*डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स का पाठ्यक्रम तैयार*
पीजी डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट के बोर्ड ऑफ स्ट्डीज की बैठक सोमवार को स्नातकोत्तर भूगोल विभाग में संपन्न हुई।
इसमें नामांकन और परीक्षा के नियम, परिनियम एवं अधिनियम को चर्चा- परिचर्चा उपरांत अंतिम रूप दिया गया। आगे इसे आगामी विद्वत परिषद् में विचारार्थ प्रस्तुत करने हेतु समर्पित किया जाएगा।
मालूम हो कि बिहार के किसी विश्वविद्यालय में पहली बार यह कोर्स शुरू हो रहा है। यह कोर्स एक साल का होगा, जिसमें दो सेमेस्टर होंगे। सेमेस्टर सिस्टम के सभी नियम इसमें लागू होगा।
बैठक में इस कोर्स का पाठ्यक्रम को भी अंतिम रूप दिया गया। इसमें कुल आठ पत्र होंगे। इसमें प्रैक्टिकम और प्रोजेक्ट वर्क भी शामिल है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डाॅ. गणेश प्रसाद ने बताया कि इस कोर्स से विद्यार्थियों को रोजगार का अवसर मिलेगा।
बैठक में बाह्य विशेषज्ञ तिलकामाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर में स्नातकोत्तर भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. संजय कुमार झा, पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. शिवमुनि यादव, पार्वती विज्ञान महाविद्यालय के प्रोफेसर राजेंद्र यादव, सदस्य- सचिव सुभाष झा, परीक्षा नियंत्रक आर. पी. राजेश एवं उप कुलसचिव (शै.) डाॅ. सुधांशु शेखर उपस्थित हुए।
मालूम हो कि आपदा एक प्राकृतिक या मानव निर्मित जोखिम का प्रभाव है। इससे मानव, समाज एवं पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभावित पड़ता है। सूखा, बाढ़, चक्रवाती तूफानों, भूकम्प, भूस्खलन, वनों में लगनेवाली आग, ओलावृष्टि, टिड्डी दल और ज्वालामुखी फटने जैसी विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है और इन्हें रोका जा सकता है। लेकिन इनके प्रभाव को एक सीमा तक जरूर कम किया जा सकता है, जिससे कि जान-माल का कम से कम नुकसान हो। इसमें आपदा-प्रबंधन की महती भूमिका होती है।
आपदा-प्रबंधन आपदा को रोकने या उससे निपटने के उपायों की योजना, आयोजन, समन्वय तथा कार्यान्वयन की निरंतर एवं एकीकृत प्रक्रिया है। इससे किसी भी आपदा के जोखिम या इसकी गंभीरता या परिणामों के को कम किया जा सकता है। इसमें बचाव एवं राहत और पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण की बातें भी शामिल हैं।
पूरा बिहार और विशेषकर कोसी क्षेत्र विभिन्न आपदाओं से ग्रसित है। अतः यहाँ आपदा-प्रबंधन की महती भूमिका है।
ऐसे में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में पीजी डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स की शुरूआत एक सराहनीय कदम है।