प्रो. ज्ञानंजय द्विवेदी को डॉ. शकुंतला सिन्हा दर्शन पुरस्कार
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अखिल भारतीय दर्शन परिषद् का त्रिदिवसीय 69 वां वार्षिक अधिवेशन 22-24 मार्च तक रांची विश्वविद्यालय, रांची में संपन्न हुआ। इसमें बीएनएमयू, मधेपुरा के पूर्व कुलपति एवं पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो. ज्ञानंजय द्विवेदी को उनकी पुस्तक अधिनीतिशास्त्र का सरल अध्ययन के लिए डॉ. शकुंतला सिन्हा दर्शन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. अजीत कुमार सिन्हा, कुलपति प्रो. तपन कुमार शांडिल्य, अभादप के अध्यक्ष प्रो. जटाशंकर, सामान्य अध्यक्ष प्रो. पूनम सिंह, महासचिव प्रो. जे. एस. दुबे एवं आयोजन सचिव डॉ. अजय कुमार सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
दर्शन परिषद्, बिहार के मीडिया प्रभारी डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि प्रो. द्विवेदी की पुरस्कृत पुस्तक के अतिरिक्त भी चार अन्य पुस्तकें प्रकाशित हैं। ये हैं समाज और राजनीति का दार्शनिक अध्ययन, धर्म दर्शन की समस्याएं, तत्त्वमीमांसीय और ज्ञानमीमांसीय समस्याएं, ईश्वरप्रतिभिज्ञाविमर्शनी : एक दार्शनिक अध्ययन पुस्तक कई विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि प्रो. द्विवेदी मूलतः जौनपुर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले हैं। आपने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से स्नातकोत्तर और पीएचडी की उपाधि हासिल की। आप नवंबर 1982 को बीएसएस कॉलेज में लेक्चरर के पद पर नियुक्त हुए और नवंबर 1990 को रीडर तथा 1998 में यूनिवर्सिटी प्रोफेसर बने। फिर लंबे समय तक विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष रहे और कुछ दिनों तक कुलपति के रूप में भी सराहनीय कार्य किया।