर्ति नारायण मंडल के चित्र पर पुष्पांजलि की। दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। प्रशिक्षकों ने वीडियो एवं पीपीटी के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।

प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक के रूप में मैनेजर कमल क्षेत्री, अधिवक्ता अमित कुमार वर्मा, पुनर्वास समन्वयक अभिषेक मोसेस, पुनर्वास सामाजिक कार्यकर्ता ब्रजेश कुमार राम आदि ने भाग लिया।

इस अवसर पर शिवानी कुमारी, नीतीश कुमार यादव, प्रेम शंकर कुमार, गणेश चंद्रसेन, एमडी रियाज, मंजेश कुमार, अंकित कुमार, आशीष कुमार, कुंदन कुमार, एमडी तमन्ना, अभिषेक कुमार,‌ अमित कुमार, नीतू कुमारी, राहुल कुमार, गौरव कुमार, शलेंद्र कुमार, नीतीश कुमार, अरविंद कुमार, अन्नू कुमारी, बेबी कुमारी, चांदनी कुमारी, राजा कुमार, आशीष कुमार, ओम कुमार सिंह, भारती कुमारी, लवली कुमारी, बबली कुमारी, प्रीति प्रिया, अनुपम कुमारी, ज्योति कुमारी, श्वेता भारती, सावित्री कुमारी, बेबी कुमारी, गुड़िया कुमारी, सरस्वती कुमारी, नेहा कुमारी, नैना कुमारी, नेहा रानी, प्रीति प्रिया, निशा कुमारी सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं और एनसीसी कैडेट्स उपस्थित थे।