ABVP आक्रोश मार्च से जुड़ी ख़बरें।

आक्रोश मार्च

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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् मधेपुरा नगर इकाई ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत संदेशखाली (पश्चिम बंगाल) में महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ एक आक्रोश मार्च निकाला। यह मार्च बीएनएमयू प्रशासनिक परिसर से कॉलेज चौक तक निकाला गया। अंत में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला दहन किया गया।

 

परिषद् के विभाग संयोजक सौरभ यादव ने कहा कि बंगाल की पवित्र भूमि देवी स्वरूप शक्ति की आराधना-स्थली रही है।

दुर्भाग्यवश वर्तमान में पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की वोट बैंक की संकीर्ण राजनीति के चलते महिलाओं की अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर रही है। यह जिहादियों के विस्तारवादी चरित्र का प्रतिबिंब है।

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक परिपेक्ष्य में देखें तो अक्टूबर-नवंबर 1946 में स्वतंत्रता पूर्व के तत्कालीन संयुक्त बंगाल में नोआखाली की विध्वंसक घटना की याद दिलाती है। संदेशखाली की घटना भी इस की पुनरावृति प्रतीत होती है।

जिला संयोजक नवनीत सम्राट ने राष्ट्रपति से मांग की है कि वे अपनी ओर से इस मामले में हस्तक्षेप करें। अविलंब सत्ता प्रायोजित एवं सत्ता संपोषित हिंसा एवं महिलाओं की सामूहिक अस्मिता-हनन पर रोक लगाई जाए। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की केंद्रीय एजेंसी जांच एजेंसी के माध्यम से उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों पर कड़ी-से-कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।

नगर मंत्री अंकित आनंद ने कहा कि महिला विरोधी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नीतीश सिंह यादव ने कहा कि संदेशखाली में जिहादी समूह द्वारा स्त्री-अस्मिता का हनन किया जा रहा है। अधिकांश पीड़ित महिलाएं अत्यंत पिछड़े एवं अनूसूचित वर्ग की हैं।

 

नगर अध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् हमेशा राष्ट्रपति के मुद्दों को केंद्र में रखकर कार्य करता रहा है। हमारे लिए राष्ट्रीयहित सर्वोपरि है और राष्ट्र-विरोधी ताकतों के मनसुबों को कभी भी पूरा नहीं होने दिया जाएगा।

इस अवसर पर राजू सनातन, सत्यम कुमार , अंकित राज, सौरभ कुमार, गुरुनंदन कुमार, अमरजीत कुमार, विशाल कुमार, बाबुल कुमार, आशीष कुमार, मानव कुमार, शिवम कुमार , सुभम कुमार, सौरभ कुमार, देवाशीष कुमार आदि उपस्थित थे।