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Book सामाजिक न्याय (अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ
SRIJAN.KAVITA

Book सामाजिक न्याय (अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ

इस हफ्ते पढ़ी किताब : सामाजिक न्याय (अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ ) - सुधांशु शेखर सुधांशु शेखर उन चुनिंदा युवा लेखकों मे हैं जिन्होंने अपने शोधकार्य को बहुत गंभीरता से लिया है और उसके आधार पर हमारे आधुनिक इतिहास के महानायकों के जीवन दर्शन पर गंभीर लेखों और कृतियों का सृजन किया है । इसके पहले मैंने इसी कड़ी मे हिंद स्वराज को केंद्र मे रखकर गांधी दर्शन पर लिखी उनकी कृति पर भी लिखा था । यह सुधांशु की दूसरी महत्वपूर्ण कृति है जो हमें पूरी गंभीरता से अंबेडकर के विचारों और जीवन दर्शन से रूबरू कराती है ।   हिंद स्वराज और गांधी पर मेरा भी काफी अध्ययन रहा है इसलिए सुधांशु की उस कृति पर मेरी आलोचना अधिक समीचीन थी लेकिन सुधांशु की इस कृति से गुजरते हुए मुझे लगातार यह अहसास होता रहा कि मैं भी अंबेडकर की विचारधारा को बेहतर और समग्र रूप मे समझ पा रहा हूं ।निश्चित रूप से अंबेडकर को...
Ambedkar डॉ. अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित।
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Ambedkar डॉ. अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित।

डॉ. अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित --------- डाॅ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं सेहत केंद्र के तत्वावधान में भारत के नव-निर्माण में में डॉ. अंबेडकर का योगदान विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने भारत के नव-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने संविधान के माध्यम से भारत के सभी लोगों के लिए स्वतंत्रता, समानता, बंधुता की गारंटी दी है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि डाॅ. अंबेडकर केवल दलितों के नेता नहीं थे, बल्कि वे संपूर्ण मानवता के उन्नायक थे। उनके विचारों पर चलकर ही संपूर्ण राष्ट्र एवं पूरी दुनिया में सामाजिक न्याय एवं शांति आ सकती है। विशिष्ट अतिथि अनुम...
Ambedkar। मेरे जीवन में डॉ. अंबेडकर
SRIJAN.AALEKH

Ambedkar। मेरे जीवन में डॉ. अंबेडकर

मेरे जीवन में डॉ. अंबेडकर -------------------------- मेरी समकालीन भारतीय दार्शनिकों में रूचि है। खासकर स्वामी विवेकानंद, महात्मा गाँधी, डाॅ. भीमराव अंबेडकर, जे. कृष्णमूर्ति और ओशो रजनीश मेरे प्रिय हैं। मैंने इन सबों की कई पुस्तकें पढ़ी हैं और मेरे जीवन पर इन सबों का प्रभाव भी है। लेकिन मैं सबसे अधिक डाॅ. अंबेडकर से प्रभावित रहा हूँ-न केवल वैचारिक रूप से, बल्कि व्यावहारिक रूप से भी। आज मैं जो कुछ भी हूँ, उसमें डाॅ. अंबेडकर के प्रति मेरे लगाव की बड़ी भूमिका है। मुख्य बातें निम्नवत हैं- ___________ 1. शोध का निर्णय --------- मैंने एम. ए. की पढ़ाई के दौरान ही तय कर लिया था कि मुझे पी-एच. डी. शोध करना है, डाॅ. भीमराव अंबेडकर के दर्शन पर। मैंने इस बात को ध्यान में रखकर मन ही मन शोध-निदेशक का चयन शुरू किया। मुझे ऐसे शिक्षक की तलाश थी, जो विषय के अधिकारिक विद्वान हों, सामाजिक न्याय क...