Research। शोध : मिथक और यथार्थ विषयक व्याख्यान 9 को

व्याख्यान 9 को
शोध को लेकर शोधार्थियों के मन में कई भ्रांतियाँ और कई तरह के प्रश्न रहते हैं। इन  भ्रांतियों एवं प्रश्नों के समुचित समाधान के लिए शोध बिहार फेसबुक पेज पर लगातार कई विशेषज्ञों के व्याख्यानों का आयोजन किया जा रहा है। इसकी अगली कड़ी में 9 मई, 2020 (शनिवार) को शाम 5 बजे असिस्टेंट प्रोफेसर (दर्शनशास्त्र) एवं जनसंपर्क पदाधिकारी  डॉ. सुधांशु शेखर का लाइव व्याख्यान आयोजित किया गया है। ये शोध : मिथक और यथार्थ विषय पर व्याख्यान देंगे।
डाॅ. शेखर ने यह अवसर देने के लिए शोध बिहार से जुड़े सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रोफेसर डाॅ. रजनीश कुमार शुक्ल और इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य-सचिव डाॅ. सच्चिदानंद जोशी सहित कई गणमान्य लोग यह व्याख्यान दे चुके हैं। अतः ऐसा अवसर मिलना सौभाग्य की बात है।
मालूम हो कि डाॅ. शेखर मूलतः एक पत्रकार एवं लेखक हैं, जिन्होंने शोध एवं अध्यापन के क्षेत्र में भी अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। आप छात्र जीवन से ही शिक्षा, समाज, संस्कृति एवं राजनीति के विभिन्न आयामों पर लगातार चिंतन-मनन एवं लेखन करते रहे हैं। आप भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् (आईसीपीआर), नई दिल्ली के जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), नई दिल्ली के प्रोजेक्ट फेलो (पीएफ) रह चुके हैं।
आपने तीन शोधपरक पुस्तकों की रचना की हैं। ये हैं- ‘गाँधी-विमर्श’, ‘सामाजिक न्याय : अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ’ एवं ‘भूमंडलीकरण और मानवाधिकार’।
उक्त कार्यक्रम को लेकर बीएनएमयू के शोधार्थियों में काफी उत्साह है। शोधार्थी रंजन यादव, सारंग तनय, सौरभ कुमार चौहान, दिलीप कुमार दिल, डेविड यादव आदि ने सभी शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों से आग्रह किया गया है कि ससमय शोध बिहार प्रदेश फेसबुक पेज पर आकर इनका वक्तव्य सुनें और इससे संवाद कर शोध से जुड़ी अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त करें। सभी शिक्षकों से भी विशेष आग्रह है कि इस कार्यक्रम में जुड़कर हमारा उत्साहवर्धन करने की महती कृपा करें।