Search
Close this search box.

प्रधानमंत्री का पूरा भाषण पढ़िए, उन्होंने नीतीश कुमार को लाडले मुख्यमंत्री कहकर संबोधित किया

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

प्रधानमंत्री का पूरा भाषण पढ़िए, उन्होंने नीतीश कुमार को लाडले मुख्यमंत्री कहकर संबोधित किया

———————

भागलपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भागलपुर स्थित हवाई अड्डा से किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त के रूप में 22 हजार करोड़ रुपये 9.8 करोड़ किसानों के खाते में हस्तांतरित किया। सम्मान निधि के रूप में हर किसान के खाते में दो हजार रुपये भेजे गए। अपने संबोधन में प्रधनमंत्री ने कहा कि आज हमारे साथ देश के कोने-कोने से कई मुख्यमंत्री और करोड़ों किसान जुड़े हैं। महाकुंभ के समय में मंदरांचल की इस धरती पर आना सौभाग्य की बात है। इस धरती में आस्था विरासत और विकसित भारत का सामर्थ्य है। यह तिलकामांझी की धरती है। सिल्क सिटी है। बाबा अजगैवीनाथ की धारा में महाशिवरात्रि की भी तैयारी चल रही है। ऐसे समय में मुझे पीएम किसान निधि की किस्त किसानों को भेजने का सौभाग्य मिला है। एक क्लिक पर 9.8 करोड़ किसानों के खाते में पैसे गए हैं। यहां मौजूद किसान भी देख रहे थे पैसा उनके खाते में आया कि नहीं। उनकी आंखों में चमक दिखी। बिहार के 75 लाख किसानों के खाते में 16 करोड़ रुपये गए। मैं बिहार और देश के किसानों को शुभकामनाएं देता हूं। साथियों मैंने लाल किले से कहा था कि विकसित भारत के चार स्तंभ है, गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और नारी शक्ति। एनडीए सरकार चाहे केंद्र में हो या फिर यहां नीतीश जी के नेतृत्व वाली सरकार, किसान कल्याण हमारी प्राथमिकता में है। किसानों के लिए हमने पूरी शक्ति से काम किया। किसानों को अच्छे बीज, पर्याप्त और सस्ती खाद, सिंचाई, पशुओं का बचाव और आपादा से नुकसान की भरपाई चाहिए। जो लोग लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं वे इस स्थिति को बदल नहीं सकते। इसे एनडीए ने बदला है। बीते वर्ष में आधुनिक बीज किसानों को दिए गए। पहले किसान यूरिया के लिए लाठी खाते थे। आज पर्याप्त खाद मिलती है। कोराना के समय में भी खाद की कमी नहीं होने दी। अगर एनडीए सरकार नहीं होती तो आज भी हमारे किसान भाई-बहनों को खाद के लिए लाठियां खानी पड़तीं। आज भी बरौनी खाद कारखाना बंद होता। दुनिया के अनेक देशों में खाद की बोरी जो तीन हजार में मिल रही है, हम तीन सौ से कम में दे रहे। एनडीए सरकार नहीं होती तो यूरिया की एक बोरी तीन हजार में मिलती। हमारी सरकार किसानों की भलाई के लिए काम करती है। इस कारण यूरिया और डीएपी के लिए जो खर्च किसान करते, वह सरकार कर रही। बीते दस साल में करीब 12 लाख करोड़ रुपये इसके लिए बजट में से दिए हैं। एनडीए सरकार नहीं होती तो आपको पीएम किसान सम्मान निधि भी नहीं मिलती। इसके छह साल पूरे हो गए। अभी तक तीन लाख 70 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं। इसमें कोई बिचौलिया नहीं है। राशि सीधे खाते में जाती है। पहले योजनओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता था। बिचौलिये ले लेते थे। मोदी और नीतीश जी किसानों का हक किसी को खाने नहीं देंगे। कांग्रेस और जंगलराज वाली सरकार ने खेती का जितना बजट रखा था उससे कहीं ज्यादा पैसा हम किसानों के खाते में भेज चुके हैं। यह भ्रष्टाचारी नहीं कर सकते हैं।

कांगेस और जंगलराज वालों के लिए आप किसानों की तकलीफ भी कोई मायने नहीं रखती। पहले बाढ़, सूखा और ओला आदि पर ये लोग किसानों को अपने हाल पर छोड़ देते थे। 2014 में सरकार बनने के बाद हमने कहा, ऐसे नहीं चलेगा। किसान क्रेडिट कार्ड से पौने दो करोड़ क्लेम मिला है। पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। बहनों को लखपति दीदी बनाया जा रहा है। सवा करोड़ लखपति दीदी बन चुकी है। इनमें बिहार की भी हजारों जीविका दीदी शामिल हैं। पिछले दस वर्षों में दूध उत्पादन 14 करोड़ टन से बढ़कर 24 करोड़ टन हो गया है। इसमें बिहार की भी भागीदारी है। यहां दूध संघ प्रतिदिन तीस लाख लीटर दूध खरीदते हैं। डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने के प्रयास को हमारे ललन सिंह जी बहुत ही कुशलता से आगे बढ़ा रहे हैं। इनके प्रयास से बिहार में दो परियोजना मोतिहारी का सेंटर आफ एक्सीलेंस और बरौनी का दूध संयंत्र शुरू हुआ है। इससे तीस लाख लोगों को फायदा होगा। मछुआरे भाई को पहले की सरकार ने कोई फायदा नहीं दिया। हमने इन्हें किसान क्रेडिट कार्ड दिया। मछली उत्पादान में बिहार शानदार काम कर रहा। जैसा कि नीतीश जी ने कहा, आज मछली में बिहार आत्मनिर्भर बन गया है। 2013 में मैंने कहा था कि बहार में इतना पानी है फिर भी हम बाहर से मछली क्यों लाते। आज बिहार देश का टाप फइव मछली उत्पादक राज्य बन चुका है। भागलपुर की पहचान तो गंगा जी में रहने वाली डाल्फिन से भी होती रही है। यह नमामि गंगे अभियान की बड़ी सफलता है। बीते वर्षों में सरकार के प्रयास से भारत का कृषि निर्यात बढ़ा है। किसानों को उपज की कीमत ज्यादा मिल रही है। कई उत्पादों का निर्यात हो रहा है। अब बारी बिहार के मखाना की है। मखाना आज देश के शहरों में सुबह के नाश्ते का प्रमुख अंग है। मैं भी 365 में से तीन सौ दिन मखाना खाता हूं। यह सुपर फूड है, जिसे दुनिया तक पहुंचाना है। इसलिए बजट में मखाना बोर्ड की घोषणा की गई। यह प्रोसेसिंग, वैल्यू एड और मार्केटिंग में किसानों की मदद करेगा। बजट में बिहार के किसानों और नौजवानों के लिए पूर्वी भारत में फुड प्रोसेसिंग के लिए बिहार केंद्र बनेगा। नेशनल फुड प्रोसेसिंग इंटरप्रन्येरशिप बनेगा। तीन सेंटर बनेंगे। इनमें से एक भागलपुर में भी बनेगा जो जर्दालु आम पर फोकस करेगा। दो अन्य मुंगेर और बक्सर में बनेंगे, जो आलू, टामाटर आदि की प्रोसिसिंग पर काम करेंगे। आज भारत कपड़े का भी बहुत बड़ा निर्यातक बन रहा है। भागलपुर में पेड़ भी सोना उगलते हैं। भागलपुरी सिल्क और तसर पूरे हिंदुस्तान में मशहूर है। दूसरे देश में भी इसकी डिमांड है। सरकार सिल्क को बढ़ावा दिने के लिए फेब्रिक प्रोसेसिंग यूनिट पर जोर दे रही है। इससे भागलपुर के बनुकरों को आधुनिक संविधाएं मिलेंगी। उनका उत्पाद विदेश तक जाएगा।

नदियों पर पर्याप्त पुल नहीं होने के कारण बिहार को समस्या होती है। आपको आने जाने में दिक्कत नहीं हो इसके लिए काम कर रहे हैं। पुल बना रहे हैं। यहां गंगाजी पर चार लेन के पुल का काम चल रहा है। इस पर 1100 करोड़ से ज्यादा खर्च किए जा रहे। बाढ़ से नुकसान रोकने के लिए हजारों करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। पश्चिमी कोसी नहर परियोजना से 50 हजार हेक्टयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

सराकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए काम कर रही है। दलहन तिलहन में आत्मनिर्भर होने के लिए, किसानों का उत्पाद विदेश तक पहुंचाने के लिए सरकार कदम उठा रही है। दुनिया की हर रसोई में भारत के किसान को काई न कोई उत्पाद होना चाहिए। इसके लिए बजट में पीएम धनधान्य योजना की घोषणा की गई। इसके तहत सौ ऐसे जिलों की पहचान की जाएगी, जहां कृषि उत्पादन बहुत कम होता है। वहां विशेष अभियान चलाकर उत्पादन बढ़ाया जाएगा। दलहन में आत्मनिर्भरता के लिए मिशन मोड पर काम होगा। एमएसपी बढ़ाया जाएगा। आज का दिन इसलिए खास है कि सरकार ने दस हजार एफपीओ का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। आज बिहार की भूमि दस हजार एफपीओ निर्माण की साक्षी बन रही है। मक्का केला और धान पर काम करने वाला एफपीओ खागड़िया जिला में रजिस्टर्ड हुआ है। एफपीओ की शक्ति छोट-छोटे किसानों को बाजार के बड़े-बड़े लाभ सीधे उपलब्ध कराता है। किसानों को अवसर मिल रहे है। देश के करीब तीस लाख किसान एफीपीओ से जुड़े हैं। इसमें करीब 40 प्रतिशत बहनें हैं। यह एफपीओ आज कृषि क्षेत्र में हजारों करोड़ कमा रहा है। इन्हें बधाई देता हूं।

सरकार बिहार के औद्योगिक विकास पर भी काम कर रही है। उर्जा इकाई को कायले की आपूर्ति की जाएगी। इससे विकास को उर्जा मिलेगी। रोजगार मिलेगा। पूर्वोदय से ही विकसित भारत का उदय होगा। हमारा बिहार पूर्व का बड़ा स्तंभ है। कांग्रेस आरजेडी के कुशासन ने बिहार को बर्बाद और बदनाम किया। अब पाटिलपुत्र जैस विकास होगा। बिहार में आधुनिक कनेक्टिविटी के लिए सड़क और जनकल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है। मुंगेर-मिर्जापुर चौकी हाईवे, भागलपुर से हंसडीहा तक सड़क चौड़ीकरण, विक्रमशिला से कटरिया तक रेल लाइन और पुल को स्वीकृति दे दी गई है। बिहार ऐतिहासिक सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह ज्ञान का केंद्र था। नालंदा विवि के बाद अब विक्रमशिला में भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाई जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री, नीतीश जी, उपमुख्यमंत्री विजय जी और सम्राट जी सहित बिहार टीम को बधाई देता हूं। एनडीए सरकार भारत के गौरवशाली इतिहास और शानदार भविष्य के लिए काम कर रही है। जंगलराज वालों को हमारी धरोहर और आस्था से नफरत है। इस समय प्रयागराज में एकता का महाकुंभ चल रहा है। यह भारत की समरसता का सबसे बड़ा महोत्सव है। यूरोप की जनसंख्या से अधिक लोग यहां डुबकी लगा चुके हैं। बिहार से भी गांव-गांव से श्रद्धालु एकता के महाकुंभ से आ रहे हैं। ये जंगलराज वाले महाकुंभ को भद्दी-भद्दी गाली दे रहे। ऐसो लोगों को बिहार कभी भी माफ नहीं करेगा। बिहार को समृद्धि पर ले जाने के लिए हम ऐसे ही काम करते रहेंगे।

पत्रकार माधवेन्द्र कुमार जी के फेसबुक वॉल से साभार।

READ MORE

मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद युवा संसद से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और प्रो. कैलाश प्रसाद यादव, प्रधानाचार्य, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।

मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। कीर्ति कुम्भ (स्मरण एवं संवाद) कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। उद्घाटनकर्ता सह मुख्य अतिथि प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और मुख्य वक्ता प्रो. विनय कुमार चौधरी, पूर्व अध्यक्ष, मानविकी संकाय, बीएनएमयू, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।