Bihar। नव नालंदा महाविहार में मनी राजेन्द्र प्रसाद जयंती

नव नालन्दा महाविहार में 3-4 दिसम्बर, 2020 को “डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एवं भारतीय संविधान का निर्माण” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। ध्यातव्य है डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भारतीय संविधान निर्मात्री सभा के अध्यक्ष थे साथ ही आपके द्वारा ही नव नालन्दा महाविहार की स्थापना भी की गई थी। मूर्धन्य व्यक्तित्त्व, उत्तम राजनेता, गहरे मानवीय गुणों को आत्मसात किए हुए, जमीन से जुड़े, अत्यन्त सहज-सरल एवं समाज के निचले स्तर तक व्यक्ति के प्रति संवेदनशील, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से विभूषित एवं भारत के प्रथम राष्ट्रपति तथा सर्वाधिक समय तक राष्ट्रपति पद को गौरवान्वित करने वाले डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी का 136 वीं जयन्ती, दिनाँक 03 दिसम्बर को नव नालन्दा महाविहार में राष्ट्रीय संगोष्ठी के रूप में आयोजित थी। साथ ही इस अवसर पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी के जीवन एवं कार्यों पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन संकाय भवन के द्वितीय तल के हॉल में किया गया जिसका उद्घाटन प्रो. वैद्यनाथ लाभ, माननीय कुलपति, नव नालन्दा महाविहार के द्वारा किया गया।

इस अवसर पर देश के विभिन्न भागों से विद्वान सहभागिता हेतु आमंत्रित थे। प्रो. रमेश चन्द्र सिन्हा, अध्यक्ष, भा.दा.अनु.परि. (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार), नई दिल्ली, डॉ. विजय सहगल, विधि विभाग, जम्मू वि.वि., जम्मू, डॉ. राजेश कुमार, निदेशक (शोध एवं प्रकाशन), आइ.सी.एच.आर. (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार), नई दिल्ली, डॉ. पी.कुमार, कुरुक्षेत्र, हरयाणा, डॉ. शिव कुमार मिश्र, निदेशक, बिहार शोध संस्थान, पटना, डॉ. भैरव लाल दास, रिसर्च ऑफिसर, बिहार विधान परिषद्, पटना, प्रो. नृपेन्द्र श्रीवास्तव, प्रो. मनीष कुमार सिन्हा, अध्यक्ष, इतिहास विभाग, मगध वि.वि., बोधगया आदि। राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन कार्यक्रम 03 दिसम्बर, 2020 को महाविहार के नागार्जुन भवन सभागार में आयोजित किया गया। उद्घाटन कार्यक्रम में बीज वक्तव्य के रूप में प्रो. विजय सैगल, जम्मू वि.वि. ने संविधान निर्माण की प्रक्रिया में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी के योगदान पर विस्तृत प्रकाश डाला एवं संविधान सभा के अन्तिम दिन जो डॉ. अम्बेडकर जी द्वारा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी के व्यक्तित्व पर यह कहा कि अध्यक्ष महोदय आपके बिना इस संविधान का निर्माण असम्भव था। डॉ. राजेश कुमार, निदेशक (शोध एवं प्रकाशन), आइ.सी.एच.आर. (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार), नई दिल्ली ने अपने वक्तव्य बतलाया कि भारत रत्न राजेन्द्र बाबू जी द्वारा निष्पक्ष चुनाव आयोग की वकालत की थी। दोनों वक्ताओं द्वारा संविधान सभा के विभिन्न अनुच्छेदों के स्पष्टता एवं लोकतन्त्र की अखण्डता हेतु डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी को योगदानों को स्मरण कराया। कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में प्रो.बैद्यनाथ लाभ, माननीय कुलपति, नव नालन्दा महाविहार द्वारा 1934 में भूकम्प रिलीफ में तथा राष्ट्रपति के रूप में अपने वेतन का बहुलांश राष्ट्र को समर्पित कर देने की चर्चा की। राष्ट्रीय संगोष्ठी का तकनीकि सत्र मध्याह्न में आयोजित था, जिसमें डॉ. विश्वजीत कुमार, प्रो. विजय कर्ण, डॉ. भैरव लाल दास, डॉ. शिव कुमार मिश्र, डॉ. पी.कुमार, डॉ. श्रीकान्त सिंह आदि विद्वानों के द्वारा संगोष्ठी के विषय पर शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए।कार्यक्रम का संचालन महाविहार के प्रो. राणा पुरुषोत्तम कुमार सिंह के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ भन्ते धम्म ज्योति के बौद्ध मन्त्रोच्चार तथा प्रो. विजय कर्ण जी के द्वारा मंगलाचरण किया गया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. रवीन्द्र श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। महाविहार में इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के अवसर पर मैडम कुलपति डॉ. निहारिका लाभ, डॉ. एस. पी.सिन्हा, कुलसचिव, प्रोफेसर डॉ. सुशिम दुबे, नमन, श्री सुदामा सिंह, वित्त अधिकारी, डॉ रूबी कुमारी एवं अन्य विभागों के सभी सदस्य एवं गैर शैक्षकीय एवं प्रशासकीय सदस्यों ने सहभागिता की।