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BNMU। शिक्षक से बड़ा कोई पद नहीं और शिक्षादान से बड़ा कोई धर्म नहीं

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शिक्षक से बड़ा कोई पद नहीं है और शिक्षादान से बड़ा कोई धर्म नहीं है। एक कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक की जरूरत आज सभी शैक्षिक संस्थानों को है। यह बात भूपेंद्र नारायण विश्वविद्यालय, मधेपुरा के कुलपति डॉ. आर.के.पी रमण ने कही। वे विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. ललन प्रकाश सहनी के सम्मान सह विदाई समारोह में बोल रहे थे।

इस अवसर पर बीएड विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि पहली बार विश्वविद्यायल में बीएड की पढ़ाई शुरू होने के बाद से डॉ. सहनी ने विभाग को एक नई ऊंचाई प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिक्षक के रूप में उन्होंने ईमानदारी पूर्वक अपने जिम्मेदारी का निर्वहन किया है।
बीएड विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ पवन कुमार पाल ने कहा कि डॉ. सहनी ने छात्रों के हित के लिए जो कार्य किया वो हम सभी के लिए एक उदाहरण है। हम सभी शिक्षकों और छात्रों को उनके पदचिन्हों पर चलने की कोशिश करनी चाहिए।इस अवसर पर एमएड विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ बुद्धप्रिय , शिक्षक डॉ शिवेंद्र सिंह एवं डॉ फिरोज मंसूरी और बीएड विभाग के शिक्षक डॉ. वीरबहादुर यादव, रोविन्स कुमार, रूचि कुमारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
विदित हो कि शिक्षाशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. ललन प्रकाश सहनी जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रवक्ता के रूप में चयनित हुए हैं, और वे वर्तमान में मुंगेर में पदस्थापित हैं। छात्र अपने प्रिय शिक्षक के किसी अन्य जगह पदस्थापित होने पर काफी गमगीन दिखे।

विभाग के शिक्षकों और छात्रों द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत छात्रा करुणा और नसरीन के स्वागत गान से हुई। ततपश्चात केशव, पल्लवी, अल्का, रूपम, खुशबु, राजकुमार, ब्रजेश, राकेश, अलोक, आदित्य, वीर भूषण,  प्रीत, बिट्टू, संजीव, विवेक, सुमित सहित अन्य कई छात्रों ने भी पूर्व विभागाध्यक्ष के सम्मान में कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। साथ ही शिक्षकों तथा छात्रों द्वारा शिक्षा वाटिका में वृक्षारोपण भी किया गया।

मंच संचालन आशीष कुमार मिश्रा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राम सिंह यादव ने किया।

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