शैक्षणिक परिसर में भी संचालित होंगी एनएसएस की गतिविधियां
डॉ. कृष्ण मोहन ठाकुर बने कार्यक्रम पदाधिकारी
—
राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की गतिविधियां विश्वविद्यालय के शैक्षणिक परिसर अवस्थित स्नातकोत्तर विभागों में भी संचालित की जाएंगी। इसके लिए विश्वविद्यालय मैथिली विभाग के वरीय सहायक प्राध्यापक डॉ. कृष्ण मोहन ठाकुर को कार्यक्रम पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। इस संबंध में कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने निदेशानुसार कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने पत्र जारी कर दिया है। पत्र में अनुरोध किया गया है कि यथाशीघ्र योगदान सुनिश्चित किया जाए।
डॉ. शेखर ने बताया कि वर्ष 2019-2022 तक मनोविज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. शंकर कुमार मिश्र स्नातकोत्तर विभागों के कार्यक्रम पदाधिकारी रहे हैं। लेकिन विगत तीन वर्षों से कार्यक्रम पदाधिकारी की नियुक्ति नहीं होने से स्नातकोत्तर विभागों में विभिन्न गतिविधियों के संचालन में परेशानी हो रही थीं। आगे नियमित रूप से छात्रोपयोगी गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा और इससे विद्यार्थी एवं शोधार्थी लाभान्वित होंगे।
उन्होंने बताया कि एनएसएस की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सौंवें जयंती वर्ष पर 1969 में शैक्षणिक परिसर और समुदाय के बीच एक सार्थक संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से की गई है। इसके उद्देश्यों को सफल बनाने में कार्यक्रम पदाधिकारी की महती भूमिका होती है। कार्यक्रम पदाधिकारी छात्र- छात्राओं के लिए एक मित्र, दार्शनिक एवं मार्गदर्शक होता है। वह युवाओं को आवश्यक नेतृत्व प्रदान करता है और वह सामुदायिक सेवा के माध्यम से छात्रों के व्यक्तित्व विकास में मदद करता है।