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BNMU अपने महाविद्यालय एवं विषय से करें प्रेम
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BNMU अपने महाविद्यालय एवं विषय से करें प्रेम

*अपने महाविद्यालय एवं विषय से करें प्रेम* किसी भी क्षेत्र में प्रगति के लिए उसके प्रति लगाव होना जरूरी है। अतः सभी विद्यार्थी अपने महाविद्यालय एवं विषय से प्रेम करें। यह बात दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कही। वे शनिवार को स्नातकोत्तर गणित विभाग, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय द्वारा आयोजित दीक्षारंभ (सत्रारंभ) समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ पढ़ाई करनी चाहिए और ज्ञान प्राप्ति के प्रति हमेशा सजग रहना चाहिए। हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए कि सफलता में निरंतर प्रयास एवं अभ्यास की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय का गौरवपूर्ण इतिहास है और महाविद्यालय के गणित विभाग ने भी की उपलब्धियां प्राप्त की हैं।‌ यहां नियमित रूप से कक्षाओं का संचालन होता है और प्रत्येक बैच के छात्रों के...
गीत/ कोमल चितबन मधुर प्रेम तुम/ अश्विनी प्रजावंशी
SRIJAN.KAVITA

गीत/ कोमल चितबन मधुर प्रेम तुम/ अश्विनी प्रजावंशी

https://youtu.be/5IkmWRhveKI कोमल चितबन मधुर प्रेम तुम तुम्हीं तो जीवन थाती हो कब से मेरे लिये खड़ी तुम तुम्हीं दीये की बाती हो। पीयूष धार चंचल ये घटायें तुम्हीं तो मीठी फाग हो तुमसे ही जीवन महका है तुम्हीं राग अनुराग हो तेरे आलिंगन में बंधकर सुध बुध मैनें खोया है प्रेम मधुरस पीकर झूमा तेरी सुंदर काया है तुम्हीं तो मेरी प्राण दीपिका तम को दूर भगाती हो। शबनम सी है चमक तुम्हारी प्रीत गीत औ आश तुम्हीं यादों में तुम खिली खिली हो लगता जैसे पास तुम्हीं तुम वँशी की मधुर तान हो मगर टेर क्या पाता हूँ बाट घाट में जब भी मिलती तुम्हें घेर क्या पाता हूँ यह अनन्त जन्मों का मधुवन रोज तुम्हीं महकाती हो। कुछ तो बात हुई है देखो घटा घोर उत्पाती क्यों राह में ओले पड़े हुये हैं बूझ रही संझबाती क्यों अदा तुम्हारी लचक लचीली लगती रूपरति रमणी है मयंक भी तुम्हें देखता हँसती सौम...