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*नवगठित आईक्यूएसी की पहली बैठक*
नैक से मान्यता है सर्वोच्च प्राथमिकता : कुलपति
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् अर्थात् नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) देश के उच्च शिक्षा, अन्य शिक्षण संस्थानों का आकलन तथा प्रत्यायन (मान्यता) का कार्य करती है। यह मान्यता सभी शिक्षण संस्थानों के लिए जरूरी है। अतः बीएनएमयू को नैक से मान्यता दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
यह बात कुलपति डॉ. आर. के. पी. रमण ने कही।
वे सोमवार को नवगठित नैक मूल्यांकन के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु गठित आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चियन प्रकोष्ठ अर्थात् इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) की पहली बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
प्रति कुलपति डॉ. आभा सिंह ने कहा कि नैक मूल्यांकन के कार्यों को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए हमें अपने मजबूत एवं कमजोर दोनों पक्षों को ध्यान में रखना होगा।
सिंडिकेट सदस्य सह विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में पूरी ताकत लगानी चाहिए। इसमें सरकार की ओर से भी हरसंभव मदद की जाएगी। स्थानीय विधायक के शिक्षा मंत्री होने का भी विश्वविद्यालय को लाभ मिलेगा।
विधायक चंद्रहास चौपाल ने कहा कि वे हरकदम पर विश्वविद्यालय के विकास में मदद करने को तत्पर हैं।
उद्यमी प्रीति गोपाल ने कहा कि वे अपने स्तर से विश्वविद्यालय के सकारात्मक विकास में हरसंभव योगदान देंगी।
इसके पूर्व अतिथियों का पौधे से स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन निदेशक डॉ. नरेश कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. एम. आई. रहमान ने की।
इस अवसर पर वित्तीय परामर्शी नरेंद्र प्रसाद सिन्हा, डीएसडब्ल्यू डॉ. राजकुमार सिंह, विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार, कुलानुशासक डॉ. बीएन विवेका, कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर, केंद्रीय पुस्तकालय के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. अशोक कुमार,अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार मल्लिक, हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. उषा सिन्हा, वनस्पति विज्ञान के अध्यक्ष डॉ. रमेश कुमार, भौतिकी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विमल सागर, वाणिज्य विभाग के डॉ. पी. एन. सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर (दर्शनशास्त्र) डॉ. सुधांशु शेखर, पूर्ववर्ती छात्र डॉ. मिथिलेश कुमार, शोधार्थी रंजन कुमार एवं विभिषण कुमार आदि उपस्थित थे।