ICPR पं. मधुसूदन ओझा का दार्शनिक अवदान’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न।
‘पं. मधुसूदन ओझा का दार्शनिक अवदान’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा आयोजित ‘पं. मधुसूदन ओझा का दार्शनिक अवदान’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का सम्पूर्ति समारोह दिनांक 6 जनवरी 2024 को अपराह्ण 2:30-4:30 बजे तक भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद् के सभागार में सम्पन्न हुआ।
सम्पूर्ति सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में वक्तव्य देते हुए प्रो. सरोज कौशल, अधिष्ठाता, कला संकाय, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर ने पं. मधुसूदन ओझा प्रणीत गीताविज्ञानभाष्य के वैशिष्ट्य को प्रतिपादित करते हुए कहा कि पं. ओझा के इस भाष्य में समन्वयवादी दृष्टिकोण मिलता है। उन्होंने पुरातन विषयों को नूतन व्याख्या पद्धति से निरूपित किया है। दर्शन की भिन्न-भिन्न शाखाओं में भी उन्होंने समन्वय स्थापित किया है। उनके द्वारा प्रयुक्त पारिभाषिक शब्दावली का को...