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Ambedkar। मेरे जीवन में डॉ. अंबेडकर
SRIJAN.AALEKH

Ambedkar। मेरे जीवन में डॉ. अंबेडकर

मेरे जीवन में डॉ. अंबेडकर -------------------------- मेरी समकालीन भारतीय दार्शनिकों में रूचि है। खासकर स्वामी विवेकानंद, महात्मा गाँधी, डाॅ. भीमराव अंबेडकर, जे. कृष्णमूर्ति और ओशो रजनीश मेरे प्रिय हैं। मैंने इन सबों की कई पुस्तकें पढ़ी हैं और मेरे जीवन पर इन सबों का प्रभाव भी है। लेकिन मैं सबसे अधिक डाॅ. अंबेडकर से प्रभावित रहा हूँ-न केवल वैचारिक रूप से, बल्कि व्यावहारिक रूप से भी। आज मैं जो कुछ भी हूँ, उसमें डाॅ. अंबेडकर के प्रति मेरे लगाव की बड़ी भूमिका है। मुख्य बातें निम्नवत हैं- ___________ 1. शोध का निर्णय --------- मैंने एम. ए. की पढ़ाई के दौरान ही तय कर लिया था कि मुझे पी-एच. डी. शोध करना है, डाॅ. भीमराव अंबेडकर के दर्शन पर। मैंने इस बात को ध्यान में रखकर मन ही मन शोध-निदेशक का चयन शुरू किया। मुझे ऐसे शिक्षक की तलाश थी, जो विषय के अधिकारिक विद्वान हों, सामाजिक न्याय क...
Ambedkar। शिक्षा और सामाजिक न्याय : संदर्भ डाॅ. अंबेडकर।
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Ambedkar। शिक्षा और सामाजिक न्याय : संदर्भ डाॅ. अंबेडकर।

शिक्षा और सामाजिक न्याय : संदर्भ डाॅ. अंबेडकर  डाॅ. सुधांशु शेखर अस्सिटेंट प्रोफेसर, दर्शनशास्त्र विभाग, बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा (बिहार) डाॅ. भीमराव अंबेडकर एक दर्शनशास्त्री, अर्थशास्त्री, विधिवेक्ता, राजनीतिशास्त्री, संविधान विशेषज्ञ, समाज सुधारक, जननेता, धार्मिक उपदेशक एवं शिक्षाशास्त्री के रूप में देश-दुनिया में सुप्रसिद्व हैं। देश के पहले कानून मंत्री को भारत सरकार ने 1991 में भारत रत्न की उपाधि प्रदान कर अपनी मूल सुधार की और कुछ वर्षों पूर्व कोलंबिया विश्वविद्यालय ने उन्हें ‘सिम्बल आॕफ नाॅलेज’ अर्थात् ‘ज्ञान के प्रतीक’ के तौर पर मान्यता प्रदान कर अपने आपको गौरवान्वित किया है। कहना न होगा कि एक अछूत परिवार में जन्म लेने के बाद शिक्षा के सर्वोच्च शिखर तक पहुँचना आसान नहीं रहा होगा। यह डाॅ. अंबेडकर की दृढ़ इच्छा शक्ति, अदम्य साहस एवं अथक परिश्रम का ही परिणाम है कि ...