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BNMU आईक्यूएसी का पुनर्गठन।

आईक्यूएसी का पुनर्गठन।

नव गठित आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चियन प्रकोष्ठ अर्थात् इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) में कुल पचीस सदस्य शामिल हैं। कुलपति डॉ. आर. के. पी. रमण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष तथा प्रति कुलपति डॉ. आभा सिंह उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। इसमें छः प्रशासनिक अधिकारी यथा- वित्तीय परामर्शी नरेंद्र प्रसाद सिन्हा, डीएसडब्ल्यू डॉ. राजकुमार सिंह, कुलानुशासक डॉ. बीएन विवेका, कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर, महाविद्यालय निरीक्षक कला एवं वाणिज्य डॉ. गजेन्द्र कुमार, महाविद्यालय निरीक्षक विज्ञान डॉ. भूपेंद्र नारायण सिंह, केंद्रीय पुस्तकालय के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. अशोक कुमार एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. आर. पी. राजेश के नाम शामिल हैं।

प्रकोष्ठ में आठ शिक्षकों को भी स्थान दिया गया है। इनमें विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार, वाणिज्य विभाग के डॉ. पी. एन. सिंह, वनस्पति विज्ञान के अध्यक्ष
डॉ. रमेश कुमार, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार मल्लिक, मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. एम. आई. रहमान, हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. उषा सिन्हा, असिस्टेंट प्रोफेसर (दर्शनशास्त्र) डॉ. सुधांशु शेखर, जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र श्रीवास्तव के नाम शामिल हैं। प्रकोष्ठ में सिंडिकेट की ओर से विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव को स्थान दिया गया है। साथ ही विधायक चंद्रहास चौपाल, शोधार्थी विभिषण कुमार, पूर्ववर्ती छात्र डॉ. मिथिलेश कुमार, शिक्षक डॉ. विमल सागर, उद्यमी प्रीति गोपाल, छात्र रंजन कुमार को भी विभिन्न रूपों में शामिल किया गया है। रसायनशास्त्र विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर एवं शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. नरेश कुमार को निदेशक की जिम्मेदारी दी गई है।

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में नैक मूल्यांकन से संबंधित कार्यों को गति दिया जा रहा है। इस कार्य के सुगम
एवं त्वरित निष्पादन हेतु विश्वविद्यालय आईक्यूएसी का पुनर्गठन किया गया है।

कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर ने कहा कि नैक मूल्यांकन के कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन से हर प्रकार का सहयोग किया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि नए निदेशक नैक मूल्यांकन के कार्यों को गति देंगे और शीघ्र ही विश्वविद्यालय और विभिन्न महाविद्यालयों के नैक मूल्यांकन का मार्ग प्रशस्त होगा।

नवनियुक्त निदेशक डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि वे विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारियों, संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, शिक्षकों एवं शोधार्थियों के सहयोग से नैक मूल्यांकन के कार्यों को आगे बढ़ाएंगे। उन्हें विश्वास है कि सबके साथ एवं सबके प्रयास से यह कार्य पूरा होगा।