BNNU सम्मान समारोह

*सम्मान समारोह आयोजित*
हम जब यहाँ आये थे, तो बहुत कुछ सोच के आये थे। हमने कुछ अच्छा करने का संकल्प लिया था। हमने बीएनएमयू को आगे बढ़ाने के लिए पूरी निष्ठा के साथ प्रयास किया।यह बात कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय ने कही।
वे गुरूवार को बीएनएमयू, मधेपुरा के ऑडिटोरियम में आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। यह समारोह कुलपति प्रोफेसर डाॅ. अवध किशोर राय एवं प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली के तीन वर्षों का स्वर्णिम कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। 
कुलपति ने कहा कि तीन वर्ष पूर्व यहाँ पीजी विभाग छोटे-छोटे कमरे में चल रहा था। हमने सभी पीजी विभागों को नार्थ कैंपस में शिफ्ट किया और वहाँ पठन-पाठन का माहौल बनाया। पहले सत्र 3-4 पीछे चल रहा रहा था। हमने उसे पटरी पर लाने का प्रयास किया। लॉकडाउन नहीं होता, तो 2020 की परीक्षा भी हो गई होती।
कुलपति ने कहा कि बीएनएमयू की सूरत बदली है। यहाँ बहुत कुछ काम हुआ है। लेकिन कुछ काम अधूरे भी रह गए। अब सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों की यह जिम्मेदारी है कि वे अधूरे कार्यों को पूरा करें। 
कुलपति ने कहा कि उनका एक सपना है कि विश्वविद्यालय का नैक से मूल्यांकन हो। इस कार्य में शिक्षकों का पर्याय सहयोग नहीं मिला। आगे भी यह काम हो जाए, तो उन्हें प्रसन्नता होगी। सभी मिलकर इस कार्य को पूरा करें। यही उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान होगा।
कुलपति ने कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि उनके बाद प्रोफेसर ज्ञानंजय द्विवेदी कुलपति का प्रभार ग्रहण करेंगे। नए कुलपति यहीं के हैं, दर्शनशात्र के अध्यक्ष हैं। उन्हें आशा है कि नई कुलपति बचे कार्यों को पूरा करेंगे। नए कोर्स भी शुरू करेंगे।
कुलपति ने कहा कि हम सबों को मिलकर हमेशा विश्वविद्यालय के विकास   हेतु कार्य करना है। हम हमेशा यह सोचें कि हम विश्वविद्यालय के हैं और विश्वविद्यालय हमारा है।
प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली ने कहा कि शिक्षकों को सच का साथ देना चाहिए। सच कहना यदि बगावत है, तो समझो हम भी बागी हैं।
मानविकी संकायाध्यक्ष डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी ने कहा कि वे विश्वविद्यालय के विकास  कार्यों को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान कुलपति सहित सभी अतिथियों को अंगवस्त्रम एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। जनसंपर्क पदाधिकारी ने कुलपति को बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय : कल, आज और कल पुस्तक भेंट की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वित्तीय परामर्शी सुरेशचंद्र दास ने की। अतिथियों का स्वागत कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद ने किया। संचालन डाॅ. उदयकृष्ण एवं पृथ्वीराज यदुवंशी ने किया। 
इस अवसर पर पूर्व प्रति कुलपति डाॅ. जयप्रकाश नारायण झा, डीएसडब्लू डॉ. अशोक कुमार यादव, डॉ. आर. के. पी. रमण, डॉ. बी. एन. विवेकानंद, डाॅ. जवाहर पासवान, डाॅ. परमानंद यादव, डाॅ. अरविंद कुमार, डाॅ. सुभाष प्रसाद सिंह, डाॅ. सुधांशु शेखर, शम्भू नारायण यादव, डाॅ. एच. एल. एस. जौहरी, डाॅ. अरूण कुमार मिश्र, डाॅ. एम. आई. रहमान, डाॅ. विपिन कुमार सिंह, डाॅ. अबुल फजल, डाॅ. नरेश कुमारी, डॉ. नवीन कुमार, डाॅ. ललन प्रसाद अद्री, सूरजदेव प्रसाद, डाॅ. के. एस. ओझा, डॉ. अशोक कुमार यादव, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. माधवेन्द्र झा, डाॅ. अभय कुमार, डॉ. शंकर कुमार मिश्र, डॉ. राजेश्वर राय, अखिलेश्वर नारायण, संतोष कुमार, डाॅ. विनोद कुमार यादव, राजेश कुमार, बिमल कुमार आदि उपस्थित थे।
समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग सहित केंद्र एवं राज्य सरकार के सभी निदेशों का शत प्रतिशत पालन किया गया। यथा-सभी लोगों ने मास्क/गमछा लगाया, कार्यक्रम स्थल को सेनेंटाइज किया गया, वासरूम एवं अन्य जगहों पर हेंडवास एवं सेनेंटाइजर की व्यवस्था की गई थी।