*पर्यावरण और विकास विषय पर व्याख्यान आयोजित*
ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में बुधवार को राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) तथा सेहत केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में पर्यावरण और विकास विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आर. ए. कॉलेज, शंभूगंज (बांका) के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. भानु उदयन ने कहा कि आधुनिक सभ्यता केवल और केवल भौतिक विकास पर जोर देती है। इसमें बड़े बड़े भवनों एवं चमचमाती सड़कों का निर्माण ही विकास का पर्याय बन गया है। लेकिन यह वास्तव में विकास नहीं, बल्कि विनाश का उपक्रम है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करने के लिए हमें पाश्चात्य सभ्यता-संस्कृति के मोहपाश से बाहर निकलना होगा। हमें भारतीय सभ्यता- संस्कृति में निहित नैतिक मूल्यों को अपनाना होगा।
उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति में प्रकृति-पर्यावरण के साथ सह-अस्तित्व का भाव निहित है। हम धरती को माता मानते हैं और पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का दर्शन करते हैं। इसी भावना के साथ हम दुनिया को बचा सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि प्रकृति- पर्यावरण के संरक्षण के लिए अधिकाधिक पौधारोपण किया जाना चाहिए। हमें अपने जन्मदिन तथा अन्य अवसरों पर पौधे लगाने की जरूरत है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि हमारी भोगवादी प्रवृत्ति प्रकृति- पर्यावरण के विनाश के लिए जिम्मेदार है। यदि हम स्वेच्छा से सादगी को अपनाएंगे, तो प्रकृति- पर्यावरण का स्वत: संरक्षण एव संवर्धन हो सकेगा।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्डु कुमार ने कहा कि विकास के नाम पर हमारे चारों ओर कंक्रीट का जंगल बढ़ता जा रहा है।
इस अवसर पर बीसीए विभागाध्यक्ष के. के. भारती, शिवनाथ कुमार, कौशल कुमार, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, संदीप कुमार मिल्टन कुमार, कन्हैया कुमार, फुलखान कुमार, ओम कुमार, रुपेश कुमार, परमजीत कुमार, अंकित कुमार, प्रमोद कुमार, राजेंद्र कुमार, गौरी कुमारी शर्मा, आजमी, अंजली कुमारी, काजल कुमारी, डोली कुमारी, आरोही कुमारी, श्रेया कुमारी, अंशु प्रिया, भानु झा, अंकित राज, दिलखुश कुमार, गुलशन कुमार, प्रणव कुमार आदि उपस्थित थे।