Search
Close this search box.

रतन टाटा को श्रद्धांजलि। भारत रत्न सम्मान देने की मांग

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

रतन टाटा को श्रद्धांजलि
—–
भारत रत्न सम्मान देने की मांग
——
ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में रतन टाटा (28 दिसंबर, 1937 से 9 अक्टूबर, 2024) के सम्मान में सोमवार को एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि रतन टाटा एक आदर्श उद्योगपति थे।‌ वे 1961 में टाटा ग्रुप में शामिल हुए और
लंबे समय तक इसके सर्वोच्च पद पर विराजमान रहे। उन्होंने भारत के औद्योगिक विकास में महती भूमिका निभाई।
*भारत के सच्चे रत्न थे रतन*
डॉ. मधेपुरी ने कहा कि रतन टाटा भारत के सच्चे रत्न थे। उन्होंने सेवा एवं परोपकार की मिशाल कायम की और लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाया। उद्योग एवं व्यापार के साथ-साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उनकी पहल देश को वर्षों तक लाभान्वित करेगी।

*सामाजिक दायित्वों का किया निर्वहन*
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने उत्कृष्टता एवं विश्वसनीयता के साथ अपने उद्योग एवं व्यवसाय का विस्तार किया। उनके कुशल नेतृत्व में टाटा ग्रुप की कंपनियों ने देश के विकास में अहम योगदान दिया और विश्व के सौ देशों में अपना विस्तार किया।

प्रधानाचार्य ने कहा कि रतन टाटा आर्थिक लाभ से अधिक सामाजिक दायित्वों के निर्वहन पर ध्यान देते थे। उन्होंने उद्योग एवं व्यापार में नैतिकता एवं मानवता के उच्च मानक स्थापित किया। कोरोना के समय में रतन टाटा ने बड़ा दिल दिखाते हुए देश के लोगों के बेहतरी के लिए पंद्रह हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे।

प्रधानाचार्य ने कहा कि रतन टाटा ने देश की अर्थव्यवस्था, व्यापार एवं उद्योग को गति देने में महती भूमिका निभाई। मानवता की सेवा में उनके अमूल्य योगदान के लिए देश सदैव उनका ऋणी रहेगा। उनके निधन से न केवल भारत, बल्कि संपूर्ण विश्व को अपूरणीय क्षति हुई है।

*बना है छात्रावास*
टाटा आयरन एवं स्टील छात्रावास के अधिक्षक डॉ. उपेन्द्र प्रसाद यादव ने बताया कि महाविद्यालय में टाटा द्वारा दिए गए अनुदान से एक चौबीस बेड का छात्रावास संचालित है। इसका निर्माण तत्कालीन प्रधानाचार्य सह सांसद प्रो. महावीर यादव के कार्यकाल में हुआ था।

कार्यक्रम के अंत में सभी लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। ईश्वर से प्रार्थना की गई कि वे रतन टाटा के परिजनों तथा शुभचिंतकों को दुख सहन करने की शक्ति दे। सबों ने सर्वसम्मति से भारत सरकार से मांग की कि रतन टाटा को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया जाए।

इस अवसर पर अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन, दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर, डॉ. विजया कुमारी, डॉ. स्वर्ण मणि, डॉ. रोहिणी, मिथिलेश कुमार, डॉ. कुमार सौरभ, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. रागिनी, डॉ. कुमार गौरव, डॉ. शहरयार अहमद, अमित कुमार, डॉ. आशुतोष झा, विनित राज, अर्जुन साह, नारायण ठाकुर, राजा कुमार, डॉ. अशोक कुमार अकेला, विवेकानंद, मणीष कुमार, महेश कुमार, सुनील कुमार आदि उपस्थित थे।

READ MORE

[the_ad id="32069"]

READ MORE