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Sudhan क्रिकेट मैच के बहाने…

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मधेपुरा एवं आसपास के क्रिकेट प्रेमी सादर आमंत्रित हैं।
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ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के क्रीड़ा मैदान पर 01 दिसंबर, 2023 (शुक्रवार) को पूर्वाह्न 11: 00 बजे से एक क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया है। इसमें महाविद्यालय के सभी स्नातकोत्तर विभाग बनाम शिक्षाशास्त्र विभाग के बीच मुकाबला होगा। स्नातकोत्तर विभाग टीम का नेतृत्व प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव और शिक्षाशास्त्र विभाग टीम का नेतृत्व विभागाध्यक्ष डॉ. जावेद अहमद करेंगे।

मधेपुरा एवं आसपास के क्रिकेट प्रेमी सादर आमंत्रित हैं।
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यहां मैं यह बताना चाहता हूं कि मैं बचपन से ही आउटडोर गेम्स की बजाय इंडोर गेम्स पसंद करता रहा हूं। मुझे क्रिकेट एवं फुटबॉल नहीं, बल्कि शतरंज एवं ताश खेलना पसंद है और दोनों पसंदीदा खेल में कुछ हद तक महारथ भी हासिल है।

मुझे महज 7-8 वर्ष की उम्र में मेरे नाना जी स्वतंत्रता सेनानी श्री रामनारायण सिंह ने शतरंज खेलना सीखा दिया था। इस बारे में मैं पहले भी लिख चुका हूं। ताश कैसे सीखा यह याद नहीं है, लेकिन मैंने अपना बहुत कीमती समय इस खेल में बर्बाद किया है। हद तो यह होती थी कि मैं अपने मित्रों के साथ दूर किसी खेत के बीचोंबीच बैठकर दिनभर भूखे-प्यासे तास खेलता रहता था और मेरी नानी मां मुझे खाना खिलाने को लेकर परेशान रहती थीं।

मेरे मामा जी श्री अग्निदेव सिंह जी Agnideo Singh भी मेरे साथ शतरंज खेला करते थे। लेकिन वे चाहते थे कि मैं आउटडोर गेम्स भी खेलूं। वे मुझे स्पेशली भागलपुर शहर से क्रिकेट का बैट-बाल एवं विकेट और फुटबॉल आदि लाकर देते थे। लेकिन मेरी उसमें रूचि नहीं जमती थी। कभी-कभी तो मामाजी मुझे सुबह-सुबह मैदान पर ले जाकर मुझे फुटबॉल खेलाते थे, फिर भी मैं पूरे मन से नहीं खेलता था।

मैंने आजतक ने तो रेडियो पर किसी मैच की कमेंट्री सुनी है तथा न ही टीवी पर कोई मैच देखा है, टिकट कटाकर स्टेडियम में मैच देखने जाने का तो सवाल ही नहीं उठता है। वैसे मामा जी कुछ दिनों पूर्व हुए क्रिकेट विश्वकप के लखनऊ में हुए मुकाबले को देखकर आए हैं।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मुझे किसी क्रिकेट स्टार में कोई रुचि नहीं है। वैसे अखबारों में थोड़ा-बहुत खेल आदि पर कुछ-न-कुछ पढ़ना पड़ता है और एकाध बार लिखा भी हूं। ऐसा ही एक वाकया वर्षों पुराना है, तब मैं प्रभात खबर, भागलपुर में काम करता था। मेरे मित्र पंकज ठाकुर Pankaj Thakur खेल संवाददाता थे। एक दिन उन्होंने जयप्रकाश उद्यान, भागलपुर में आयोजित सद्भावना कप में खेलने आए महेंद्र सिंह धोनी का साक्षात्कार लेने साथ चलने का बहुत आग्रह किया। लेकिन मैंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि नहीं जाइएगा, तो आपको स्क्रिप्ट लिखने में सहयोग करना होगा। मैंने यह बात मान ली। फिर मेरे सहयोग से पंकज भाई द्वारा महेंद्र सिंह धोनी का लिया गया वह साक्षात्कार छपा था- ‘गुडफिल हो रहा है भागलपुर में’ (शीर्षक ठीक से याद नहीं है)।

यह जानकर आश्चर्य होगा कि मैंने एक-दो क्रिकेट मैच खेला है और एक बार आर. एस. कालेज, तारापुर के मैदान में ओशो महोत्सव क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन कराया था। कई दिनों तक चली यह प्रतियोगिता काफी शानदार रही थी और इसे आगे भी कराने की योजना थी। लेकिन हमें ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन, पुना से यह संदेश प्राप्त हुआ कि ओशो किसी भी तरह की प्रतियोगिता के पक्षधर नहीं थे। इसलिए उनके नाम पर कोई प्रतियोगिता कराना उचित नहीं है। इसलिए हमने आगे कोई प्रतियोगिता नहीं कराई।

बहरहाल, आज वरिष्ठ पत्रकार एवं सहायक प्राध्यापक (इतिहास) अग्रज डॉ. अमिताभ कुमार Amitabh Kumar की पहल और उप क्रीड़ा सचिव सह विभागाध्यक्ष (मनोविज्ञान) डॉ. शंकर कुमार मिश्र Shanker Mishra एवं अन्य के सहयोग से महाविद्यालय में पहली बार शिक्षकों के लिए कोई प्रतियोगिता होने जा रही है। मैं भी क्रिकेट टीम के एक सदस्य के रूप में इसमें शामिल होने जा रहा हूं। जैसे कि मेरी पुरानी आदत है, ठीक उसी तरह एक बार फिर बिना किसी अभ्यास के (कृपया, इस आदत से बचें।)

यदि क्रिकेट मैच देखने में रूचि हो, और समय मिले, तो आइए न हमरे कॉलेज में…

अभी इतना ही…

-सुधांशु शेखर, असिस्टेंट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा

01.12.2023

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