Bihar विद्यालय अनुश्रवण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के संबंध में

पत्रांक- बिहार सरकार शिक्षा विभाग
प्रेषक, के० के० पाठक, भा०प्र० से०, अपर मुख्य सचिव।

सेवा में,
सभी जिला पदाधिकारी, बिहार।
विषय : विद्यालय अनुश्रवण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के संबंध में। पटना, दिनांक 13-12-23
महाशय,
आप अवगत हैं कि 01 जुलाई 2023 से विभागीय अनुश्रवण व्यवस्था स्थापित है, जिसके काफी बेहतर परिणाम सामने आए हैं। शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ी है और विद्यालय समय से खुल रहे हैं। इस व्यवस्था के तहत लगभग 40 हजार विद्यालयों का प्रतिदिन निरीक्षण हो रहा है और अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों/अध्यापकों का वेतन काटा जा रहा है। कई प्रधानाध्यापकों पर भी कार्रवाई हुई है। किन्तु इस अनुश्रवण में कुछ और बातें भी सामने आई हैं, जो कि निम्न प्रकार है :-

1. अनुपस्थित शिक्षक द्वारा प्रायः whats app पर ही अपना अवकाश का आवेदन भेजा जाता है। यह स्वीकार्य नहीं है। उन्हें अपना अवकाश का आवेदन भौतिक रूप से विद्यालय पहुंचाना चाहिए, ताकि निरीक्षी पदाधिकारी यह देख सकें कि आवेदन किस तारीख को दिया गया है और किस तारीख को स्वीकृत/अग्रसारित हुआ है। अतः सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को सूचित किया जाए कि किसी भी शिक्षक/अन्य कर्मी/पदाधिकारी का आवेदन whats app पर नहीं लिया करें।

2. हम प्रायः विद्यालय का निरीक्षण दिन में एक ही बार करते हैं। कतिपय अनुशासनहीन शिक्षकों के बारे में यह पता चला है कि वह निरीक्षण होने के बाद समय से पहले 02.00 या 03.00 बजे के बीच विद्यालय से नदारत हो जाते हैं। ऐसे कुछ मामले हमारे पदाधिकारियों ने पकड़े भी हैं, जब ये शिक्षक/प्रधानाध्यापक जिस समय भाग रहे थे और उसी समय हमारी निरीक्षण टीम पहुंच गई। शिक्षकों में यह प्रवृत्ति इसलिए देखी जा रही है, क्योंकि वे जानते हैं कि विद्यालयों का निरीक्षण अमूमन दिन में एक ही बार होता है। यानि विद्यालय निरीक्षण का समय अब predictable हो गया है। अतः हमें अब inspection की predictability को देखना होगा और हमें इसे “unpredictable” बनाना होगा। ऐसा करने के लिए आपको निरीक्षण रोस्टर को सुधारना होगा और विद्यालयों को निम्नलिखित तीन श्रेणियों में रखना होगा-

श्रेणी क-श्रेणी ख-वैसे विद्यालय, जहां निरीक्षण पहली पाली में हो। वह निरीक्षण सुबह 09 से 12 बजे के बीच में हो। वैसे विद्यालय, जहां निरीक्षण दूसरी पाली यानि 02 बजे से 05 बजे के बीच में
हो। वैसे विद्यालय, जहां उपरोक्त दोनों पालियों में निरीक्षण हो। श्रेणी ग-ऐसा करने से हम School Inspection की unpredictability को बढ़ा सकते हैं और शिक्षक संवर्ग में यह संदेश चला जाना चाहिए कि हम उनके विद्यालय में कभी सुबह की पाली में या कभी दोपहर की पाली में या कभी दोनों पालियों में पहुंच सकते हैं।

अतः आपके विद्यालय के निरीक्षण के रोस्टर को random रखना होगा और इसे यथासंभव गोपनीय रखना होगा, ताकि कोई शिक्षक यह अनुमान नहीं लगा सके कि उनके विद्यालय का निरीक्षण कब और किस समय होने वाला है। साथ ही, अब निरीक्षण रोस्टर मासिक न बनाकर, साप्ताहिक रूप से बनाया जाय और जो विद्यालय पिछले सप्ताह श्रेणी-क में थे उसे श्रेणी-ख अथवा श्रेणी-ग में रखा जाय। इसी प्रकार रोस्टर को प्रत्येक सप्ताह randomise किया जाए।

विश्वासभाजन

(के० के० पाठक)
अपर मुख्य सचिव।