LNMU। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के मनोविज्ञान के सहायक अध्यापक का शोध पत्र पूरे भारत में गूगल सर्च पर नंबर वन

*ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान के सहायक अध्यापक का शोध पत्र पूरे भारत में हुआ गूगल सर्च पे नंबर वन*

ल•ना•मि•वि• के सीएम कॉलेज के स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग के सहायक अध्यापक, श्री अमृत कुमार झा के शोध पत्र शीर्षक *अंडरस्टैंडिंग कोरोनाफोबिया* कल पूरे भारतवर्ष में कोरोनोफोबिया गूगल सर्च में नंबर वन पर पाया गया। गौरतलब है कि गूगल सर्च एक ऐसी प्रक्रिया है जो प्रतिदिन लोगों के द्वारा गूगल किये गये जिज्ञासा तथा प्रश्न को दैनिक स्तर पर ट्रेंड या प्रदर्शित करता है। अपने अनुसंधान टोली के बाकी तीन सदस्यों के साथ मिलकर श्री झा ने इस शोध पत्र का आयाम लॉकडाउन के दिनों में अपने आसपास के लोगों के डर और इससे उत्पन्न विभिन्न मनोवैज्ञानिक बदलावों को देखते हुए दिया। दो महीने के अथक परिश्रम के बाद यह शोध पत्र अनुसंधान के सबसे प्रख्यात प्रकाशक *एल्सेवियर के अंतर्गत एशियन जर्नल आफ साइकेट्रि* में बिना संशोधित हुए 6 सितंबर को प्रकाशित हुआ। अपनी इस उपलब्धि पर श्री झा ने कहा की इस शोध पत्र में उनकी टोली ने कोरोनोफोबिया को परिभाषित करते हुए इसके कारकों‌ तथा मॉडल को विकसित किया है। उन्होंने अपनी टोली के प्रति विशिष्ट आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्हीं की बदौलत आज के दिनों में कोरोनाफोबिया के ऊपर पूरे विश्व में यह एक वैचारिक शोध पत्र लोगों तक पहुंच पा रहा है, जो उनके उत्कंठा और डर को बहुत हद तक शांत कर पाएगा। उन्होंने इस बात की‌ भी खुशी जताई ‌कि यह शोध पत्र विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड-19 अनुसंधान में शामिल कर लिया गया है तथा उनके डेटाबेस में उपलब्ध है। ज्ञातव्य हो कि श्री झा आईआईटी खड़गपुर से पीएचडी कर रहे हैं और उनके पिता, प्रो० आदित्य कुमार झा, नागेंद्र झा महिला कॉलेज के रसायनशास्त्र के विभागाध्यक्ष हैं।