*वसुधैव कुटुम्बकम् पर संवाद आयोजित*
स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के तत्वावधान में वसुधैव कुटुम्बकम् विषय पर ऑनलाइन संवाद का आयोजन किया गया।
*प्रो. अरविंद विक्रम सिंह होंगे मुख्य वक्ता*
मुख्य वक्ता दर्शनशास्त्र विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर (राजस्थान) के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अरविंद विक्रम सिंह ने कहा कि भारतीय दर्शन में संपूर्ण चराचर जगत के कल्याण की कामना की गई है। हमारे कुटुम्ब में पूरी दुनिया के सभी व्यक्तियों के साथ-साथ सभी पशु-पक्षी, पेड़-पौधे भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि धरा पर कोई भी वस्तु या उत्पाद सिर्फ मेरे लिए नहीं है, बल्कि उस पर सबका सम्मान रूप से हक है। अगर हम दूसरे के हक को छीनते हैं, तो यह पाप है। इसलिए हमें त्यागपूर्वक किसी भी वस्तु का उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आधुनिक मनुष्य अंधाधुन विकास की यात्रा में लगा हुआ है। वह प्रकृति के संसाधनों का दोहन कर रहा है। इससे प्रकृति में असंतुलन पैदा हो रहा है।
मुख्य अतिथि प्रो. जटाशंकर ने कहा कि भारतीय दर्शन की यह मान्यता है कि संपूर्ण चराचर जगत में ईश्वर का वास है। यही वसुधैव कुटुम्बकम् का तात्विक आधार है।
उन्होंने बताया कि इस अवसर पर मुख्य अतिथि अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के पूर्व अध्यक्ष प्रो. जटाशंकर (प्रयागराज) होंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता आईसीपीआर के पूर्व अध्यक्ष प्रो. रमेशचंद्र सिन्हा ने कहा कि आज पूरी दुनिया शांति एवं विकास भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है।
अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने बताया कि यह कार्यक्रम भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित यह कार्यक्रम पूरी तरह नि:शुल्क था। इसमें भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को फीडबैक फॉर्म भरने के बाद प्रमाण-पत्र जारी किया गया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि महाविद्यालय में प्रत्येक माह किसी-न-किसी विषय पर संवाद का आयोजन किया जाता है।
इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो. कुसुम कुमारी, महिला दार्शनिक परिषद की अध्यक्ष प्रो. राजकुमारी सिन्हा, दर्शन परिषद, बिहार की अध्यक्ष प्रो. पूनम सिंह, एलएनएमयू, दरभंगा के प्रो. सुनील चंद्र मिश्र, डॉ. प्रशांत शुक्ल, डॉ. विजय कुमार, डॉ. सुधा जैन आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर युवराज सिंह, रामानुज रवि, मीनू तिवारी, लीना कल्याल, डॉ. ईश्वर चंद, विवेक कुमार, विनय कुमार, डॉ. शंभू पासवान, भावना कुमारी, शोभा मुर्मू, हेमंत मिश्रा, अमित कुमार शर्मा, मनोज कुमार, मुकेश कुमार यादव, सरोज कुमार, निशा सिंह, शिंकु कुमारी, अमलेश कुमार, निरंजन कुमार, प्रिंस कुमार, मधु सिंह, सुरभि द्विवेदी, सोनू कुमार, वंदना, डॉ. माधव कुमार, संजना झा, चक्रधर ठाकुर, विकास यादव, डॉ. श्याम प्रिय, मनीष कुमार आदि उपस्थित थे।