आज दिनांक 05.06.2025 को राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय, सहरसा के राष्ट्रीय सेवा योजना एवं स्नातकोत्तर भूगोल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित कर पर्यावरण संरक्षण पर परिचर्चा की गयी। महाविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया।
परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ० ललित नारायण मिश्र ने कहा विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का थीम “बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन” अर्थात प्लास्टिक प्रदूषण को मात दें है। जिसका उद्देश्य हमारे ग्रह पृथ्वी की सुरक्षा और मानव जनित प्रदूषण से संरक्षण के साझा मिशन को साकार करने के लिए समुदायों और व्यक्तियों के व्यवहारों में स्थायी परिवर्तन लाने के प्रति प्रतिबद्ध होना होगा।
उन्होंने कहा हम सभी को प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर विचार करने की आवश्यकता है। प्लास्टिक प्रदूषण से उत्पन्न संकट से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाकर पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ० इंद्रकांत झा ने कहा आज जलवायु परिवर्तन से कई राष्ट्रों के सामने ग्लोबल वार्मिंग से उत्पन्न खतरे पर काबू पाने में आशापूर्ण सफलता नहीं मिल पायी है। कई देशों में औसत वैश्विक तापमान में वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस तक आंकें गये हैं। इसे सीमित करने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य लेकर उपाय अपनाना होगा ताकि भावी पीढ़ी हेतु संपोषणीय विकास के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
डॉ० राजीव कुमार झा ने कहा पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के समक्ष बड़ी समस्या है। यह ठोस अपशिष्ट पदार्थ वायु से प्रतिक्रिया कर वायु की स्वच्छता को प्रभावित करते हैं। इसलिए पेड़, पौधे लगाकर हमे अपने वायुमंडल को स्वच्छ रखने हेतु आवश्यक कदम उठाना चाहिए।
डॉ० अरूण कुमार झा ने कहा कि हम पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले बिजली उपकरणों के न्युनतम उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं। डॉ० अक्षय कुमार चौधरी ने कहा प्राचीन काल में भारत में पर्यावरण संरक्षण की व्यवस्था काफी विकसित थी, जिसमें प्रकृति के सुरक्षा को महत्वपूर्ण माना जाता था। प्राचीन ग्रंथों में पेड़, जल, भूमि और जानवरों के महत्व का उल्लेख है जहां लोग प्राकृतिक वस्तुओं की पूजा कर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया करते थे। इस प्रसंग में वृक्षारोपण और वृक्षों को कटने से बचाने का कार्य अनुकरण योग्य है।
कार्यक्रम में डॉ० राम अवधेश कुमार, डॉ० अमिष कुमार, डॉ० आलोक कुमार झा, डॉ० सुदीप कुमार झा, डॉ० पंकज कुमार , डॉ० बाबर खान, डॉ० ब्रजेश यादव, सुशील कुमार झा,नंद किशोर झा, आलोक मिश्र, बैधनाथ चौधरी, शिवम तिवारी, चांदनी कुमारी,पूजा कुमारी के साथ साथ सभी स्वयंसेवक मौजूद थे।